चीन के दस शहरों के नवजात शिशुओं से छै वर्ष की आयु तक के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच का एक परिणाम शुक्रवार को पेइचिंग में घोषित किया गया। इससे पता चला है कि चीनी शहरों के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति विश्व स्वास्थय संगठन के मापदंड के नज़दीक है , लेकिन कुछ बच्चों के पोषण के अभाव या उसकी बहुतायत के शिकार होने का सवाल भी मौजूद है। इसने सुझाव दिया है कि चीन के पोषण कार्य को सरकारी नीति के समर्थन, बाज़ार के निर्देशन तथा नागरिक शिक्षा के तीन पहलुओं में चलाया जाना चाहिये।
चीनी राज्य परिषद की महिला व बाल कार्य समिति के कार्यालय और चीनी बाल केंद्र ने गत वर्ष दो हजार चार की मई से वर्ष दो हजार चार के सितंबर तक चीन के दस शहरों में नवजात शिशुओं से लेकर छै वर्ष की आयु तक के बच्चों की स्वास्थ्य की स्थिति की जांच की। चीनी बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति की यह पहली जांच थी।
जांच के विषयों में बच्चों व उनके संरक्षकों की स्थिति, नवजात व अन्य बच्चों के सहायक खाद्य पदार्थों की स्थिति, बच्चों की शारीरिक स्थिति आदि शामिल रहे। इन दस शहरों में पेइचिंग, शांघाई, छुनछिंग, क्वान चओ, हारपिन, शकाज्वान, चीनान, चनचओ, वू हान, व शीआन शामिल थे।
चीनी बाल केंद्र की प्रधान सुश्री चओ शुन ई ने इस जांच कार्य की अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि इस जांच के परिणाम से यह ज़ाहिर हुआ कि छै या छै वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति अपेक्षाकृत अच्छी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के नज़दीक है, लेकिन इन बच्चों के पोषण की स्थिति में भिन्नता पाई गई। कुछ पोषण के अभाव तो कुछ बहुतायत के शिकार निकले। दस प्रतिशत पोषण के अभाव और छै प्रतिशत उसकी बहुतायत से पीड़ित थे।
सुश्री चओ ने कहा कि पारिवारिक आय का बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उच्च आय वाले परिवारों में बच्चों के पोषण के अभाव की दर नीची होती है।
जांचकर्ताओं ने कहा कि बच्चों के पोषण की स्थिति से उनके विकास और जीवन की गुणवता पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सरकार से समष्टिगत नियंत्रण में तेज़ी लाने का सुझाव दिया। चीनी बाल केंद्र की प्रधान सुश्री चओ ने कहा कि इस जांच में सरकार से समष्टिगत नियंत्रण में तेज़ी लाने और यथाशीघ्र संबंधित नीति व कानून बना कर बच्चों के स्वास्थ् यकी गारंटी करने और निर्धन परिवारों के बच्चों के पोषण की गारंटी की व्यवस्था करने तथा नियमित समय पर बच्चों की स्वास्थ्य की स्थिति का निरीक्षण करने का सुझाव दिया है।
संबंधित विशेषज्ञों ने सरकार से संबंधित कृषि उत्पादों, खाद्य पदार्थों की प्रोसेसिंग आदि क्षेत्रों के निर्देशन में तेज़ी लाने का सुझाव भी दिया है। इस के अलावा नागरिक शिक्षा पर ध्यान दे कर संतुलित आहार व स्वस्थ जीवन जीने के सुझाव पर जोर दिया है।
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