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(GMT+08:00) 2005-01-17 18:38:28    
चीन के पश्चिमी क्षेत्र में प्रसिद्ध गायक रोज़आमूर्ति

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चवालीस वर्षीय रोज़आमूर्ति पेइचिंग के केंद्रीय जातीय नृत्य गान मंडल के सदस्य हैं। उन का जन्म शिन च्यांग की राजधानी ऊरूमुचि में हुआ। उन्हें बचपन से ही गाना-नाचना पसंद था।

16 वर्ष की उम्र में रोज़आमूर्ति शिन च्यांग की राजधानी उरूमुचि के नृत्य-गान मंडल में दाखिल होकर नृत्य सीखने लगे। अवकाश के समय में वे गाने का अभ्यास करते। बाद की संगीत शिक्षा उन्होंने संगीत अध्यपिका फान अन जे से ली। सुश्री फान को रोज़आमूर्ति के गीत अच्छे लगे और रोज़आमूर्ति सुश्री फान के विद्यार्थी बन गए। प्रोफ़ैसर फान के मार्गदर्शन में वर्ष 1985 में रोज़आमूर्ति ने शांग हाई संगीत कॉलेज में प्रवेश किया । वहां से स्नातक होने के बाद रोज़आमूर्ति अपने जन्मस्थान शिन च्यांग वापस लौटे और उरूमुचि नृत्य-गान मंडल में शामिल हुए। इस दौरान रोज़आमूर्ति ने चीन के सुप्रसिद्ध संगीतकार वांग लो पिन के साथ सहयोग किया । वांग लो पिन चीन के बहुत मशहूर जातीय संगीतकार रहे हैं । उन्होंने जीवन भर बड़ी संख्या में शिन च्यांग के लोकगीत रचे ।

वर्ष 1994 में रोज़आमूर्ति ने राष्ट्रीय युवा गायन प्रतियोगिता में भाग लिया और उन्हें पेशेवर दलों की जातीय गायन प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ गायक का सम्मान मिला। वर्ष 1997 में रोज़आमूर्ति केंद्रीय जातीय

नृत्य- गायन मंडल में दाखिल हुए और राजधानी पेइचिंग आये। चीनी केंद्रीय जातीय नृत्य-गायन मंडल चीन का एकमात्र राज्य स्तरीय अल्पसंख्यक जातीय कला मंडल है, जिस के अधिकांश सदस्य अल्पसंख्यक जाति के कलाकार हैं। यहां काम करते हुए रोज़आमूर्ति ने अपनी गायन कला में बड़ी उन्नति हासिल की।

रोज़आमूर्ति ने हमें अपने गायन जीवन की एक अविस्मरणीय घटना भी बतायी। दो वर्ष पहले चीनी केंद्रीय जातीय नृत्य गायन मंडल ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रस्तुति दी। रोज़आमूर्ति इस प्रस्तुति में सामिल रहे। समुद्र की स्तह से 3 हज़ार मीटर ऊंचे छिंग हाई-तिब्बत पठार का भौगोलिक वातावरण नृत्य गायन मंडल के अधिकांश सदस्यों को अनुकूल नहीं लगा और वे अपना साधारण कला स्तर भी नहीं दिखा पाये। लेकिन रोज़आमूर्ति नाचते-गाते रहे। उन की सुरीली आवाज और सुंदर नृत्य से स्थानीय लोग बहुत प्रभावित हुए। एक 80 वर्षीय तिब्बती महिला ने प्रस्तुति के बाद मंच पर चढ़ कर रोज़आमूर्ति को सफेद हाता भेंट किया। हाता कोई दो मीटर लम्बा सफ़ेद रेशमी कपड़ा होता है। चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लोगों को सम्मान स्वरूप हाता प्रदान किया जाता है। इस घटना की याद रोज़आमूर्ति अब तक करते हैं। उन्होंने कहा

"उस तिब्बती मां के मुझे हाता प्रदान करने से मैं बड़ा प्रसन्न ही नहीं संतुष्ठ भी हुआ। मुझ जैसे उइगुर गायक के लिए यह हाता एक पुरस्कार व प्रेरणा था। यह मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना है।"

वर्ष 1997 से अब तक रोज़आमूर्ती चीनी केंद्रीय जातीय नृत्य गायन मंडल में काम करते आये हैं। उन्होंने देश के बड़े व मझौले सभी शहरों एवं गांवों में भी प्रस्तुतियां दी हैं। वे चीनी केंद्रीय जातीय नृत्य गायन मंडल की ओर से फ़्रांस, जर्मनी, तुर्की और जापान आदि देशों की यात्रा भी कर चुके हैं और सभी जगह उन के गीतों ने लोगों की वाहवाही लूटी।

गाने के अलावा, रोज़आमूर्ती को अपने दोस्तों के साथ चाय पीते हुए बातचीत करने का शौक है । वे अपने दोस्तों के साथ फिल्में भी देखते हैं और थिएटरों में ऑपेरा का मज़ा लेते हैं। भविष्य की चर्चा में रोज़आमूर्ती ने कहा कि उन्हें अपने जन्मस्थान से गहरा प्यार है इसलिए वे भविष्य में शिंग च्यांग वापस लौट कर वहां संगीत पढ़ाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा संगीत प्रतिभाओं को प्रशिक्षित कर सकें और शिन च्यांग के लोकगीतों को देश में ही नहीं, विश्व भर में प्रसारित कर सकें। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिन च्यांग की जानकारी हासिल हो सकेगी। उम्मीद है, रोज़आमूर्ति की यह आशा पूरी होकर रहेगी।