वर्ष 2005 चीन के कार उद्योग के लिए एक आसाधारण वर्ष होगा। क्योंकि अगले साल की पहली जनवरी से चीन कई सालों से लागू आयात कार कोटा व लाइसेन्स प्रबंध को रदद कर देगा, इस के साथ कार आयात की चुंगी कर को भी कम कर दिया जाएगा । इस का मतलब यह हुआ कि विदेशी कारें व उस के कुंजीभूत कलपुर्जे सुगमता से चीन में प्रवेश कर सकते हैं। इस हालात के आगे चीन का कार उद्योग किस तरह आने वाली स्थिति का निपटारा करेगा ।
लोगों की नजर में चीन का कार उद्योग लम्बे अर्से से एक कमजोर उद्योग रहा है। लेकिन चीन के मशीनरी उद्योग के सुंयक्त आयोग के उपाध्यक्ष चांग श्याओ लू ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चीन का कार उद्योग इतना कमजोर नहीं है कि थोड़ी सी चुनौतियां के आगे तितर बितर हो जाएगा, न ही वह विदेशी कारों के आयात की स्थिति के आगे बुरी तरह पिट सकता है । उन्होने कहा तीन साल पहले विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने के बाद चीन का कार उद्योग को ठेस नहीं पहुंची है । इस के विपरित उसकी स्पर्धा शक्ति उन्नत हुई है, कारों का दाम विदेशी कारों की समान गुणवत्ता जैसी कारों के दामों से ताल मेल बिठाने में तो सफल रहा , और तो और चीन की कारों का दाम विदेशी कारों के दामों से अधिक सस्ता भी है ।
श्री चांग का मानना है कि चीन के आर्थिक का निरंतर विकास होने से कारों के उपभोग का बाजार की निहित शक्ति भरपूर रही है , जो चीन के कार के निरंतर विकास की बुनियादी शक्ति का स्रोत है। इधर के सालों में चीन के शहरों व कस्बों के निवासियों की आमदनी में प्रगति होने के साथ चीनीवासियों के कार खरीदने की ख्वाईश अधिकाधिक उंची होने लगी है।
पेइचिंग की रहने वाली सुश्री ताए चन चन ने स्कूल से स्नातक होने के बाद एक विज्ञापन कम्पनी में कार्यरत होने के दो साल बाद एक लाख य्वेन के दाम से एक कार खरीद ली है। उन्होने हमें बताया कार से बहुत सुविधाए मिलती है। कभी कभी मुझे बहुत सी जगहों में खरीददारी के लिए जाना पड़ता है, हाथों में इतनी सारी चीजें लिए जहां तहां फिरने से मै तो थक से मर जाती हूं , अब इन्हे कार में रखा और चल दिए। लड़कियां अपने त्वचा का भी भारी ख्याल रखती हैं, कार में सवार गर्मी व सर्दी की हवाओं से भी बचा जा सकता है। मेरी बहुत सी सहलियां समेत बहुत से कुलिगों ने भी अपनी कारे खरीद ली हैं और हम हमेशा फुरसत में अपनी कारों की अच्छाईयों व खामियों पर गप्पे मारते हैं।
विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने के तीन साल बाद, चीन के कार उद्योग ने उमड़ती बाजार धारा में एक से एक नवीनतम कारों के डिजाइन निकाल कर लोगों को आकृष्ट किया है, कार के दाम में भी हेर फेर करने से मामूली मजदूर व कर्मचारी भी 40 या 50 हजार य्वेन खर्च कर अपनी कार खरीदने के सपनों को साकार करने में सफल हुए हैं।
1956 में चीन की प्रथम कार के जन्म होने के बाद से अब तक 50 साल गुजर गए हैं। चीन का कार उद्योग धीरे धीरे अनेक स्पर्धाओं का सामना करते हुए परिपक्व होता जा रहा है। वर्ष 2003 के अन्त तक चीन में 2 करोड़ 40 लाख से अधिक कारें रही और अधिकतर देशी कार हैं।
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