चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण प्रशासन के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में तिब्बत में प्रकृति संरक्षण क्षेत्र का क्षेत्रफल 4 लाख वर्गकिलोमीटर है, जो इस स्वायत्त प्रदेश की भूमि का एक तिहाई है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में नद-नदियों के उद्गम क्षेत्रों की पारिस्थितिकी के संरक्षण किया जाएगा ।

मित्रो हाल में हमें विश्व की छत पर स्थित तिब्बत स्वायत प्रदेश से एक के बाद एक अनेक खबरियां मिली हैं कि तिब्बत स्वायत प्रदेश विकास की राह पर चल रहा है ।मिसाल के लिये वर्ष 2004 में देश विदेश के 11 लाख से अधिक पर्यटकों ने तिब्बत स्वायत प्रदेश की यात्रा की ।उन्हों ने विश्व की छत पर स्थित तिब्बत स्वायत प्रदेश के विकास की भूरी भूरी प्रशंसा की ।वर्ष 2004 में तिब्बत स्वायत प्रदेश ने एक बार फिर शानदार फसल प्राप्त की और स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार आया ।
चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण प्रशासन के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में तिब्बत में प्रकृति संरक्षण क्षेत्र का क्षेत्रफल 4 लाख वर्गकिलोमीटर है, जो इस स्वायत्त प्रदेश की भूमि का एक तिहाई है ।
स्वायत्त प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण प्रशासन के निदेशक श्री चांग युन-चे ने जानकारी दी कि इन प्रकृति संरक्षण क्षेत्रों में स्वायत्त प्रदेश की पारिस्थितिकी व खतरे में फंसी दुर्लभ वनस्पतियों व जानवरों की किस्मों के रहने के स्थानों व झीलों, दलदलों का संरक्षण किया जा रहा है।
चीनी राजकीय वन प्रशासन मिली जानकारी के अनुसार चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अनेक प्रमुख नद-नदियों के उद्गम क्षेत्रों की पारिस्थितिकी का संरक्षण किया जाएगा। खबर है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पारिस्थितिकी कमजोर है और इधर के वर्षों में परिवर्तित मौसम और मानव की हरकतों के कारण उसके अनेक नद-नदियों के उद्गम क्षेत्रों में हिम नदों, घासमैदानों और दलदलों में कमी आई है।

तिब्बत की पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने एक कार्यक्रम तैयार किया है। इस कार्यक्रम के तहत कोई दस नद-नदियों के उद्गम स्थलों व आसपास के क्षेत्रों, प्रमुख झीलों और चुमुलांगमा चोटी के हिमनदों का संरक्षण किया जाएगा।
वर्ष 2004 में छिंगहाई-तिब्बत रेलमार्ग का निर्माण पूरे जोर शोर से चल रहा है और छिंगहाई-तिब्बत रेलमार्ग के दोनों किनारों पर जंगली जानवरों का संरक्षण भी अच्छा है ।चीन के छिंगहाई-तिब्बत रेलमार्ग के दोनों किनारों पर जंगली जानवरों के संरक्षण में उल्लेखनीय कामयाबियां प्राप्त हुई हैं।
इस रेलमार्ग के निकट झोना झील स्थित है, जहां जंगली बत्तखों और लोमड़ियों का पता चला है।खबर है कि रेलमार्ग के दोनों किनारों पर जंगली जानवरों की पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए उसके नीचे 30 से अधिक रास्ते निकाले गए हैं। चीन में यह पहली बार है कि किसी बड़ी परियोजना में जंगली जानवरों के संरक्षण के लिए ऐसे खास कदम उठाये गये।
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