कुछ समय पूर्व चीन सरकार ने कुछ कलाकारों को "कला और चरित्र में श्रेष्ठ कलाकार" के सम्मान से अलंकृत किया। मशहूर चीनी गायिका क्वुआन मू छ्वुन ने भी यह सम्मान पाने का सौभाग्य हास्ल किया।
हाल ही में जब सुश्री क्वुआन मू छ्वुन के साथ हमारी बात हुई तो खुद को यह पुरस्कार मिलने की चर्चा करते हुए वे बड़ी खुश दिखीं। उन का कहना था कि इधर कई वर्षों से मैं बहुत सी कठिनाइय़ों के बावजूद संगीत के रास्ते पर डटी रही हूँ । जब मुझे "कला और चरित्र में सर्वश्रेष्ठ कलाकार" का सम्मान मिला तो मुझे लगा यह एक नयी शुरुआत है। भविष्य में मैं संगीतप्रेमियों के लिए और अच्छी रचनाएं प्रस्तुत करूंगी। मैं अपनी कला ,अपने गीतों और अपने दिल की भावना से उनका आभार व्यक्त करती हूँ।
चीनी गायिका क्वुआन मू छ्वुन का जन्म वर्ष 1953 में मध्य चीन के ह नान प्रांत में हुआ। उन के पिता एक पत्रिका के संपादक थे और मां संगीतप्रेमी। मां से प्रभावित क्वुआन मू छ्वुन बचपन से ही संगीत व नृत्य में रुचि लेने लगी थीं, पर जब वे दस वर्ष की थीं तभी उन की मां का देहांत हो गया। तब चीन "सांस्कृतिक महाक्रांति" से गुजर रहा था औऱ क्वुआन मू छ्वुन संगीत के क्षेत्र में कदम नहीं रख पायीं। मिडिल स्कूल से निकलने के बाद वे एक कारखाने की मजदूरिन बनीं। पर उसके भारी काम के बावजूद उनका संगीत प्रेम कम नहीं हुआ। अवकाश के समय वे गाने का अभ्यास करतीं। कारखाने के पीछे एक बड़ा तालाब था जो तड़के बहुत शांत रहता था। क्वुआन मू छ्वुन अकसर इस तालाब के पास जाकर गाने का अभ्यास करने लगीं। जब कारखाने के मजदूरों को पता चला कि वे संगीत की इतनी शौकीन हैं, तो उन्होंने उन का समर्थन ही नहीं किया, बड़ी प्रेरणा भी दी। इस तरह क्वुआन मू छ्वु का गायन स्तर लगातार उन्नत होता गया और वे कारखाने के लिए एक सितारा बन गयीं। जब कभी कारखाने में किसी सांस्कृतिक समारोह का आयोजन होता, क्वुआन मू छ्वुन अवश्य मंच पर दिखाई देतीं। उन के गीतों को कारखाने के मजदूरों से हमेशा प्रशंसा मिलती। कारखाने का जीवन उनके लिए अविस्मरणीय बन गया।
वर्ष 1978 में चीन में सुधार व खुलेपन की नीति लागू होनी शुरू हुई। क्वुआन मू छ्वन के कला जीवन का वसंत भी तभी आया । वे थ्येन चीन नृत्य गान मंडली में प्रवेश कर पेशेवर गायिका बन गयीं। चार-पांच वर्षों में ही वे अपनी मीठी आज़ाज से चीन भर में लोकप्रिय हो गईं। मशहूर चीनी संगीतकार ली दे लुन का क्वुआन मू छ्वुन के बारे में कहना है कि वे चेलो की तरह हैं और उन की आवाज उसे उंगलियों से छेड़ने पर निकलने वाली मीठी आवाज़ ही है। अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में ऐसी आवाज़ बहुत कम सुनने को मिलती है।
वर्ष 1984 में क्वुआन मू छ्वुन ने चीनी केंद्रीय संगीत महाविद्यालय में दाखिला लिया और वहां व्यवस्थित रूप से संगीत सीखने लगीं। इस तरह संगीत की उन्होंने विस्तृत जानकारी हासिल की । पश्चिमी गायन पद्धति सीखने के बाद उन्होंने उस के गुणों का चीनी संगीत में समावेश किया और गाने की अपनी विशेष शैली का सृजन किया। 1980 वाले दशक में क्वुआन मू छ्वुन ने चीन की प्रथम संगीत फ़िल्म "समुद्र पर छिटकी चांदनी" में पार्श्व गायन किया। इसके बाद उन्होंने दसियों फिल्मों, टी.वी धारावाहिकों तथा कला फिल्मों के लिए शीर्ष गीत गाये और कई पुरस्कार भी हासिल किए। उनकी राजधानी पेइचिंग और शांग हाई आदि शहरों में संगीत सभाएं भी हुईं। इस के अलावा, क्वुआन मू छ्वुन ने ब्रिटेन, आयरलैंड , जापान आदि देशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। उन के गाए चीनी गीतों को विदेशियों की खूब प्रशंसा प्राप्त हुई।
क्वुआन मू छ्वुन एक बहुत संवेदनशील कलाकार हैं। उन का मानना है कि उन्हें गौरव दर्शकों के समर्थन से मिला है। उन्होंने कहा
"दर्शकों ने मुझे भिन्न-भिन्न तरीके से समर्थन ही नहीं दिया, भारी प्रेरणा भी दी। मुझे उनसे मिला हार्दिक सम्मान प्यार ही है। दर्शकों के प्यार को मैं कभी नहीं भूलूंगी। यह भावना मुझे लगातार काम करने की प्रेरणा देती रहेगी।"
अपने कला जीवन के बाहर क्वुआन मू छ्वुन जन कल्याण कार्यों में जुटी रही हैं। उनका चीन की आशा परियोजना सदा ध्यान रहा है । यह परियोजना गरीब क्षेत्रों के बाल-किशोरों को पढ़ाई में सहायता देने के लिए चीनी युवा किशोर कोष द्वारा स्थापित की गई । पिछले 15 वर्षों में क्वुआन मू छ्वुन दसियों गरीब छात्रों की चंदा देकर मदद कर चुकी हैं और विभिन्न धर्मार्थ प्रदर्शनों में भी भाग लेती रही हैं। इस सब से भी क्वुआन मू छ्वुन को चीनी दर्शकों का गहरा प्यार प्राप्त हुआ।
संगीत के क्षेत्र में क्वुआन मू छ्वुन अच्छी से अच्छी कोशिश करने में लगी हैं और जीवन के प्रति भी बड़ी संजीदा हैं। क्वुआन मू छ्वुन को किताब पढ़ने, यात्रा करने तथा दोस्तों के साथ बातचीत करने का शौक है। उन के पति एक विद्वान हैं और पति-पत्नी में गहरा प्रेम है। अपने पति के बारे में बात करते हुए क्वुआन मू छ्वुन बहुत सुख पाती हैं । उन का कहना है
"मेरे पति मेरे आदर्श हैं । वे मुझे जीवन की जानकारी देते हैं और कभी-कभार कहानियां भी सुनाते हैं। मुझे किताब पढ़ना और दोस्त बनाना पसंद है। मैं अपने पति के साथ जीवन पर विचारों का आदान-प्रदान करती हूँ। मैं ने दर्शन और बौद्ध धर्म आदि विषयों की बहुत सी किताबें पढ़ी हैं। मुझे लगता है कि किताब पढ़ना जीवन के लिए बहुत लाभदायक है।"
|