सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के नाम से आप अंदाजा लगा सकते है कि यह एक जाती बहुल प्रदेश है , जहां वेवूर जाति समेत विभिन्न जातियां स्वायत्त प्रशासन करती है । जी हां , सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश चीन का एक अलग पहचान वाला मशहूर क्षेत्र है , उस का अपना विशेष पुराना इतिहास है , वहां विशेष प्राकृतिक व भौगोलिक स्थिति है तथा अनोखे जातीय रिति रिवाज देखने को मिलते हैं ।
सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश चीन का एक बहुत सुन्दर और आकर्षक प्रदेश है , उत्तर पश्चिमी चीन में स्थित इस प्रदेश का क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का छठा भाग है , जो चीन का सब से बड़ा प्रांत स्तरीय प्रशासनिक क्षेत्र है । यूरो-एशिया महाद्वीप के अन्तर स्थलीय स्थान में स्थित होने के कारण सिनच्यांग प्राचीन काल से ही चीन और मध्य एशिया , यूरोप व अफ्रीका के साथ संपर्क का एक अहम रास्ता है , विश्व विख्यात प्राचीन रेशम मार्ग इसी प्रदेश से गुजर रहा था और आधुनिक युग में आज वह एशिया और यूरोप के बीच स्थापित अन्तर्महाद्वीपीय रेल मार्ग का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है ।
सिनच्यांग प्राचीन काल में सी -यु अर्थात पश्चिमी क्षेत्र कहलाता था और चीन का एक अभिन्न भाग रहा है । ईसा पूर्व 60 वाले दशक में चीन के पश्चिमी हान राजवंश ने यहां अपना प्रशासनिक प्रांत कायम किया था , तभी से वह औपचारिक रूप से चीन की प्रादेशिक भूमि का एक अंग हो गया । वर्ष 1884 में चीन की छिंग राज्य सरकार ने सिनच्यांग में प्रांतीय प्रशासन कायम किया और वर्ष 1949में सिनच्यांग की शांतिपूर्ण मुक्ति हुई और 1955 में सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश स्थापित किया गया ।
सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की अनेक विशेषताएं विरल और अनोखे होती है , वह जातीय नृत्य गान , मिठे फल , मणि -रत्न तथा दरी-कंबल से देश भर में मशहूर है । प्राचीन काल से पूर्व और पश्चिम के बीच आवाजाही का अहम मार्ग होने के फलस्वरूप सिनच्यांग में बड़ी मात्रा में एतिहासिक अवशेष और सांस्कृतिक धरोहर उपलब्ध है , जिस से यह प्रदेश भूमिगत अजायबघर के नाम से भी प्रसिद्ध है । सिनचांग जाति बहुल क्षेत्र में , जहां वेवूर , कजाख , अरकजी , उज्जबेक , सिपो , मंगोल व हान समेत कुल 47 जातियों के लोग रहते हैं , हान जाति को छोड़ कर शेष 46 अल्पसंख्यक जातियां है , जिन में वेवूर जाति प्रमुख है , वेवूर जाति के यहां 59 लाख चालिस हजार लोग रहते हैं , जो सिनच्यांग की कुल आबादी का 45.4 प्रतिशत रही । इन जातियों में अब भी अपनी परम्परागत प्रथाएं और विविध रंगबिरंगे रिति रिवाज प्रचलित है , जो देश विदेश के पर्यटकों को बरबस आकर्षित करते हैं । सिनच्यांग में नाना प्रकार के रंग रूप में मौजूद प्राकृतिक सौंदर्य बड़े आकर्षक है , यहां अपार रेगिस्तान , गोबी मरूभूमि , हराभरा नख्लिस्तान , बर्फीली पर्वत और वहां की पहाड़ी झीलें तथा हिमनदियां दुनिया में विरल मिलती हैं , इस सब की मौजूदगी से सिनच्यांग चीन और विश्व का एक आकर्षक पर्यटन स्थान बन गया ।
विशाल सिनच्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के विकास को तेज गति देने और पर्यटन उद्योग के विकास के लिए यहां यातायात के विकास पर बड़ा ध्यान लगाया गया । पिछली सदी के अंत से शुरू हुए यातायात जाल बिछाने के चलते अब सिनच्यांग में रेल , वायु और एक्सप्रेस मार्गों का एक सुविधापूर्ण विशाल जाल बिछ गया है ।
श्री मिचीथी काबल एक बस ड्राइवर है , वह अपने एक साथी के साथ रोज प्रदेश की राजधानी उरूमुची से पश्चिमी सिनच्यांग के मशहूर शहर काश्कर तक बस चलाते है , इस बीच का एक हजार तीन सौ किलोमीटर का रास्ता अब एक दिन में ही पूरा होता है , जबकि अस्सी वाले दशक में यह फासला तय करने में तीन दिन लगता था । उन्हों ने कहा कि ऐसा परिवर्तन उरूमुची और काश्कर के बीच एक्सप्रेस मार्ग बनाया जाने के कारण आया है । उन्हों ने संवाददाता से कहाः
पहले यहां का रास्ता खस्ता था , गाड़ी जल्दी ही खराब हो जाती है , इसलिए यात्री लम्बे फासला वाली बस से यात्रा करना नहीं चाहते थे । अब हालत एकदम बदल गयी , एक्सप्रेस की सड़क बहुत सुविधाजनज है और गाड़ी तेजी से दौड़ सकती है , यात्रियों की संख्या भी तेजी से बढ़ती गई ।
इधर के दसेक सालों में राजधानी उरूमुची से चारों दिशा में चार सौ किलोमीटर की एक्सप्रेस सड़कें बनायी गई हैं , जिस से प्रदेश में यात्रा सुविधापूर्ण और सुगम हो गई । ऊरूमुची से दो सौ 70 किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित तुरूफान बेसिन चीन का एक मशहूर फल उत्पादक क्षेत्र है , वहां के खरबूज और अंगूर बहुत मिठा है । एक्सप्रेस सड़क बनाई जाने के बाद वहां जा पहुंचने में केवल तीन चार घंटे के समय लगता है । ऊरूमुची में गाड़ी के कलपुर्जे खरीदने आए तुरूफान के निवासी श्री महती.चिनाइथी ने हमें बतायाः
आज से सात आठ साल पहले यहां का रास्ता बहुत खराब है , आने जाने में काफी समय लगता है । अब एक्सप्रेस मार्ग बिछा है , जिस से अब जाने आने के लिए एक दिन का समय ही काफी है ।
बढ़िया सड़कों के निर्माण के अलावा सिनचांग ने 61 अन्तर्देशीय सड़कें भी बनाईं । पिछले साल के अन्त तक वहां सड़कों की कुल लम्बाई अस्सी हजार किलोमीटर तक पहुंची , जो देश के भीतरी इलाकों , तिब्बत , मध्य व पश्चिमी एशिया के देशों को जोड़ देती है । सिनचांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के यातायात विभाग के प्रभारी श्री हारीमु ने कहाः
इधर के सालों में सिनचांग ने सड़कों के निर्माण पर जोर दिया , इस साल इस में और दस अरब य्वान की राशि लगाएगा , साल के अन्त तक प्रदेश में सड़कों की कुल लम्बाई 86 हजार किलोमीटर होगी ।
सड़कों के अलावा सिनचांग में नाजरिक उड्डयन उद्योग का भी तेज विकास हुआ , अब तक 60 घरेलू हवाई मार्ग तथा छै अन्तरराष्ट्रीय हवाई मार्ग खोले जा चुके हैं । पेइचिंग , शांगहाई तथा क्वांगतुंग शहरों को जाने के लिए रोज कई फ्लाइटें होती हैं । नागरिक उड्डयन सेवा का विकास करने के लिए सिनचांग ने बोइंग सात तीन सात और सात पांच सात जैसे विशाल आधुनिकतम यात्री विमानों को सेवा में लगाया ।
सिनचांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में रेल मार्गों का भी तेज विकास हुआ , अब प्रदेश को पूर्व पश्चिम की दिशा में आर पार करने वाली दो प्रमुख रेल लाइनें बिछायी गई हैं , एक रेल लाइन देश के पूर्वी छोर पर स्थित ल्यान युन कांग शहर को पश्चिम के नीदरलैंड के रोटर्डम बंदरगाह के साथ जोड़ देती है , तथा दूसरी प्रदेश के दक्षिण भाग के भीतर तुरफान बेसिन को काश्कर शहर के साथ जोड़ देती है । अब सिनचांग से देश के विभिन्न शहरों तथा विदेश में कजाखस्तान के शहरों तक सुगम रेल यात्रा हो सकती है ।
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