ह्वांग लुंग दक्षिण-पश्चिमी चीन के सी छ्वेन प्रांत के आबा तिब्बती प्रिफेक्चर की सुंग फेई काउंटी में स्थित है। ह्वांग लुंग अपने रंगीन तालाबों, बर्फीले पहाड़, घाटी और प्राकृतिक जंगलों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। ह्वांग लुंग प्रकृति संरक्षण क्षेत्र च्यो ज्येई गो की ही तरह चीन के छिंगहाई तिब्बत पठार का रत्न माना जाता है। वर्ष 1991 में ह्वांग लुंग संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व की प्राकृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया गया। ह्वांग लुंग प्रकृति संरक्षण क्षेत्र की ऊंचाई 300 मीटर से ज्यादा है। यह चीन के सब से ऊंचे दृश्य क्षेत्रों में से एक है। पीले रंग की जमीन इस दृश्य क्षेत्र की सब से बड़ी विशेषता है। ह्वांग लुंग का क्षेत्रफल 700 वर्ग किलोमीटर है और इस में श्वेई बाओ दींग, रंगीन तालाब , लुंग वांग मंदिर, ह्वांग लुंग मंदिर और ईंग श्येन पुल आदि दृश्य शामिल हैं।
इधर के वर्षों में ह्वांग लुंग दृश्य क्षेत्र प्रबंध ब्यूरो ने आबा प्रिफेक्चर की सरकार के निर्देशन में क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं के निर्माण व पर्यटन सेवा के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है।
ह्वांग लुंग दृश्य प्रबंध ब्यूरो के उप प्रधान श्री खो याओ ह्वेई ने कहा, वर्ष 2001 से 2004 के बीच बुनियादी सुविधाओं के निर्माण पर हम ने कुल 24 करोड़ य्वान लगाये। फलस्वरूप वर्ष 2002 में पर्यटकों की संख्या 8 लाख रही और 2003 में 7 लाख 60 हजार तक जा पहुंची। वर्ष 2004 के अगस्त के अंत तक यह संख्या 8 लाख 80 हजार पाई गई।
ह्वांग लुंग दृश्य क्षेत्र अपने विशेष चूना-पत्थरों के लिए ही दुनिया में प्रसिद्ध नहीं है, अपनी प्रचुर पशु संपदा व वन संसाधनों से भी प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र की औसत ऊंचाई लगभग 3000 मीटर है। क्षेत्र में 5000 मीटर ऊंचे सात पहाड़ हैं। ह्वांग लुंग घाटी में नीचे से ऊपर जाने के लिए उप उष्णकटिबंधी से शीतकटिबंधी क्षेत्र तक के पेड़ फेले हैं। क्षेत्र में राष्ट्रीय व विश्व स्तर के मूल्यवान पशु, पेंडा व स्वर्ण वानर आदि हैं। मनुष्य और पशु यहां प्रकृति के साथ मेल से रहते हैं।
आकाश से नीचे देखने पर ह्वांग लुंग एक उड़ते ड्रैगन की ही तरह जंगल में सफेद बर्फीले पहाड़ों के बीच ठहरा लगता है।
कहा जाता है कि चीन के मींग राजवंश के दौरान, ह्वांग लुंग में तीन मंदिर थे। बाद में दो मंदिर नष्ट हो गये और केवल एक ही सलामत रहा। चीनी पंचांग के छठे माह में ह्वांग लुंग के इस मंदिर में एक परम्परागत मेला लगता है। इस मौके पर कई सौ किलोमीटर से तिब्बती, छांग, ह्वेई, और हान जातियों के लोग यहां आकर इकट्ठे होते हैं और पूजा करते खुशी से नाचते-गाते हैं।
ह्वांग लुंग दृश्य क्षेत्र एक विशेष क्षेत्र है। यहां कनाडा की तरह अनेक बर्फीले पहाड़ हैं, कोलोरोडो की तरह जंगली पेड़ उगते है और लोग अनेक किस्मों के भौगोलिक दृश्य देख सकते हैं।
ह्वांग लुंग दृश्य प्रबंध ब्यूरो के उप प्रधान श्री खो याओ ह्वेई ने कहा, ह्वांग लुंग विश्व की प्राकृतिक धरोहर है। उस के सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधन सभी लोगों के हैं। इसलिए, विश्व की जनता को उस के सुन्दर दृश्यों , इतिहास, सभ्यता व संस्कृति का मिल कर उपभोग करना चाहिए।
वे ठीक कहते हैं। ह्वांग लुंग न केवल चीनी जनता की मूल्यवान संपत्ति है, दुनिया के लोगों की निधि भी है। यहां तिब्बती जनता मेहनत से काम करते हुए रहती है। यहां फहरती धार्मिक पताकाएं, पुराने मकान, धीरे-धीरे चलती सुरागायें सब कुछ अनोखे पहाडों, पानी ,आकाश व बादलों से जुड़ता नजर आता है।
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