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(GMT+08:00) 2005-01-11 19:42:17    
चीन में तकनीक के जरिये ऊर्जा की बचत कार्य

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ऊर्जा किसी भी देश के आर्थिक विकास की कुंजी है । चीन बहुत बड़ी जनसंख्या वाला देश है और इधर के वर्षों में चीन का विकास की गति बहुत तेज़ रही है । इस के चलते ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ी है । रिपोर्ट है कि चीन का तेल उत्पादन , उस की घरेलू जरूरत को पूरा नहीं कर पाता और चीन को मध्य पूर्व से बड़ी मात्रा में तेल का आयात करना पड़ता है । इसलिये अब चीन के शहरों में विज्ञान व तकनीक के जरिये ऊर्जा की बचत पर बहुत जोर दिया जा रहा है ।

मिसाल है कि चीन की राजधानी पेइचिंग शहर में गर्मी मौसम में एयर कंदीशनरों और सर्दियों में हीटरों के लिये खासी बिजली की जरूरत होती है । लेकिन सीमेंट से निर्मित आम वास्तुओं में तापमान बनाना आसान नहीं है । इसलिये सरकार ने वर्ष 1998 से पेइचिंग में नव निर्मित वास्तुओं के लिये ऊर्जा की बचत के मापदंड तक पहुंचने का नियम तय किया । एक आंकड़ा कहता है कि कुछ वर्ष पूर्व तक पेइचिंग शहर के वास्तुओं में प्रति वर्ग मीटर को गरम रखने के लिये 25 किलो कोयला जलाया जाता था , पर अगर सभी नये वास्तुओं में नयी तकनीक के उपयोग से पचास प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की जा सकी , तो पेइचिंग हर साल पांच लाख टन कोयला बच सकेगा ।

इधर कुछ सालों के प्रयासों से पेइचिंग में नये वास्तुओं का ऊर्जा खपत तय मापदंड पर जा पहुंचा है । पर वास्तुओं के सिवा घरेलू इलेक्ट्रोनिक उपकरणों की भी ऊर्जा की बचत में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है । यह जानने हुए चीन सरकार कम ऊर्जा का प्रयोग करने वाले इलेक्ट्रोनिक उपकरणों का विकास करने की कोशिश कर रही है । मिसाल के लिये आज पेइचिंग के सभी बाजारों में भिन्न भिन्न किस्मों के कम ऊर्जा का प्रयोग करने वाले बम्प नज़र आ सकते हैं , कम बिजली की खपत वाले ऐसे लाइट , परंपरागत लाइट की तुलना में ज्यादा समय तक भी प्रयुक्त हो सकते हैं । इस के अलावा चीन सरकार ने फ्रिज , रंगीन टीवी , वाशिंग मशीन समेत कई घरेलू इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के लिये बिजली की खपत का मापदंड भी तय किया है । ऐसे किसी उपकरण के मापदंड के ऊपर रहने पर , इस के उत्पादन पर रोक भी लगाई जा सकती है । चीनी राष्टीय मापदंड अनुसंधानशाला के एक पदाधिकारी के मुताबिक घरेलू इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के लिये कम बिजली का प्रयोग करने का मापदंड तय होने से वर्ष दो हजार दस तक , चीन में 20 करोड़ टन कोयले की बचत की जा सकेगी । घरेलू उपकरणों के अतिरिक्त चीन की संबंधित संस्थाओं ने पंखों , बिजली से चलने वाले नल कूप और ट्रास्फोमर समेत कई मशीनों के लिये भी बिजली का कम से कम प्रयोग करने का मापदंड तय करने की तैयारी की है । इस से देश और अधिक बिजली की बचत कर सकेगा ।

ऊर्जा की बचत को लेकर आज चीन के विभिन्न जगतों में सहमति है । बहुत से कारोबारों ने ऊर्जा की बचत के लिये पूंजीनिवेश किया है , और नयी तकनीकों का प्रयोग करना शुरू किया है । उदाहरण के लिये चीन के बहुत से बिजली घरों में बिजली और उष्मा का संश्रित उत्पादन किया जा रहा है , यानी बिजली पैदा करने से बाकी रहे गर्म पानी की आपूर्ति आसपास की बस्तियों को की जाएगी । इस से उन बस्तियों को गर्म पानी का प्रयोग करने के लिये स्वयं बौइलर लगाने की जरूरत नहीं रह जाएगी ।

अमेरिकी ऊर्जा कोष ने चीन को ऊर्जा की बचत में भारी मदद दी है । इस कोष के कार्यवाहक उप प्रधान श्री ओगडन ने कहा कि चीन में ऊर्जा की बचत की तकनीकों का तेज़ी से विस्तार किया जा रहा है , और इन तकनीकों का बहुत सुधार भी हुआ है । इस कोष के पेइचिंग कार्यालय के एक कार्यकर्ता के अनुसार ऊर्जा की बचत की नयी प्रबंध व्यवस्था लागू करने की भी आवश्यकता है । यानी सरकार को उद्योगधंधों का ऊर्जा बचाने के लिये मार्गदर्शन करना चाहिये । अमेरिकी ऊर्जा कोष ने उत्तरी चीन के शानतुंग प्रांत में एक परियोजना लागू की है , जिस के तहत एक स्थानीय लौह-इस्पात कारोबार ने सरकार के साथ तीन सालों के भीतर अपनी कार्बन डाइओक्साइड की निकासी में 10 लाख टन की कमी लाने का समझौता किया । सरकार ने इस कारोबार को कर में कटौती करने समेत इनाम देने का वचन दिया । उस के बाद बहुत से अन्य कारोबारों ने भी सरकार के साथ ऐसा समझौता संपन्न करने की इच्छा व्यक्त की ।