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(GMT+08:00) 2004-12-17 14:40:12    
चीन भविष्य में विदेशी पूंजी को आकृष्ट करने के लिए कदम उठाएगा

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विदेशों के साथ आर्थिक व व्यापारिक कार्य का ज़िम्मा उठाने वाली चीनी उप प्रधानमंत्री सुश्री वू यी ने मंगलवार को पेइचिंग में कहा कि भविष्य में विदेशी पूंजी को आकृष्ट करने के पैमाने के विस्तार के साथ चीन विदेशी पूंजी के प्रयोग की गुणवता उन्नत करने की कोशिश करेगा ,ताकि कारोबारों की संरचना श्रेष्ठ बनाई जा सके और उनके विकास की क्षमता उन्नत की जा सके।

सुश्री वू यी ने मंगलवार को पेइचिंग में आयोजित राष्ठ्रीय स्तर के विकास क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की भागीदारी वाले एक सम्मेलन में यह बात कही। खबर है कि चीन ने गत 1984 में राष्ठ्रीय स्तर के आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्रों की स्थापना शुरू की थी। चीन में अब कुल 49 ऐसे क्षेत्र कायम हैं जो चीन के विभिन्न प्रांतों व स्वायत्त प्रदेशों में फैले हुए हैं।

चीनी वाणिज्य मंत्रालय आदि संस्थाओं ने चीनी राष्ठ्रीय स्तरीय आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्रों की स्थापना की 20 वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को पेइचिंग में इन आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्रों का कार्य सम्मेलन आयोजित किया।

चीनी उप प्रधानमंत्री वू यी ने सम्मेलन में भाषण देते हुए इन विकास क्षेत्रों की विदेशों के प्रति खुलेपन की नीति के कार्यान्वयन में भूमिका और चीनी अर्थतंत्र में इन के भारी योगदान का उच्च मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में विदेशी पूंजी को आकृष्ट करना विदेशों के प्रति खुलेपन की चीन की नीति का मुख्य अंग होगा ,लेकिन भविष्य में चीन इसे विदेशी पूंजी के प्रयोग की गुणवता उन्नत करने पर केंद्रित करेगा।

उन्होंने कहा कि विदेशी पूंजी को आकृष्ट करने का उद्देश्य खुद की विकास क्षमता को उन्नत करना है।

सुश्री वू यी ने कहा कि चीन विदेशी पूंजी को आकृष्ट करने के कार्य का केंद्र बाहरी स्पर्द्धा और देश के अर्थतंत्र के विकास को ख्याल में ऱखते हुए बदल रहा है। वर्तमान में बहुराष्ठ्रीय कंपनियों में पूंजी निवेश गर्माने लगा है और मुख्यतः उच्च व नयी तकनीक वाले उद्यमों में बह रहा है। हालांकि चीन अब भी बहुराष्ठ्रीय कंपनियों के स्थानांतरण व विदेशी पूंजी निवेश के लिए चुने जाने वाले मुख्य क्षेत्रों में से एक है ,लेकिन चीन के पड़ोसी देशों की विदेशी पूंजी आकृष्ट करने की शक्ति भी कदम ब कदम बढ़ती जा रही है। इस से चीन पर विदेशी पूंजी आकृष्ट करने का दबाव पड़ रहा है।

चीन की विकास योजना के अनुसार वर्ष 2020तक देश का कुल आंतरिक उत्पादन मूल्य 2000 से चार गुनी बढ़ कर 40 खरब अमरीकी डालर तक पहुंचाया जाएगा , इस लक्ष्य के लिए चीन पिछड़े पड़े आर्थिक विकास तौर तरीकों को बदलना तथा देश के भीतरी उद्योग ढांचे को श्रेष्ठ बनाने की कोशिश करना चाहिए और नई स्थिति में विदेशी पूंजी के प्रयोग की गुणवत्ता उन्नत की जानी चाहिए । इस के लिए उच्च व नवीन तकनीकों तथा उच्च अतिरिक्त मूल्य वाले सेवा उद्योग का विकास करना चाहिए ।

नयी स्थिति में विदेशी पूंजी के प्रयोग की गुणवता उन्नत करने के बारे में सुश्री वू यी ने कहा कि बहुराष्ठ्रीय कंपनियों को अपने अनुसंधान व विकास केंद्र चीन में स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चीन सरकार बौद्धिक संपदाधिकार की रक्षा में तेज़ी लाएगी। इस के साथ ही चीनी राष्ठ्रीय स्तरीय आर्थिक व तकनीकी विकास क्षेत्र विदेशी पूंजी को आकृष्ट करने में निरंतर मुख्य भूमिका अदा करेंगे और प्रबंध की लागत को और कम कर पूंजी निवेश का वातावरण बेहतर बनायेंगे।