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(GMT+08:00) 2005-01-14 09:32:19    
चीन की प्रसिद्ध मार्कों की निर्यात उन्नत करने की कोशिश

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गत वर्ष चीन की आयात-निर्यात की कुल रकम 10 खरब अमरीकी डालर से अधिक रही। चीन के विदेश व्यापार में निर्यात की रकम में तेज़ वृद्धि होने के साथ चीन को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में उत्तरोत्तर अधिक व्यापारिक विवादों का सामना करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में चीन स्वतंत्र बौद्धिक संपदाधिकार और स्वतंत्र मार्के के मालों के निर्यात का ज्यादा समर्थन करेगा और निर्यात मालों का अतिरिक्त मूल्य बढ़ाएगा। चीन के संबंधित विशेषज्ञों ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि यह दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे व्यापारिक विवादों को कम करने और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में चीनी मालों की स्पर्द्धा शक्ति बढ़ाने में लाभदायक होगा।

हाल के कुछ वर्षों से चीन के विदेश व्यापार की रकम में 30 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है लेकिन विश्व बाज़ार में चीनी मालों की मांग में वार्षिक वृद्धि की दर 3 से 4 प्रतिशत के बीच रही है। इस का अर्थ है चीन अंतरराष्ट्रीय व्यापार को लेकर ज्यादा विवादों के दौर में प्रवेश कर गया है।

चीनी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गत 1995 के बाद से पिछले 9 वर्षों तक चीन को पूरे विश्व में डम्पिंग की सर्वाधिक जांचों का सामना करना पड़ा। सिर्फ़ 2001 से 2004 तक विदेशों में चीन के खिलाफ़ डम्पिंग के मामलों की जांच से संबंधित रकम 2 अरब 30 करोड़ अमरीकी डालर रही, जो पूरे विश्व में डम्पिंग के मामलों से संबंधित रकम की दो तिहाई थी।

डम्पिंग की जांच की सूची में शामिल होने वाले चीनी मालों में टेक्सटाइल-उत्पाद, रासायनिक वस्तुएं, बिजली के उपकरण आदि रहे, जो श्रमशक्ति की सघनता वाले उत्पाद हैं। टेक्सटाइल-उत्पादों का उदाहरण लीजिये, चीनी टेक्सटाइल- उत्पाद उद्योग संघ के उप प्रधान श्री काओ युन का कहना है कि वर्तमान में चीन किसी भी स्तर व गुणवत्ता के उत्पादों की प्रोसेसिंग करने में समर्थ है लेकिन निर्यातित मालों में मुख्यतः मध्यम व निचले स्तर के उत्पाद होते हैं ।उन का तकनीकी स्तर नीचा होता है और अपना मार्का नहीं होता। इसीलिये चीनी टेक्सटाइल- उत्पादों की संरचना में फेरबदल की बड़ी आवश्यकता है।

यह फेरबदल मुख्यतः दो पहलुओं में अभिव्यक्त होता है। कारोबारों के ढांचे में फेरबदल कर वस्त्र उत्पादन का अनुपात कम कर कृषि व उद्योग में प्रयुक्त टेक्सटाइल- उत्पादों का अनुपात बढ़ाया जाए। इस के अलावा उत्पादों की संरचना में फेरबदल कर निचले स्तर की वस्तुओं का अनुपात कम किया जाए। कारोबारों को स्वतंत्र मार्के वाले वस्त्र तैयार करने में निर्देशन दिया जाए और टेक्सटाइल उत्पादों के निर्यात की स्पर्द्धा शक्ति उन्नत की जाए।

चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के आर्थिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रोफेसर वांग चन जुन का कहना है कि टेक्सटाइल उत्पादों की तरह चीन के रासायनिक वस्तुओं व बिजली के उपकरणों के व्यवसायों को भी स्वतंत्र बौद्धिक संपदाधिकार व अपने मार्के के मालों की तैयारी करने व उन की स्पर्द्धा शक्ति उन्नत करने के सवाल का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कुछ विकासमान देशों में चीन के खिलाफ़ डम्पिंग की जांच के मामले ज्यादा सामने आये हैं। इस कारण चीन के सस्ते दाम पर निर्भर निर्यात को उत्पादों के विस्तार के ज़रिये वृद्धि के ढंग से जल्दी से बदलना चाहिये। मार्के और बौद्धिक संपदाधिकार की तकनीकों पर निर्भर रह कर उत्पादों की तकनीक और कारोबार का स्तर उन्नत किया जाना चाहिये ताकि व्यापारिक विवाद कम किये जा सकें।

उन्होंने कहा कि चीन विकासमान देशों में बड़ा देश है। चीन को निर्यात में मार्के और बौद्धिक संपदाधिकार के निर्माण में तेज़ी लानी चाहिये। ऐसा करने से पड़ोसी देशों के साथ चीन के व्यापारिक संबंधों का समन्वय हो सकेगा।

श्री वांग ने कहा कि वर्तमान में चीन के निर्यात का कोटा विश्व का सिर्फ़ 5.5 प्रतिशत है जो उसके बड़ा व्यापारिक देश कहलाने लायक नहीं है। चीन के निर्यातित मालों का मार्के तैयार करना एक कठिन कार्य है। कारोबारों को स्पर्द्धा की पूरी रणनीति में मार्के की रणनीति के स्थान व भूमिका पर भारी महत्व देने की आवश्यकता है। सरकार को समष्टिगत नीति के क्षेत्र में इसे समर्थन देना चाहिये।