उत्तरी चीन के मंगोलीयाई स्वायत्त प्रदेश के विशाल घास मैदान में स्थायी रिहायशी मकानों के आगे खड़े श्वेत सौलर बोर्ड व वायु शक्ति से उत्पन्न करने वाले बिजली जनरेटेर आप का ध्यान जरूर केन्द्रित करेगें, यहां के प्रचुर सूर्य प्रकाश व वायु से उत्पन्न बिजली ने चरवाहों के जीवन को नया रूप दिलाया है।
चीन का भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश एक विशाल घास मैदान क्षेत्र है , उसका क्षेत्रफल 12 लाख वर्ग किलोमीटर है , जो चीन की कुल भूमि का 13 प्रतिशत बनता है जिस में 70 प्रतिशत घास मैदान है। इस विशाल घास मैदान में चरवाहों के परिवार जहां तहां बिखरे हुए हैं, कई किलोमीटर दूर मुश्किल से एक परिवार नजर आता है। यदि ऐसे विशाल घास मैदान में बिजली का तार लगाया जाए तो एक किलोमीटर का खर्चा 40 हजार य्वेन हो सकता है। दूरवर्ती क्षेत्रों में चरवाहे पीढ़ी दर पीढ़ी लानटेन की रोशनी से अपना जीवन व्यतीत करते आए हैं , वे सपनों में कितनी तमन्ना लगाए हुए हैं कि एक दिन उनके तम्बू घरों में बिजली आएगी और वे भी शहरी लोगों की समान हर तरह के बिजली उपकरणों का आन्नद उठा सकेगें ।
भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश के तुंग उ चूमू सिन काउंटी में दस सालों से कार्यरत विज्ञान तकनीक सोसाइटी के अध्यक्ष छाओ खे साइ इन ने हमें बताया कि पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक में कुछ चरवाहे शहरों में टीवी देखकर बहुत उत्साहित हुए और अपने पैसों से एक टीवी खरीद भी ले आए, लेकिन बिजली कहां है, टीवी खरीदना तो बेकार ही रहा। उन्होने कहा कुछ अमीर चरवाहों ने ब्लैक एन्ड वाइट टीवी खरीद कर घर की सजावट के लिए ही रखा, बिजली नहीं थी , टीवी भी देखा नहीं जा सकता था।
तुंग उ चूमू सिन काउंटी भीतरी मंगोलीया स्वात्त प्रदेश का एक शानदार घास मैदान है और पूरे प्रदेश यहां तक कि पूरे देश में जाना माना एक बड़ा घास मैदान इलाका माना जाता है। यहां के चरवाहे अधिकतर अमीर है, दुख तो यह है कि बिजली न होने की वजह से वे आधुनिक सभ्यता के उत्पादन व जीवन तरीकों का आन्नद नहीं उठा सकते थे. पाथर एक प्रौढ़ हट्टे कटटे पुरूष है , उन्होने भाव विभोर होकर हमारे संवाददाता को बताया आज की दुनिया में कुछ भी काम करो बिजली के बगैर रह नहीं जा सकता, हमारे यहां बिजली का अभाव है, यदि बिजली हो तो यहां का हाल और कहीं बेहतर हो सकता है।
मंगोलीया स्वयात्त प्रदेश की वायु उर्जा व सौलर उर्जा की भरमार है, यहां पर वायु उर्जा चीन के पहले नम्बर में जबकि सूर्य प्रकाश की मात्रा चीन के दूसरे नम्बर पर आती है , भरपूर वायुउर्जा व सौलर संसाधन ने भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश के नए उर्जा के विकास के प्रयोग के लिए अभूतपूर्व स्थिति तैयार की है। दूरस्थ चरवाह क्षेत्रों के उर्जा समस्या का समाधान करने के लिए पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक से भीतरी मंगोलीया स्वायत्त प्रदेश ने नया उर्जा विकास के प्रयोग का कार्य शुरू किया है, देश ने भी इस विकास को समर्थन देने के लिए भारी पूंजी डाली । 20 वर्ष गुजर गए हैं, स्थानीय नए उर्जा के वैज्ञानिक अनुसंधान में हो या उत्पादन व उसके प्रयोग में , वायु उर्जा बिजली जनरेटर, सौलर उर्जा जनरेटर का चरवाह क्षेत्रों में व्यापक इस्तेमाल होने लगा है।
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