• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2005-01-05 11:03:56    
पारिस्थितिकी के संरक्षण में उल्लेखनीय सुधार आया

cri

हाल ही में एक बैठक में यह खबर मिली है कि इधर के कुछ वर्षो में वृक्षारोपण पर जोर दिये जाने से चीन के कुछ क्षेत्रों में पारिस्थितिकी में उल्लेखनीय सुधार आया है। उन्होंने जानकारी दी कि चीन वन व वृक्ष पर केंद्रित राष्ट्रीय भू पारिस्थितिकी सुरक्षित व्यवस्था स्थापित करेगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए चीन वृक्षारोपण को गति देगा।

चीन भूमि के कटाव व उसके रेगिस्तान में बदलने की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। प्रति वर्ष चीन में पांच अरब टन भूमि का कटाव होता है और रेगिस्तानी भूमि देश की कुल भूमि का दस प्रतिशत है। पारिस्थितिकी में आने वाले बिगाड़ की रोकथाम के लिए चीन सरकार ने पिछली सदी के अंत में वृक्षारोपण में भारी पूंजी लगानी शुरू की और वन उद्योग संबंधी छै बड़ी परियोजनाएं भी चलाईं।

हाल में पेइचिंग में हुई वन उद्योग संबंधी एक बैठक में श्री ह्वी ल्यांग यू ने बताया कि इधर के कुछ वर्षों में चीन के प्रभावी कदमों से देश के कुछ क्षेत्रों में पारिस्थितिकी में सुधार आया। वे कहते हैं कि नयी सदी से चीन में वनरोपण की गति तेज हुई और वनरोपण की गुणवत्ता में उल्लेखनीय रूप से उन्नत हुई। पिछले तीन सालों में प्रति वर्ष देश के वनरोपण का कुल क्षेत्रफल साठ लाख हैक्टर से अधिक रहा। खेतों को जंगल का उनका पुराना रूप लौटाने,प्राकृतिक वनों की सुरक्षा करने व सुरक्षित वन व्यवस्था की स्थापना जैसी छै बड़ी परियोजनाओं के कार्यान्वयन से महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त हुईं। अब चीन के कुछ इलाकों में पारिस्थितिकी में बड़ा सुधार आ चुका है और कुछ क्षेत्रों में पहले के बंजर पहाड़ हरियाली से भर गये हैं।

सूत्रों के अनुसार पिछले छै सालों में चीन की केंद्रीय सरकार ने कई बड़ी वन परियोजनाओं में कुल एक खरब दस अरब य्वान की पूंजी लगायी। अब उत्तरी चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश में रेगिस्तान के विस्तार की गति धीमी हो गयी है और चीन की सब से बड़ी नदी यांग त्सी के ऊपरी भाग में पारिस्थितिकी की सुरक्षा बाड़ तैयार हो चुकी है।इस के अलावा दक्षिण-पश्चिमी चीन के सी छ्वांन प्रांत की वहां एक चौथाई भूमि वन से ढकी है, जहां प्राकृतिक वन सुरक्षा परियोजना लागू हुई थी।

हालांकि देश के कई क्षेत्रों में पारिस्थितिकी अच्छी स्थिति में है, फिर भी आम तौर पर चीन में पर्यावरण में सुधार लाने का काम बहुत कठिन है। सूत्रों के अनुसार चीन में वन संसाधन पर्याप्त न होने के साथ असंतुलित रूप से फैले हुए हैं। वर्तमान में चीन का वनरोपण सोलह प्रतिशत है, जो विश्व के निम्न स्तर से कम है। यहां तक कि चीन के कई प्रांतों में वृक्षारोपण दस प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाया है। इन क्षेत्रों में पानी के अभाव के कारण भविष्य में वनरोपण कठिन होगा । आर्थिक विकास और जनता के जीवन स्तर के उन्नत होने के चलते चीन में लकड़ी की मांग तेजी से बढ़ी है और लकड़ी की मांग सप्लाई से अधिक होने के कारण वन संसाधनों की रक्षा पर दबाव पहले से ज्यादा बढ़ गया है।

चीनी उप प्रधानमंत्री ह्वेइ ल्यांग यू ने कहा कि वर्तमान में चीन में अनवरत विकास की रणनीति लागू की जा रही है। इसलिए पारिस्थितिकी निर्माण की रणनीति और ज्यादा महत्व रखती है। भविष्य में चीन में पारिस्थितिकी सुरक्षा व्यवस्था की स्थापना की जाएगी, ताकि पारिस्थितिकी में कारगर सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि पारिस्तितिकी सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण अंग ही नहीं है, अनवरत विकास की रणनीति के कार्यान्वयन का महत्वपूर्ण आधार भी है। हम ने पारिस्थितिकी निर्माण की प्रधानता वाले वनरोपण के अनवरत विकास का रास्ता तय किया है औऱ भविष्य में हम चीन में वृक्षारोपण को प्रधानता देकर जंगलों व घासमैदानों के मेल वाली राष्ट्रीय पारिस्थितिकी सुरक्षा व्यवस्था की स्थापना करेंगे। इस के लिए वनरोपण की गति दी जाएगी और वन संसाधनों की पूरी रक्षा की जाएगी, ताकि एक कठोर पारिस्थितिकी बांध तैयार हो सके।

सूत्रों के अनुसार, चीन 21वीं सदी के पहले पचास वर्षों के लिए वन उद्योग के विकास की रणनीति तय कर चुका है। इस पर सात खरब युवान की धनलाशि लगायी जायेगी। इस योजना को तीन भागों में बांटा गया है, जिस का प्रथम लक्ष्य वर्ष दो हजार दस में वनरोपण को बीस प्रतिशत तक पहुंचाना होगा और अंतिम लक्ष्य वर्ष दो हजार पचास में समूचे देश के वनरोपण को तीस प्रतिशत तक ले जाना होगा।

बाइस तारीख को आयोजित चीनी वन उद्योग के सुयोग्य व्यक्तियों के सम्मेलन में चीनी राष्ट्रीय वन ब्यूरो ने बीस से ज्यादा वैज्ञानिकों को पुरस्कारों से संमाननित किया। ये वैज्ञानिक चीन के कई वन उद्योग अनुसंधान केंद्रों व संबंधित कॉलेजों से हैं। इन्होंने चीनी वन उद्योग के अनुसंधान व तकनीकी विकास तथा वन उद्योग विज्ञान व तकनीक के प्रसार आदि क्षेत्रों में बड़े कारगर काम किए हैं और चीनी वन उद्योग के विकास में भारी योगदान किया है।