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(GMT+08:00) 2005-01-07 19:22:29    
चीन के तिब्बत स्वायत्त पर्देश में शिकाजे का विकास

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शिकाजे तिब्बत का दूसरा बड़ा शहर है, और तिब्बत के शिकाजे प्रिफेक्चर का राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक केन्द्र भी है । इस प्रिफैक्चर में पर्यटन संसाधन बहुत प्रचूर है , इस में विश्व की प्रथक ऊंची पर्वत चोटी --हिमालय की चुमालांमा चोटी है , लामा धर्म के सुप्रसिद्ध मठ जाशलुनबु तथा साक्षा है , जो विश्वविख्यात है । शिकाजे प्रिफैक्चर में ठेठ तिब्बती परम्परा में स्थानीय रीति रिवाज देखने को मिलते हैं , स्थानीय निवासियों का सुखद जीवन अनुभव किया जा सकता है । शिकाज़ा का दौरा करने के दौरान मेरी मुलाकात शिकाजे प्रिफेक्चर का उप उच्चायुक्त सुश्री छान्मुछ्यु से हुई। सुश्री छान्मुछ्युन शिकाजे की एक पुरानी निवासी हैं, शिकाजे की तमाम जानकारी उन के दिमाग में याद है।

उप उच्चायुक्त सुश्री छान्मुछ्युन के अनुसार तिब्बत में जनवादी सुधार से पहले यातायात दुर्गम होने के कारण शिकाजे और बाह्य दुनिया का संपर्क कम था और यहां बुनियादी संस्थापनों के निर्माण और आर्थिक विकास भी काफी पिछड़े थे । जनवादी सुधार के बाद , खास कर केन्द्र सरकार के तीसरे और चौथे तिब्बती कार्य सम्मेलनों के बाद शिकाजे के कृषि , यातायात , ऊर्जा तथा दूर संचार जैसे बुनियादी संस्थापनों के निर्माण को बड़ा बढ़ावा मिला , पूंजी निवेश का वातावरण बहुत सुधर गया और शिकाजे का काया भी पलट हो गया । अब शिकाजे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का प्रमुख अनाज उत्पादन केन्द्र बन गया है , प्रिफैक्चर में खेतों का क्षेत्रफल करीब एक लाख हैक्टर है , जो तिब्बत के कुल खेतों का एक तिहाई भाग रहा है , अनाज और खाद्यतेल का उत्पादन पूरे प्रदेश का 40 प्रतिशत बनता है , जो तिब्बत में पहले स्थान पर है । आज के शिकाजे में सभी निवासी खुशहाल जीवनयापन करते हैं ।

 

वर्ष 2003 में शिकाजे का सकल घरेलू उत्पादन मूल्य तीन अरब बीस करोड़ य्वान तक पहुंचा था , किसानों की औसत प्रतिव्यक्ति आय एक हजार आठ सौ 60 य्वान दर्ज हुई और स्थानीय वित्तीय आय दस करोड़ से अधिक रही , अचल संपत्ति में पूंजी का निवेश दो अरब य्वान और शिकाजे के शहरी निर्माण में ही 50 करोड़ य्वान की धन राशि लगायी गई । सुश्री छान्मुछ्युन के विचार में शिकाजे के इस भारी परिवर्तन का श्रेय केन्द्र सरकार व देश के भीतरी इलाकों के भरपूर समर्थन को भी जाता है । शांगहाई शहर, शानतुंग, हैलुंच्य़ांग और चिनलिन प्रांतों की निस्वार्थ सहायता से शिकाजे का निर्माण अधिकाधिक बेहतर होता जा रहा है ।वर्ष 2003 तक कुल नौ सालों के भीतर विभिन्न भीतरी शहरों और प्रांतों ने शिकाजे को सहायता के रूप में एक अरब 40 करोड़ य्वान की पूंजी लगायी , सहायता के मुद्दों में शिक्षा , संस्कृति , स्वास्थ्य चिकित्सा , रिहाइशी आवास , किसानों व चरवाहों के स्थाई निवासों का निर्माण , जल संसाधन विकास , यातायात , टीवी प्रसारण और ऊर्जा विकास आदि शामिल है , आज के शिकाजे में स्थानीय लोग बहुत खुशहाल जीवन बिताते हैं । सुश्री छान्मुछ्युन ने कहाः

"भीतरी इलाकों द्वारा तिब्बत को सहायता दी जाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है , तिब्बती जनता इस का हार्दिक स्वागत करती है , वर्ष 2004 के जून माह में तिब्बत की सहायता करने आए भीतरी क्षेत्र के नए व पुराने लोगों का तबादला किया गया , पुराने लोगों के चले जाने पर स्थानीय निवासियों ने दूर से आ कर उन्हें बिदा दी , बिदाई का माहौल बेहद उत्साहपूर्ण था और बहुत प्रभावकारी था ।"

50 वर्षीय तांजङच्वमा शिकाजे की निवासी है , शिकाजे के जीवन की चर्चा छिड़ी , तो उस की बातचीत का सिलसिला चला , आज के जीवन पर वह काफी संतुष्ट है , वह कहती हैः

"शिकाजे का जीवन पहले से कही ज्यादा बेहतर हो गया और जीवन का स्तर भी ऊंचा हुआ , अब हर क्षेत्र में भारी प्रगति आयी है । तिब्बत की सहायता करने आए भीतरी कार्यकर्ताओं की मदद में यहां के सभी कामों का तेज विकास हो रहा है , जीवन का स्तर भी लगातार उन्नत होता जा रहा है , हम अच्छे पहनते हैं , अच्छा खाते हैं और सैर सपाट भी करते हैं ।"

शिकाजे का दौरा करने के दौरान हमें गहरा अनुभव हुआ है कि यहां के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास तथा जन जीवन में अभूतपूर्व भारी परिवर्तन आया है , हर जगह विकास का फलता फूलता नजारा नजर आया । जो भी विदेशी लोग शिकाजे में आए , वह जरूर यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और अनुपम संस्कृति से आकृष्ट होते है और शिकाजे निवासियों के शिष्टाचार और सदिच्छा से प्रभावित हो जाते हैं ।