रोहतास बिहार के अली बदर ने हमें लिखे पत्र में कहा कि हम सी .आर .आई के नियमित एवं पुराने श्रोता हैं और वर्ष 1992 से ही सी . आर .आई के कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं । हर वर्ष के सी .आर .आई के कंटेस्ट प्रोग्राम में भाग लेते हैं । अभी 9 अगस्त 2004 से रेडियो पर नए चीन की 55 वीं वर्षगांठ सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का प्रश्न नोट करके उत्तर भेज रहा हूं । अब आप लोग जान सकते हैं कि हम ने कितनी मेहनत करके प्रश्न नोट किया है ।
कोआथ के बहुत से श्रोता आप का प्रोग्राम सुन कर बहुत से क्लब नए चीन की 55 वीं वर्षगांठ प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं ।
अली बदर जी , आप को और कोआथ के अन्य विभिन्न श्रोताओं को हम धन्यावाद देते हैं कि आप लोग सक्रिय रूप से सी .आर .आई की नई ज्ञान प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं । हमें आशा है कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने से हमारे श्रोताओं को नए चीन के बारे में ज्यादा और स्टीक जानकारी मिल सके और चीन के बारे में सही और विस्तृत समझदारी हो सके । हमारी यह भी उम्मीद है कि आप लोगों को प्रतियोगिता के पुरस्कार भी प्राप्त होंगे , जिस से आप को प्रेरणा मिलेगी और यादगार चीजें भी हासिल होगी । हमारी यह भी आशा है कि अन्य स्थानों के श्रोतागण भी चढ़ बढ़ कर हमारी इस प्रतियोगिता में भाग ले रहेंगे , ताकि यह प्रतियोगिता भी पहले की भांति सफल होगी । आप लोगों को एक बार फिर धन्यावाद ।
विजयाबाद आंध्र प्रदेश की रहम तुनिसा ने हमें लिख अपने क्लब की बैठक के बारे में यह जानकारी दी कि हमारे क्लब की एक बैठक में क्लब के तमाम सदस्यों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया , उन्हों ने चाइना रेडियो के रंगारंग कार्यक्रमों के बारे में अपने अपने विचार व्यक्त किया । बैठक में विभिन्न श्रोताओं ने सी .आर .आई के कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सी .आर .आई अपने कार्यक्रमों के किसी भी पहलु को नजर अंदाज नहीं करता । हिन्दी विभाग सियासी , सामाजिक और आर्थिक विषयों पर जो कार्यक्रम पेश करता है , वह भी आसान और मीठी भाषा में है । हम न सिर्फ आप के कार्यक्रमों से लुत्फ अंदाज कर सकते हैं , बल्कि अपने मालूमात में भी इजाफा कर सकते हैं ।
सी . आर .आई के हिन्दी विभाग के लोग हमारी हर सांस के साथ साथ रहते हैं , यो आप लोग हम से कोसों दूर हैं , और हमारी शक्ल सूरत से भी नहीं आशना है , मगर मुहब्बत और खुलूस शकल व सूरत और फासलों को मुहताज नहीं होता है , हम लोग हर अहम मौके पर सी .आर .आई को मुतारिफ कराना नहीं भूलते ।
रहम तुनिसा बहन ने अपनी क्लब रिपोर्ट में यह भी कहा कि हमारा क्लब 15 अगस्त 2004 को 58 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया , इस समारोह में हमारे क्लब के तमाम सदस्यों ने भाग लिया , इस विशेष समारोह में भाग लेने के लिए यहां के जिला अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया , उन लोगों ने इस विशेष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व शांति की रक्षा के लिए भारत और चीन के बीच और भी गहरे संबंध कायम होने की जरूरत पर जोर दिया और वे सी .आर .आई के हिन्दी सेवा की कार्य की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के रेडियो श्रोता संघ द्वारा भी चीन और भारत की जनता के बीच ताल्लुखात और गहरे होने की संभावना की जा सकती है , इस समारोह के अंत में बच्चों को मिठाइयां तखसीम की गई है ।
रहम तुनिसा बहन ने अपने क्लब की गतिविधियों के बारे में जो जानकारी दी है , जिस से हम बहुत प्रभावित हुए हैं , सचमुच ही रेडियो तरंग के माध्यम से सी .आर .आई और श्रोताओं के बीच दोस्ती कायम हुई है और यह दोस्ती भी लगातार बढ़ती जा रही है , इस दोस्ती के निरंतर विकास के साथ साथ चीन और भारत के बीच की मैत्री के निरंतर विकास को भी मदद और प्रेरणा मिल सकती है । हमें पक्का विश्वास है कि हमारी कोशिश से चीनी और भारतीय जनता की मैत्री भविष्य में अवश्य और विकसित होगी । रहम तुनिसा और आप के क्लब के तमाम सदस्यों को हार्दिक धन्यवाद देते हैं कि आप लोग हर मौके से लाभ उठा कर अच्छे अच्छे काम करते हैं । यह हमारे लिए भी एक प्रेरणा भी है ।
वैशाली बिहार के कुमार जय वर्द्धन ने हमें लिखे पत्र में कहा कि दिनांक 9 अगस्त 2004 का कार्यक्रम सुना । चीन का भ्रमण कार्यक्रम के तहत ताली के निकट स्थित मशहूर तितली झरने के तट पर तितलियों के बारे में बड़े सुन्दर ढंग से बतलाया गया । मुझे ऐसा लग रहा था , मानो मैं भी आप के साथ तितली झरने पर तितलियां देख रहा हूं । सुन्दर प्रस्तुति के लिए धन्यावाद ।
सुलतानपुर उत्तर प्रदेश के मधु द्विवेदी ने जो पत्र भेजा है , उस में कहा गया है कि मैं आप की नियमित श्रोता हूं , जब सुन इंग दीदी कार्यक्रम पेश करती थी , उन की आवाज से मोती झड़ती थी । अब उन्ही की आवाज की वारिस बनी चाओ हवा दीदी , क्योंकि इन की आवाज सुन इंग दीदी जी से काफी मिलती जुलती है , इसलिए उन को सुनती हूं , तो लगता है कि सुन इंग दीदी बोल रही हो । सुनइंग दीदी के हाथों से लिखा पत्र मेरे पास रखा है , जिस की यादगार तोहफा के रूप में संजो कर रखा है ।
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