तिब्बती जाति चीन की उन जातियों में से एक है जिन का इतिहास लम्बा और भविष्य उज्ज्वल है। तिब्बती चिकित्सा व औषधि चीनी चिकित्सा व औषधि भंडार का एक चमकता रत्न है। लगभग दो हजार वर्षों के विकास के बाद, तिब्बती चिकित्सा व औषधि की एक संपूर्ण व्यवस्था बनी। लोगों के जीवन स्तर के निरंतर उन्नत होते जाने के साथ दक्षिणी तिब्बती चिकित्सा व औषधि के लिए जाने जाने वाले चीन के सी छ्वान प्रांत के गेन जी प्रिफेक्चर की तिब्बती चिकित्सा चीन के विभिन्न तिब्बती बहुल क्षेत्रों में बहुत प्रचलित हुई। दक्षिणी तिब्बती चिकित्सा व औषधि की जन्मभूमि माने जाने वाले दे ग की तिबब्ती चिकित्सा व औषधि सब से प्रसिद्ध है।
दे ग काउंटी पश्चिमी चीन के सी छ्वान प्रांत के गेन जी तिब्बती प्रिफेक्चर के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। दे ग का तिब्बती में अर्थ है अच्छा स्थल। वह तिब्बती चिकित्सा व औषधि की महत्वपूर्ण जन्मभूमि मानी जाती है। दे ग की तिब्बती चिकित्सा व औषधि का इतिहास बहुत पुराना है। 15वीं शताब्दी के मध्य में, सुप्रसिद्ध भिक्षु थांग तुंग ज्ये ने दे ग में सर्वप्रथम पेट के कीड़े के इलाज की दवा छनदाओबेईसेवेई बनायी। उन्होंने चीन के धार्मिक क्षेत्रों में तिब्बती चिकित्सा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया। भिक्षु थांग तुंग ज्ये से प्रभावित होकर दे ग के धर्मशास्त्रियों ने भी तिब्बती चिकित्सा व औषधि के विचार व सफलताओं से सीख ली। उन्होंने परम्परागत चीनी औषधि और भारतीय चिकित्सा को तिब्बती चिकित्सा व औषधि से जोड़ कर उस का विकास किया। वर्ष 1729 में दे ग में धार्मिक अनुबंध प्रकाशन केंद्र की स्थापना की गई, जहां पुरानी तिब्बती चिकित्सा व औषधि संबंधी पुस्तकें और जनता के बीच प्रचलित नुस्खे रखे गए। इस प्रकाशन केंद्र ने दे ग की तिब्बती चिकित्सा व औषधि के विकास की तकनीक व विचार का समर्थन किया।
वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना से पहले, चीन के सी छ्वान प्रांत में आधुनिक तिब्बती चिकित्सा व औषधि का अस्तित्व नहीं था। तिब्बती चिकित्सा के हजारों वर्षों के विकास में उसका धार्मिक जगत से विशेष घनिष्ठ संबंध बना। इसका लम्बे अरसे तक तिब्बती चिकित्सा पर गहरा प्रभाव रहा। पहले तिब्बती चिकित्सा व औषधि का ज्ञान केवल मंदिरों के भिक्षुओं व दासों तक सीमित था। नये चीन की स्थापना के बाद, चीन की केंद्रीय सरकार ने तिब्बती चिकित्सा व औषधि के विकास को बड़ा महत्व दिया। आज चीन के तिब्बती बहुल क्षेत्रों में अनेक तिब्बती चिकित्सा अस्पताल व अनुसंधान केंद्र हैं। केवल चीन के गेन जी तिब्बती प्रिफेक्चर में ही 12 तिब्बती चिकित्सा व औषधि संस्थाएं हैं, जिन में से 9 प्रति वर्ष 250 से ज्यादा किस्मों की तिब्बती औषधियों का निर्माण करती हैं।
दे ग में तिब्बती चिकित्सा औषधि का बड़ा विकास हुआ है। दे ग तिब्बती चिकित्सा अस्पताल के प्रधान श्री च्यो योंग लिन कहते हैं,वर्ष 1959 में दे ग काउंटी में एक संयुक्त उपचार केंद्र की स्थापना की गयी। वर्ष 1978 में दे ग में तिब्बती चिकित्सा अस्पताल स्थापित हुआ। वर्ष 1987 में अस्पताल ने दे ग काउंटी के तिब्बती चिकित्सा व औषधि अनुसंधान केंद्र की स्थापना की, जबकि वर्ष 1998 में दे ग तिब्बती चिकत्सा अस्पताल को चीनी केंद्रीय सरकार ने देश के प्रमुख अनुसंधान केंद्र के रूप में सम्मानित किया। अस्पताल का निरंतर विकास होने के साथ अब वह इलाज, वैज्ञानिक व तकनीक अनुसंधान और शिक्षा से जुड़ा एक संस्थान बन गयी है।
इधर दे ग तिब्बती चिकित्सा अस्पताल में अनुसंधान, इलाज, शिक्षा व तिब्बती औषधि निर्माण का कार्य चल रहा है। अस्पताल ने रोगियों के लिए नौ विभाग खोले हैं और कई परम्परागत तिब्बती औषधि पुस्तकों का पुनः प्रकाशन किया है। गुणवत्ता को महत्व देकर विकास करें के नारे के तहत इधर के वर्षों में दे ग तिब्बती चिकित्सा अस्पताल का बड़ा विकास हुआ है। वर्ष 2003 में, अस्पताल ने छनदाओबेईसेवेई और चंगशोसेनश्याओपिंगवेई नामक दो नयी दवाओं का निर्माण किया और हांगकांग में सफलतापूर्वक इन्हें पंजीकृत कराया। वर्ष 2003 में जब चीन के पेइचिंग व क्वांग च्ओ आदि शहरों में असामान्य निमोनिया फैला तो इस अस्पताल द्वारा बनायी गयी दवा नापोगूच्वे ने इस रोग के इलाज में भारी भूमिका अदा की और यह देश भऱ में बहुत प्रसिद्ध हुई। उस समय इस दवा की बड़ी मांग थी। अस्पताल के प्रधान च्यो ने गर्व से कहा, गत वर्ष नापोगूच्वे का पेइचिंग, क्वांग च्ओ व शांगहाई में बहुत स्वागत हुआ। असामान्य निमोनिया के इलाज व रोकथाम में इस दवा का अच्छा प्रभाव रहा। हम ने तीन बार इस दवा का उत्पादन किया। उस वक्त इसका दाम कई सौ य्वान तक जा पहुंचा था।
आज दे ग तिब्बती चिकित्सा अस्पताल समग्र तकनीक पर निर्भर रहकर दवाओं का उत्पादन कर रहा है। इस अस्पताल द्वारा निर्मित दवा छनदाओबेईसेवेई अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश कर चुकी है और विश्व के दसियों देशों में इस की बिक्री हो रही है। पठार का जिनशंग माने जाने वाला हुंगचिनथ्येन भी इस अस्पताल की प्रमुख तिब्बती औषधि है, जिसका उपभोक्ताओं ने स्वागत किया है। चीन के भीतरी इलाके से दे ग आने वाले पर्यटक हुंगचिनथ्येन जरूर खरीदते हैं।
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