तुंग उ चूमू छिन काउंटी के कू लांग गांव में हमारे संवाददाता ने चरवाह परिवार सेछिनथूया दीदी के मेहमान कक्ष के एक कोने में रफरीजेरेटर किस्म की एक छोटी की मशीन देखी, वास्तव में यह वायु व सौलर उर्जा दोनों के अदला बदली को पूरा कर सकने वाला एक नवीन बिजली जनरेटर है । मेहमान कक्ष के दूसरे कोने में एक टीवी सेट, वी सी डी और धुलाई मशीन आदि विद्युत उपकरण भी रखे हुए हैं। दीदी सेछिनथूवा ने हमारे संवाददाता को बताया कि उनके घर में पशु पानी पिलाने, बकरी बाड़े में हीटिंग प्रदान करने तथा भेड़ों के उन काटने में बिजली से ही काम किया जाता है। जब से हमने वायु व सौलर उर्जा बिजली मशीन का इस्तेमाल करना शुरू किया है तब से कपड़े धोने व खाना पकाने में बड़ी सुविधा होने लगी है। पहले बकरियों को पानी पिलाने व भेड़ों के उन काटने का काम बड़ा ही थकान भरा काम होता था, आज केवल बिजली का स्वीच दबाते ही यह सभी काम इतनी आसानी से पूरा हो जाता है, हमने पहले के बड़े कठिन कामों से पूरी तरह छुटकारा पा लिया है।
वर्तमान भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश के 10 काउंटियों के विज्ञानों ने 200 से अधिक अलग अलग किस्म के वायु व सौलर उर्जा वाले बिजली पैदा करने वाले जनरेटरों का विकास किया है। घास मैदान के चरवाहों के घर में शहरों की तरह बिजली का प्रयोग होने लगा है और फिलहाल बिजली की मदद से बुनियादी रूप से पशु पालन उत्पादन का काम पूरी तरह मशीनों से किया जाने लगा है ।
भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश में वायु व सौलर आदि नए उर्जाओं के सफल विकास व प्रयोग ने दुनिया की दृष्टि को भी आकृष्ट किया है। फिलहाल भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश ने अलग अलग तौर से अमरीका, नेदरलैंड, इटली और स्पेन आदि देशों के साथ नए उर्जा क्षेत्रों में बहुत से सहयोग मुददे चलाना शुरू कर दिया है। इस साल के प्रारम्भिक में तुंग उ चूमूछिन काउंटी सरकार ने स्पेन सरकार के साथ मिलकर अपने चरवाह क्षेत्रों में एक नए किस्म का बिजली उत्पादन व्यवस्था का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। इस नए किस्म के बिजली उत्पादन व्यवस्था में चीन सरकार ने एक करोड़ य्वेन की पूंजी डाली है, चरवाह परिवारों ने इस नई बिजली उत्पादन व्यवस्था पर गहरी रूचि दिखाई और कोई 60 परिवारों ने इस नई बिजली उपकरण का प्रयोग करने में पहला कदम बढ़ाया है ।
इस नए किस्म के बिजली उपकरण की चर्चा करते हुए चरवाह छाओलनपाथो ने कहा कि चरवाह क्षेत्र में सूर्य प्रकाश का समय लम्बा है , सूर्य उर्जा की कमी ही नहीं है , सौलर उर्जा का प्रयोग बहुत ही व्यवहारिक है। सौलर उर्जा बिजली व्यवस्था से उत्पन्न बिजली स्थिर रहती है , जब से मैने नयी बिजली उर्जा व्यवस्था का इस्तेमान करना शुरू किया है बिजली कभी टूटी नहीं है, मेरे आस पास के पड़ोसी रोजाना मेरे घर आकर इस नयी व्यवस्था पर जानाकारी लेने आते रहते हैं। इस के साथ इस बिजली व्यवस्था की तकनीक की गारंटी भी पक्की है और उसका उपयोग भी काफी सरल है, बहुत से चरवाहों ने इसे खरीदने की इच्छा जतायी है।
तुंग उ चूमूछिन काउंटी के वैज्ञानिक व तकनीकी सोसाइटी के अध्यक्ष छाओ खे साइन ने कहा कि इधर के सालों में भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश ने बहुत सी साफ नए उर्जा तकनीक का विकास किया है, इस का व्यापक प्रयोग होने से चरवाहों के जीवन में बड़ा सुधार हुआ है। तुंग उ चूमूछिन काउंटी के चरवाहों ने पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक से वायु व सौलर उर्जा का इस्तेमाल करने के बाद से लालटेन से सदा के लिए विदा ले ली है, इस सदी में नए अन्तरराष्ट्रीय परियोजना के तहत सौलर उर्जा बोर्ड के विकास होने से नए उर्जा का इस्तेमाल एक नयी मंजिल पर जा पहुंचा है, चरवाहों के जीवन का कायापलट हुआ है।
इस से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि नए बिजली तकनीक में तरक्की होने से भावी के कुछ सालों में भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश के विशाल घास मैदान में सभी चरवाहों को जल्द ही पर्याप्त बिजली प्रयोग प्राप्त होने का दिन ज्यादा दूर नहीं रह गया है।
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