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(GMT+08:00) 2005-01-06 17:13:49    
पेइचिंग के शानलिह मोहल्ले के ह्वी लोगों का जीवन

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पेइचिंग में आबाद ह्वी जाति के लोग काफी बड़ी संख्या में पाये जाते हैं , पेइचिंग में मुस्लिम सड़क नाम का एक मोहल्ला भी है , जहां मुस्लिम संप्रदाय का मस्जिद है और आसपास ह्वी जाति के निवासी बसे हुए हैं । इस के अलावा पेइचिंग के पश्चिमी भाग में स्थित शानलिह मोहल्ले में भी दो सौ से अधिक ह्वी परिवार रहते हैं , जिन के परिवारजन पीढियों से यहां बसे हुए हैं , उन के पड़ोस में हान और मान जातियों के लोग भी रहते हैं ।

पेइचिंग के शानलिह मोहल्ले में रिहाइशी इमारतें कतारों में खड़ी नजर आती है । ऊंची ऊंची इमारतों के बीच खुली जमीन पर पेड़ पौधे और रंगबिरंगे फुल खिले हुए हैं । खुली जगहों पर सरकार द्वारा शहरी निवासियों के व्यायाम के लिए निर्मित खेल साजो सामान उपलब्ध होता है । यहां मोहल्ला निवासी कसरत कर सकते हैं और मनोरंजन भी कर सकते हैं । मोहल्ला केन्द्र में विशाल सार्वजनिक कार्यवाही स्थल भी खोला गया है , जिस में निवासियों की बैठक होती है , फिल्म दिखाई दी जाती है और प्रदर्शनी लगती है ।

जब हमारा संवाददाता वहां पहुंचा, तो मोगल्ला केन्द्र में ज्ञान प्रतियोगिता चल रही है , प्रतियोगिता चीन की जातियों की जानकारी पर हुई , मोहल्ला और उस के पड़ोसी बस्तियों के निवासियों का चार दलों में बंटवारा हुआ , उन में ह्वी और हान जाति के लोग शामिल हैं । सभी लोग देश की अल्प संख्यक जातियों के शादी ब्याह , खानपान तथा त्यौहार के बारे में सवालों के जवाब में मस्त रहे । 70 वर्षीय मा तेछी ह्वी जातीय दल का सदस्य है , उस के सिर पर ह्वी जाती की सफेद टोपी है और दाढ़ी सुन्दर ढंग से सज संवरी है , रेशमी वस्त्र में वे उम्र से ज्यादा जवान लगता है । श्री मा तेछी हाजिर जवाबी आदमी है , उस के दिमाग में जातियों के बारे में ढेर सारी जानकारी है । उस की बारी में तो उस ने हर सवाल का सही सही जवाब दिया है । मुझे बताया गया है कि ह्वी जाति के परिवार में पले बढ़े श्री मा का जन्म पेइचिंग में हुआ था , उसे पेइचिंग से गाढ़ा लगाव है , वे पेइचिंग ओपेरा के भी दीवाना है , हफ्ते में एक बार मोहल्ला के शौकिया औपेरा दल में भी जाता है । अपने जीवन पर बातचीत छिड़ी ही , उस ने खुल कर बतायाः

पेइचिंग के ह्वी जातीय आबाद क्षेत्रों में हर तरह की सुविधाएं मिलती हैं । मैं रोज चार बजे उठ कर मस्जिद जाता हूं , दिन में पांच बार वहां नमाज पढ़ता हूं । शानलिह का मस्जिद घर से ज्यादा दूर भी नहीं है , वहां पहुंचने में सिर्फ पांच छै मिनट का समय लगता है । चीन की ह्वी जाति के लोग इस्लामी धर्म में आस्था रखते हैं , श्री मा की भांति यहां के सभी ह्वी जाति के लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं , यहां के मस्जिद में एक हजार से अधिक लोग समा सकते हैं । ह्वी जाति के लोग सुअर , कुत्ता , घोड़ा और गधा के मांस से परहेज रखते हैं और मुस्लिम भोजन करते हैं । उन की इस मान्यता को महत्व देते हुए पेइचिंग की विभिन्न सामुदायिक बस्तियों ने ह्वी जाति के लोगों को विशेष सेवा प्रदान करने का इंतजाम किया और उन्हें शुद्ध मुस्लिम खाद्यपदार्थ सप्लाई किया जाता है ।

शानलिह मोहल्ले की निवासी कमेटी के प्रधान श्री वांग चीफङ भी ह्वी जाति के हैं । उन्हों ने कहा कि यहां के लोग अल्प संख्यक जातियों की विशेष रीति रिवाजों का सम्मान करते हैं । एक दूसरे का सम्मान किया जाने से ही मेलमिलाप का जीवन हो सकता है । 

शानलिह में अल्प संख्यक जातियों के लोगों की संख्या वहां की कुल जन संख्या का एक चौथा भाग बनती है । विभिन्न जातियों के प्रति ज्यादा जानकारी पाने के लिए हम अकसर ज्ञान प्रतियोगिताएं आयोजित करते हैं ताकि वे आपस में अच्छी तरह समझ सकें और एक दूसरे का सम्मान करें । यहां आप को सुखमय महान परिवार का गाढ़ा वातावरण महसूस हो सकता है , हफ्ते में स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान कक्षा होती है , स्कूल के अवकाश समय में बच्चों को अंग्रेजी सीखाने की कक्षा और युवा स्वयंसेवक कार्यवाही आयोजित होती है ।

इस तरह शानलिह मोहल्ले के निवासी बड़े अच्छे रिश्ते में बंधे हुए हैं और उन के जीवन सुखचैन से चल रहा है ।