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(GMT+08:00) 2005-01-13 09:59:34    
पश्चिम चीन के गांव में किसानों की सेवा में लगे युवा स्वंयसेवक

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पश्चिमी चीन , देश का एक विशाल इलाका है और वहां का संसाधन भरपूर है। वर्ष 2000 से चीन सरकार ने पश्चिमी चीन के विशाल विकास की योजना शुरू करने के बाद , बहुत से स्वंयसेवकों ने खुद को इस इलाके के विशाल विकस से जोड़ दिया गया है। जून 2003 में पश्चिमी योजना के नाम का एक स्वंयसेवक अभियान ने बहुत से चीनी लोगों का ध्यान पश्चिमी चीन इलाके की ओर खींचा। आज के कार्यक्रम में हम आप को हवांग श्याओ नाम के एक स्वंयसेवक नौजवान का परिचय देगें।

श्री हवांग श्याओ से हमारी मुलाकात पश्चिमी चीन के कुए चओ प्रांत के तालिंग गांव में हुई , वह कद के हिसाब से ज्यादा उंचे तो नहीं है, लेकिन उन्हे देखते ही मालूम पड़ता है कि वह इस इलाके के रहने वाले नहीं है। श्री हवांग श्याओ जुलाई 2003 में हु नान प्रांत के कृषि विश्वविद्यालय जैविक इंजीनीयरिंग मेजर से स्नातक छात्र हैं, उन्होने सान तुंग प्रांत के चीनान शहर के जैविक तकनीकी कम्पनी में मिली अच्छी खासी नौकरी को त्याग कर स्वंइच्छा से पश्चिमी निर्धन इलाके में जाकर वहां की निर्धन उन्मूलन कार्य में योगदान करने का फैसला लिया।

पहली बार अपने गृहस्थान को छोड़कर एक अनजाने इलाके में जाने के निश्चय ने उनकी मां को दुख व परेशानी जरूर तो दी है, लेकिन बेटे के अपने प्राप्त ज्ञान से देश के गरीबी इलाकों का काया पलट करने में योगदान देने के फर्ज को निभाने की इच्छा ने मां के दिल को बड़ी तसल्ली दी। हवांग श्याओ ने हमें बताया उस समय मेरी मां मेरे फैसले से विरूद्ध थी । मै एक उच्चाकांक्षा वाला लड़का हूं, मै नहीं चाहता कि मेरा जीवन फीके पानी की तरह बीत जाए, देश के लिए कुछ अच्छा काम करने का मेरा मन है। देश के गरीब पश्चिमी इलाके की निर्धनता को दूर करने में अपना कर्तव्य निभाने से मुझे खुशी मिलती है।

वर्तमान श्री हवांग श्याओ जैसे कोई 20 हजार स्वंयसेवक कालेज नौजवानों ने पश्चिम चीन में दो साल तक स्वंयइच्छापूर्वक सेवा करने की योजना बनाई है। चीन सरकार ने हर साल हजारों स्वंयसेवक कालेज छात्राओं को पश्चिम चीन के गरीबी इलाकों में वहां के आर्थिक, शिक्षा, चिकित्सा व संस्कृति कार्यों में अपना योगदान करने के लिए भेजने की योजना बनाई है।

श्री हवांग श्याओ को जिस गरीबी इलाके में भेजा गया वहां का यातायात बहुत असुविधाजनक है , इलाका विशाल है पर आबादी बहुत ही कम है, और तो और आर्थिक अत्यन्त पिछड़ा है। वहां की गरीबी हालत देखते हुए हवांग श्याओ ने अपना अनुभव व्यक्त करते हुए कहा हमें सचमुच यहां के लोगों की सहायता करनी चाहिए। हालांकि हमारा जीवन भी इतना धनी तो नहीं है, फिर भी कम से कम पैसों की तंगी नहीं है, अपने मन की चाहत की चीजें खरीदने में दिक्कत नहीं है। यहां केवल खाने के लिए थोड़ा बहुत पैसा है, पर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए एक पैसा भी नहीं है।