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(GMT+08:00) 2004-12-20 18:06:51    
चीन का वसंतोत्सव

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यह चाइना रेडियो इंटरनेसनल है। आज के इस कार्यक्रम में हम आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश के मुहम्मद शाहिद आज़मी, ढ़ोली सकरा, बिहार के जसीम अहमद, सुनदर नगर, हिमाचल प्रदेश के मुनीश ठाकुर, कोआथ बिहार के सुनील कुमार केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी, एस के जिंदादिल, सीताराम केशरी, सोनू केशरी, राज कुमार केशरी, प्रियांका केशरी, किशोर कुमार केशरी, शिव कुमार केशरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के परस राम श्रीवास का पत्र शामिल कर रहे हैं।

इन श्रोताओं में अपने पत्र में चीन के उत्सवों पर बड़ी रूचि व्यक्त की। उन्होंने पूछ लिया है कि चीन में प्रमुख कौनसे त्यौहार मनाए जाते है, चीन में वसंत त्यौहार की खुशियां कैसे मनाई जाती हैं, तथा चीन का सब से बड़ा त्यौहार कौन सा हैं। उन्होंने चीन के प्रमुख वसंत त्यौहार के इतिहास के बारे में जानकारी की भी जिज्ञासा व्यक्त कि । और चीन में चीन भारत के रंगों का त्यौहार होली जैसा पर्व भी मनाया जाता है।

आज के इस कार्यक्रम में हम आप लोगों की जिज्ञासा शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।

शुरूआत चीन में क्रिसमस से करें। 19 वीं सदी में विदेशी धर्मप्रचारकों के चीन में प्रवेश के साथ साथ क्रिसमस की खुशियां मनाने का रिवाज भी चीन में शुरू हुआ। इधर के वर्षों में सुधार और खुलेपन की चीनी मीति में तेजी आने के साथ साथ चीन और पश्चिमी देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ा। इस तरह चीनी लोगों ने क्रिसमस को भी स्वीकार कर लिया। इस समय चीनी क्रिस्तानों की संख्या एक करोड़ से ऊपर है। यों कैथोलिक धर्म व ओर्थोडोक्स ईस्टर्न चर्च याऱूठिवादी पूर्वी चर्च के अनुयाई भी यहां हैं।

दक्षिण चीन के क्वांगचओ और शनचन शहर हांगकांग के बहुत नजदीक हैं, वहां के युवाओं के विश्वास हालांकि भिन्न भिन्न हैं, पर वे क्रिसमस को आम लोगों का उत्सव समझते हैं। राजधानी पेइचिंग और पूर्वी चीन का शंघाई बड़े विकसित शहर हैं, वहां के युवाओं में भी क्रिसमस को लेकर बड़ी जिज्ञासा है।

क्रिसमस के दिन, पश्चिमी देशों की तरह चीन के गिरजों में भी विशेष प्रार्थना सभा आयोजित होती है, समारोह चलते हैं, और कभी कभी बेथलेहेम के गोशाले में येसू के जन्म का नाटक भी खेला जाता है। प्रार्थना सभा के समय गिरजे में भीड़ से भरे होते हैं।

क्रिसमस की खुशियां मनाने के लिए लोग घरों को सजाते हैं, हॉल में क्रिसमस पेड़ रखते हैं, रंगबीरंगे फीतों से सजे इस पेड़ में तरह तरह के उपहार टंगे होते हैं।

क्रिसमस व्यापारियों को धन कमाने का मौका देता है। बाजार में क्रिसमस से जुड़ी वस्तुएं हाथों हाथ बिक जाती हैं, सांत क्लाउस की पोशाक व टोपी पहने बिक्रेता बड़े उत्साह के साथ ग्राहको की सेवा करते हैं।

क्रिसमस के एक हफ्ते बाद आता है नव वर्ष दिवस। यह पहली

जनवरी को नव वर्ष दिवस मनाया जाता है। पहले चीन में चीनी पंचांग

का प्रयोग होता था। तब नव वर्ष दिवस का मतलब वसंतोत्सव होता था। वर्ष 1949 में नए चीन की स्थापना के बाद सरकार ने ग्रेगोरियन कैलेंडर या पश्चिमी सौर पंचांग का प्रयोग करना शुरू किया। तभी से पश्चिमी कैलेंडर का पहला दिन नव वर्ष दिवस माना जाने लगा, और चीनी पंचांग का नव वर्ष दिवस वसंतोत्सव।

नव वर्ष दिवस के लिए चीन सरकार ने एक दिन की छुट्टी घोषित

की। यह दिवस किस तरह मनाया जाता है, इस की जानकारी हम बाद में कभी विस्तार से देंगे।

अब आएं बात करें नव वर्ष के बाद आने वाले चीन के सब से महत्वपूर्ण त्योहार यानी वसंतोत्सव की। इसकी खुशियों का हर चीनी नागरिक आनंद लेता है। चीन में वसंतोत्सव, पहली मई श्रमिक दिवस और राष्ट्र दिवस जैसे तीन उत्सवों के लिए सरकार ने तीन-तीन दिन की छुट्टी घोषित कर रखी है। इस में सप्ताहांत को जुड़कर एक हफ्ते की छुट्टियों का मजा उठाया जा सकता है। इसे स्वर्णिम पर्यटन सप्ताह भी कहा जा रहा है।

वसंतोत्सव दिवस चीनी पंचांग के प्रथम माह का पहला दिन

होता है। पर वसंतोत्सव की खुशियां इस से पहले शुरू हो जाती है

और बाद तक जारी रहती हैं।

चीनी लोगों के विचार में यह वसंतकाल का त्यौहार है। इस त्यौहार की खुशियों के साथ वसंत आरम्भ होता है, और खेतीबारी शुरू होती है। चीनी परम्परा में वसंतोत्सव सब से महत्वपूर्ण त्यौहार है, वसंतोत्सव की खुशियां मनाने के लिए लोग तरह-तरह के आयोजन करते हैं।

चीन में हान जाति के लोग ही नहीं, मान, मंगोल,

याओ, ज्वांग, बाई, काओशान, हजे, हानी, दावर, तुंग और ली आदि जातियों के लोग भी वसंतोत्सव की खुशियां मनाते हैं।

वसंतोत्सव का इतिहास बहुत पुराना है, इस की उत्पत्ति प्राचीन काल की पुराने वर्ष की समाप्ति और नव वर्ष के आगमन पर पूर्वजों को आहुति देने से संबंधित है। प्राचीन काल में वसंतोत्सव "प्रारम्भिक दिवस", "प्रारम्भिक सबेरा" या "नव वर्ष दिवस" भी कहलाता था। सन् 1911 की क्रांति में छींग राजवंश का तख्ता उलट गया, तो नई सरकार ने चीनी पंचांग के प्रथम माह के पहले दिन को वसंतोत्सव निर्धारित किया ।

वसंतोत्सव की खुशियां मनाने को न्येन भगाना भी कहा

जाता है। कहा जाता है कि न्यान किसी जानवर का नाम था।

जो लोग के लिए दुर्भाग्य का सूचक था। न्यान आने पर वनस्पति सूख जाती , और उसके जाने के बाद ही फिर उगतीं । न्यान भगाने के लिए, लोग पटाख जलाते थे। इस तरह प्राचीन काल में ही चीन में वसंतोत्सव की खुशियां मनाने के लिए पटाखे छोङ़ने की परम्परा ने जन्म लिया।