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चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2004-12-28 12:43:10    
चीन की प्रमुख अल्प संख्यक जाति ह्वी जाति के बारे में जानकारी

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ह्वी जाति चीन की 55 अल्प संख्यक जातियों में से एक है , वह चीन की अल्प संख्यक जातियों में से एक ऐसी प्रमुख जाति है , जिस की जन संख्या अपेक्षाकृत अधिक है और जो देश के विभिन्न स्थानों में बसे ह्वी है । ह्वी जाति के लोग मुख्यतः देश के निनशा हुई जातीय स्वायत्त प्रदेश में रहते हैं , इस के शेष लोग देश के कांसू , छिंगहाई , हनान , हपे , शानतुंग व युन्नान प्रांतों और शिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में बसे हुए हैं । ह्वी जाति की जन संख्या नब्बे लाख से भी ज्यादा है।

चीन की ह्वी जाति की उत्पत्ति सातवीं शताब्दी से ले कर 13 वीं शताब्दी तक हुई थी। सातवीं शताब्दी के समय अरब और फारस से कुछ अरबी व फारसी व्यापारी दक्षिण पूर्व चीन के समुद्रतटीय शहरों में आए , उन में से कुछ लोग वहां बस गए। 13 वीं शताब्दी में मध्य एशिया से बहुत से लोग चीन में आ बसे , जिन में फारसी और अरबी लोग प्रमुख थे , चीन में लम्बे अरसे तक बसे रहने के दौरान उन के चीन की मूल जातियों के बीच आदान प्रदान हुआ , धीरे धीरे चीन में ह्वी जाति की उत्पति हुई । इस के अलावा दसवीं शताब्दी में चीन के छवुङलिन पर्वत के पूर्व तथा काश्गर के पश्चिम में रहने वाली प्राचीन हुई ह जाति के लोगों ने अपना पुराना धर्म बदल कर इस्लाम धर्म में विश्वास किया , वह भी ह्वी जाति का एक भाग बन गया ।

चीन की ह्वी जाति के लोग इस्लाम धर्म मानते हैं । वे सुअर के मांस , पशु के रक्त तथा मरे हुए पशुओं से परहेज है और मुस्लिम भोजन पसंद करते हैं । ह्वी जाति के नियम के अनुसार बच्चे के जन्म के समय नामकरण की रस्म आयोजित होती है और शादी ब्याह में इमाम गवाही देते हैं और अंतिम संस्कार इमाम के तत्वावधान में पूरा किया जाता है । वे मस्जिद में नमाज पढ़ते है ।

चीन की हान , मंगोल और वेवूर आदि जातियों के साथ रहने के कारण ह्वी जाति की संस्कृति पर स्वाभाविक रूप से चीनी राष्ट्र की संस्कृति का बड़ा प्रभाव पड़ा है , जैसा कि ह्वी जाति के लोग हान जाति के नामों जैसे नाम अपनाते हैं , बोलचाल और कामकाज में हान भाषा और लिपि का इस्तेमाल करते हैं । ह्वी जाति ने चीनी राष्ट्र के सांस्कृतिक विकास में अपना योगदान भी किया है ।

ह्वी जाति के लोगों ने देश के दो हजार से ज्दाया काऊंटियों और शहरों में अपने आबादी क्षेत्र स्थापित किए हैं , बहुत से शहरों और कस्बों में उन के मुहल्ले मस्जिदों के आसपास कायम हुए हैं ।

 उत्तर पश्चिम चीन के विभिन्न स्थानों में ह्वी जाति के रिहाइशी मकान लकड़ी से निर्मित है , प्रांगन आयाताकार है , मकान मुस्लिम शैली के चित्रों से सुसज्जित है , रंग ज्यादातर सफेद और हरा होता है । कमरों में इस्लाम धर्म के सूत्रों का सजावट होता है । ह्वी जाति के पुरूष सफेद टोपी पहनते है, मुसलमान होने के कारण वे सफेद को पवित्र मानते हैं , उन के कपड़े बहुधा सफेद , काले और लाल रंग के होते हैं , वृद्ध ह्वी लोग बन्द कालर और बीच में बटन लगाए वाला कपड़ा पहनना पसंद करते हैं । कहा जाता है कि पैगंबर मुहम्मद कहते थे कि तुम लोग सफेद कपड़ा पहन लें , वह तुम लोगों का सब से अच्छा कपड़ा है ।

ह्वी जाति का विशेष स्वाद का भोजन भी चीन में बहुत मशहूर है , चीन के करीब सभी शहरों में मुस्लिम खाना मिलता है और मुस्लिम रेस्ट्रां खुलता है । ह्वी जाति के कबाब और बकरी मांस के शोरबा में रोटी का व्यजन चीन भर पसंद किया जाता है । ह्वी जाति के लोग साफ सुथरे स्वभाव के लोग हैं , उन के रसोई के बर्तन बहुत साफ है । वे बैल , बकरी , मुर्गे बतक के मांस को छोड़ कर अन्य किस्मों के पशुओं के मांस नहीं खाते हैं और भोजन के लिए अनेक निषेध नियमों का भी पालन किया जाता है ।

आधुनिक काल में चीन की ह्वी जाति के लोग मुख्यतः उत्तर पश्चिम चीन में रहते हैं , वहां वर्ष 1958 में निनशा हुई जातीय स्वायत्त प्रदेश कायम हुआ, जो चीन के पांच अल्पसंख्यक जातीय स्वायत्त प्रदेशों में से एक है । निनशा ह्वी जातीय स्वायत्त प्रदेश पीली नदी के मध्य भाग में स्थित है , जिस का क्षेत्रफल 66 हजार चार सौ वर्गकिलोमीटर है , राजधानी का नाम है यनछ्वान , वहां 15 लाख से ज्यादा ह्वी लोग बसे हुए हैं । निनशा चीन के सभी हुई जाति बहुल क्षेत्रों में सब से बड़ा है । निनशा का इतिहास बहुत लम्बा पुराना है , सातवीं शताब्दी में इस क्षेत्र में ह्वी जाति के पूर्वज रहने लगे । 11 वीं शताब्दी में चीन की शक्तिशाली अल्प संख्यक जाति –तांगश्यांग ने इस क्षेत्र में शिशा राजवंश की स्थापना की , जो चीन के इतिहास में काफी प्रसिद्ध है । वर्ष 1929 में वहां निनशा प्रांत कायम हुआ और नए चीन की स्थापना के बाद वर्ष 1958 में निनशा ह्वी जातीय स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की गई । निनशा ह्वी जातीय स्वायत्त प्रदेश पीली मिट्टी के पठार पर आबाद है , उत्तर में विस्तृत इंछवान मैदान और हलान पर्वत की तलहटी में जलवायु सुहवना है और भूमि उर्वर है , वहां का मौसम अच्छा है और कृषि उत्पादन अच्छा है ।

निनशा में प्राकृतिक संसाधन प्रचूर है , यहां कोलला , लोह , तेल आदि दसियों किस्मों के खनिज पदार्थ मिलते है । नए चीन में निनशा के आर्थिक विकास में भारी प्रगति हुई और कृषि का बड़ा विकास हुआ । गैहूं , धान , बाजरा , आलू , सरसों , शकरगंठ , और तिलहन की अच्छी पैदावार होती है । आड़ू, अंगूर और नाश्पाती बहुत मशहूर है । निनशा ह्वी स्वायत्त प्रदेश में थल और जल यातायात की अच्छी सुविधा होती है , राजमार्गों का जाल सा बिछा है और रेल और हवाई सेवाएं आसानी से मिलती है ।

निनशा ह्वी जातीय स्वायत्त प्रदेश में मशहूर एतिहासिक अवशेष और प्राकृतिक सौंदर्य भी प्रचूर मात्रा में पाये जाते हैं , जिन में पीली नदी पर छिंगलुंग घाटी , इंछवान शहर का ढोल मीनार , शिशा राजा मकबरा , श्योनिशान गुफा , थांगशिन मस्जिद और ल्योफान पर्वत आदि मशहूर हैं ।

ह्वी जाति का लोक गीत आम तौर पर पुरूष महिला दोनों की आवाज में साथ साथ गाया जाता है , जिस की धुन सुरीली है और जोश उल्लास से भरी हुई है । इन में हुई युवाओं के प्रेम का अधिक वर्णन किया गया । अलग अलग स्थान का ऐसा लोक गीत अलग अलग शैली में भी पाया जाता है ।