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(GMT+08:00) 2004-12-23 16:50:27    
चीनी कालेजों में शिक्षा व्यवस्था का रूपांतर करने की कोशिश

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इधर के वर्षों में चीनी कालेजों में नये छात्रों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है । साथ ही कालेजों में अध्यापन की गुणवत्ता को उन्नत करने की कोशिश भी चल रही है। चीन में लगभग हजार से अधिक सरकारी कालेज हैं । उच्च शिक्षा की नागरिकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये वर्ष उन्नीस सौ निन्यानवे से इन कालेजों ने अपने यहां दाखिलों की संख्या बहुत बढ़ा दी । इस से 4 साल में ही चीन के सरकारी कालेजों में छात्रों की संख्या सत्तर लाख तक जा पहुंची है , जो वर्ष उन्नीस सौ निन्यानवे की दुगुनी है ।

कालेजों में छात्रों के दाखिले में भारी वृद्धि से शिक्षा स्तर में गिरावट की आशंका भी पैदा हुई है । इस कारण चीनी कालेजों को अपना शिक्षा स्तर बनाये रखने के प्रयास तेज करने पड़े हैं । चीनी शिक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता सुश्री कांग नींग ने हमारे संवाददाता से बातचीत में कहा कि छात्रों की संख्या बढ़ते देखकर चीनी कालेजों ने अपने साजसामानों के पुन निर्माण का भारी प्रयास किया है । साथ ही वे अपने अध्यापन में सुधार लाये । शिक्षा गुणवत्ता को उन कालेजों की कार्यसूची में प्राथमिकता प्राप्त है ।

दाखिलों की वृद्धि के अनुपात में कालेजों में क्लासरुम , अध्यापकों और साजसामानों की वृद्धि नहीं हुई । इसलिये कालेजों ने अपना निर्माण और साजसामान खरीदने में भारी पूंजी लगायी , और अपने अध्यापकों के स्तर की उन्नति को भी बहुत महत्व दिया । इस पर चीन के प्रसिद्ध उच्च शिक्षासंस्था पेइचिंग विश्वविद्यालय के एक उच्च पदाधिकारी ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय ने विदेशों से बहुत सी श्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित किया है । उन के पेइचिंग विश्वविद्यालय का अंग बनने से हमारे अध्यापकों के ढ़ांचे में बहुत सुधार आया है ।

इस समय पेइचिंग विश्वविद्यालय के अध्यापकों का एक तिहाई भाग विदेशों से वापस लौटी चीनी प्रतिभाएं हैं , अन्य अध्यापकों के अधिकांश की भी विदेशों में प्रशिक्षण लेने या कुछ समय बिताने का अनुभव है । इन नये अध्यापकों का स्तर पहले से काफी उन्नत है , उन की अध्यापन और अनुसंधान करने की क्षमता भी बढिया साबित हुई है ।

अब चीनी कालेजों में छात्रों की मिश्रित क्षमता को बहुत महत्व दिया जाता है । पूर्वी चीन के च-च्यांग प्रांत के च-च्यांग विश्वविद्यालय के कुलपत्ति श्री च्यांग च्वन शंग कहते हैं कि च-च्यांग विश्वविद्यालय छात्रों की मिश्रित क्षमता के प्रशिक्षण पर विशेष जोर देता है । छात्रों को कक्षा में अध्ययन के सिवा भिन्न भिन्न सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना पड़ता है । इसी से छात्रों की नयी जानकारियां बटोरने और समस्याओं का समाधान करने की क्षमता बढ़ी है , और वे वैज्ञानिक अनुसंधान करने में भी ज्यादा समर्थ साबित हुए हैं । इस के अलावा च-च्यांग विश्वविद्यालय के छात्र अपनी उपाधि के सिवा दूसरी उपाधियों में भी शामिल हो सकते हैं , ताकि अपनी जानकारियों का विस्तार कर सकें ।

पेइचिंग भाषा विश्वविद्यालय विशेष तौर पर चीनी व विदेशी भाषाएं सिखाने वाली उच्च शिक्षासंस्था है । चीन में बाजार उन्मुख रुपांतरण शुरू होने के बाद इस विश्वविद्यालय ने भी छात्रों की मिश्रित क्षमता के प्रशिक्षण को बड़ा महत्व दिया है । विश्वविद्यालय के कुलपत्ति श्री च्वी ड-लिन ने कहा कि हम अपने छात्रों से भाषा के अतिरिक्त कोई दूसरा हुनर भी हासिल करने की चाह रखते हैं , ताकि वे मिश्रित प्रतिभा बन सकें । पेइचिंग भाषा विश्वविद्यालय में इस साल कंप्युटर और वित्त दो उपाधियां और जुड़ी हैं , इस से छात्रों के रोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे।

च-च्यांग प्रांत के च-च्यांग विश्वविद्यालय के श्री ल्यू ने कहा कि समाज की उच्च शिक्षा की जरूरत को पूरा करने के लिये च-च्यांग विश्वविद्यालय के तहत भी दो कालेज खोले गये हैं शहर कालेज और नींग-पो औद्योगिक कालेज । वर्ष दो हजार पांच तक इन दोनों का पैमाना 10 हजार छात्रों तक जा पहुंचेगा । सरकारी कालेजों का विस्तार होने के साथ साथ निजी उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या भी इधर तेज़ी से बढ़ी है और कुछ जगहों में तो निजी कालेजों के छात्रों की संख्या सरकारी कालेजों के बराबर या इस से भी अधिक है । अब देश में ऐसे कोई दसेक कालेज हैं , जिस के छात्रों की संख्या दस हजार से अधिक रही है । उन में भी पेइचिंग हाइडियन दिवा विश्वविद्यालय तथा शिआन शहर के अनुवाद कालेज के छात्रों की संख्या अलग अलग तौर पर बीस हजार है । इस बीच चीनी छात्रों में सरकारी कालेजों के प्रति रुचि भी घटी है , और कुछ लोग सरकारी कालेजों को छोड़कर निजी कालेज़ों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं ।

पेइजिंग निजी शिक्षा अनुसंधान शाला के एक शोधकर्ता के अनुसार चीन में निजी उच्च शिक्षा संस्थानों के तेज़ विकास का कारण है कि ये निजी कालेज अपने यहां बाजार की जरूरत के मुताबिक उपाधियों का प्रबंध करना है , इसलिये उन के स्नातकों का समाज में आपेक्षाकृत ज्यादा स्वागत हो रहा है । विभिन्न स्तरों की सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिये चीन ने इधर के सालों में व्यावसायिक शिक्षा के विकास को भी महत्व दिया है । चीन में कालेज या विश्वविद्यालय की शिक्षा आम तौर पर तीन साल या आठ सत्रों की होती है , जबकि उच्च व्यावसायिक स्कूलों में यह तीन साल की है । इन उच्च व्यावसायिक स्कूलों के स्नातकों का समाज में व्यापक स्वागत किया जाता है । इस समय देश के कुल 380 उच्च स्तरीय व्यावसायिक स्कूलों में कोई 7 लाख छात्र पढ़ रहे हैं ।

उच्च व्यावसाय शिक्षा के विकास से चीन में उच्च शिक्षा की संरचना में सुधार आया है । अब चीन के उच्च शिक्षा संस्थानों के तीन तरीके हैं -- एक , अध्ययन कराने के साथ साथ अनुसंधान करने वाले मिश्रित विश्वविद्यालय । दो , मुख्य तौर पर अध्ययन पर केंद्रीत आम विश्वविद्यालय तथा तीन , सामाजिक जरूरतों के अनुसार प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने वाले व्यावसाय उच्च शिक्षा संस्थान ।

पेइजिंग विज्ञान व उद्योग विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष की एक छात्रा कहती हैं कि कालेज़ों में भरती किये जा सकने वाले छात्रों की संख्या का विस्तार होने के बाद अब हमारे लिये उच्च शिक्षा लेना बहुत आसान हो गया है । हाई स्कूल के मेरे सभी छब्बीस सहपाठियों में से सिर्फ दो ही कालेज में भरती नहीं हुए । और हमारे हाई स्कूल की स्थिति भी एक ही है , उस से उत्तीर्ण सभी तीन छात्रों में से सिर्फ दसेक को ही कालेजों का प्रवेश पत्र नहीं मिल पाया ।

तथ्य यह भी है कि पेइजिंग व शांघाई जैसे बड़े शहरों में कालेज जाने वाले छात्रों की संख्या अन्य क्षेत्रों से ज्यादा है । पर चीनी अर्थतंत्र के विकास के साथ साथ चीन में उच्च शिक्षा का विस्तार अनिवार्य वास्तविकता हो गया है ।