वर्ष 1951 में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की शांतिपूर्ण मुक्ति हुई , तब तिब्बती लोगों का शिक्षा स्तर बहुत नीचा था । इधर के वर्षों में चीन की केंद्रीय सरकार के समर्थन व समूचे देश की जनता की सहायता से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का शिक्षा कार्य ज़ोरों पर विकसित हो रहा । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अदिकांश क्षेत्रों में नौ वर्षीय अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य पूरा किया गया ।
तिब्बत के लिंग ची प्रिफ़ैक्चर स्थित लुलांग कस्बा एक हजार से थोड़ी ज्यादा जन संख्या वाला छोटा सा कस्बा है । लुलांग प्राइमरी स्कूल के 163 छात्र सब स्थानीय तिब्बती चरवाहे व किसान परिवार से आए हैं । पहले इस स्कूल का बुनियादी संस्थापन अच्छा नहीं था । वर्ष 2003 में तिब्ब्त स्वायत्त प्रदेश ने स्कूल के सुधार के लिए दस लाख य्वान की राशि का अनुदान किया, जिस से स्कूल के बुनियादी संस्थापनों का निर्माण किया गया, साथ ही दूर शिक्षा की कक्षा भी खोली गई, जिस में कम्प्युटर सेट और टीवी सेट की सुविधा मिलती है । विद्यार्थी इस दूर शिक्षा कक्षा में नेटवर्क, स्टार टी.वी. के जरिए भीतरी इलाके के प्रगतिशील शिक्षा प्रोग्राम देख सकते हैं, और विद्यार्थियों को और ज्यादा संबंधित सूचना प्राप्त भी की जा सकती है । स्कूल के छात्रों ने मुझे बताया कि अब स्कूल जाना एक बड़े आनंद की बात बन गया ।
वर्तमान तिब्बत में लुलांग स्कूल जैसी बुनियादा संस्थापनों की परिपूर्ण सुविधा प्राप्त स्कूल बहुत ज्यादा हो गए हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिक्षा कार्य के विकास को स्वायत्त प्रदेश की सरकार द्वारा बहुत महत्व देने के अलावा देश की विभिन्न जातियों की जनता के समर्थन से भी अलग नहीं किया जा सकता ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफ़ैक्चर की च्यांग ची कांऊटी की कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी के उप सचिव श्री ल्यु तुंगछांग शांगहाई शहर से तिब्बत की सहायता के लिए आए भीतरी इलाके के कर्मचारी हैं । तिब्बत आने के बाद उन्होंने यहां के शिक्षा कार्य पर ज्यादा ध्यान दिया । वर्तमान में उन्होंने अपनी कोशिशों के जरिए च्यांग ची कांऊटी के कई स्कूलों के बुनियादी संस्थापनों को सुधारने के लिए भीतरी इलाके के कुछ उद्योगों व विभागों से 18 लाख य्वान का चंदा प्राप्त किया । उन्होंने कहा
"मेरा विचार है कि शिक्षा तिब्बत के विकास की बुनियाद है । मुझे लगता है कि किसी भी कठिनाइयों में भी हमारे बच्चों को कठिनाई पहुंचाने नहीं दी जानी चाहिए और किसी गरीब स्थिति में भी शिक्षा को महत्व देना चाहिए । इस लिए हम भीतरी इलाके से तिब्बत की सहायता करने आए कर्मचारी यहां की शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देंगे ।"
तिब्बत की विभिन्न स्तरीय सरकारें तथा भीतरी इलाके के उद्योगों व विभागों के समर्थन से तिब्बत की शिक्षा स्थिति को बदला किए जाने के अलावा, स्थानीय तिब्बती किसानों व चरवाहों में शिक्षा के प्रति विचारधारा भी धीरे धीरे परिवर्तित हुई । अधिकांश तिब्बती लोगों ने यह देखा कि शिक्षा से तिब्बत में अच्छी प्रगति मिली और यहां भारी विकास हो रहा है , इसलिए आज तिब्बती किसान व चरवाह अपने बच्चों के स्कूल जाने का समर्थन करते हैं ।
अब तिब्बत के शिक्षा कार्य जोरों पर विकसित हो रहा है ,और शिक्षा पाने वाली जन संख्या बड़ी संख्या में बढ़ती जा रही है । वर्तमान में समूचे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में विभिन्न स्तरीय स्कूलों की संख्या एक हज़ार से ज्यादा हैं, और स्कूली उम्र वाले बच्चों की दाखिला दर 87 प्रतिशत से ज्यादा पहुंच गई ।
ल्हासा के शिक्षा व व्यायाम व्यूरो के प्रभारी च्या योंग सांगतिंग एक पुराने शिक्षा कार्यकर्ता हैं, जो कोई 30 सालों तक शिक्षा कार्य करते हैं । उन्होंने ल्हासा के शिक्षा के विकास को खुद देखा । उन्होंने कहा कि तिब्बत के शिक्षा कार्य के विकास का पैमाना आश्चर्यजनक है । वे कहते हैं
"ल्हासा के शिक्षा कार्य ने न के बराबर होने से विकसित हो कर और छोटे से बड़े होने तक का रास्ता तय किया है । वर्ष 1959 में तिब्बत में लोकतांत्रिक सुधार से पहले तिब्बत में आधुनिक शिक्षा का नामोनिशान भी नहीं था । वर्ष 1952 में चीन सरकार ने ल्हासा में प्रथम प्राइमरी स्कूल की स्थापना की, जिस के आज का नाम है ल्हासा प्रथम प्राइणरी स्कूल । वर्ष 2004 के अक्तुबर में ल्हासा ने बुनियादी तौर पर नौ वर्षों की अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य पाया और बुनियादी तौर पर युवाओं में निरक्षरता को मिटाया ।"
श्री च्यांग योंग सांगतिंग के अनुसार, इधर के 10 वर्षों में चीन ने तिब्बत के शिक्षा कार्य के विकास के लिए विशेष तौर पर 40 करोड़ से ज्यादा धन राशि लगाया, जिस से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में स्कूलों के संस्थापनों के निर्माण , दूर शिक्षा कार्य के विकास आदि परियोजनाओं में प्रयोग किया गया है । इस के साथ ही तिब्बत विश्वविद्यालय समेत उच्च विद्यालयों के बुनियादा संस्थापनों के निर्माण तथा कम्प्युटर नेटवर्क की स्थापना संबंधी परियोजनाओं के निर्माण पर जोर दिया गया , और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिए बड़ी मात्रा में अध्यापकों व स्कूली प्रबंधकों को प्रशिक्षित किया गया ।
इस के अलावा, चीन के भीतरी इलाके के विभिन्न प्रांतों ने तिब्बत के शिक्षा कार्य का भरपूर समर्थन व सहायता किया । अब तक चीन के भीतरी इलाके ने तिब्बत के शिक्षा को सहायता के रूप में कुल 20 करोड़ धन राशि प्रदान की , और तिब्बत में अनेक मिडिल स्कूलों व प्राइमरी स्कूलों की स्थापना की । इस के साथ ही भीतरी इलाके के शिक्षा की दृष्टि से उन्नतिशील प्रांतों व संबंधित स्कूलों ने तिब्बत में पढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में अध्यापकों को भी भेजा ।
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2010 में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में आम तौर पर नौ वर्षो की अनिवार्य शिक्षा और युवाओं की निरक्षरता के निवारण का लक्ष्य साकार होगा ।
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