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(GMT+08:00) 2004-12-01 18:18:04    
दूसरी भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी

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पहली दिसम्बर को भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी पोइचिंग में आयोजित हुई । इस चार दिवसीय प्रदर्शनी में 60 से ज्यादा भारतीय कंपनियां अपने उत्पादों के प्रदर्शन के लिए शामिल हुई हैं ।

चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन संघ के समर्थन में भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सी. आई.आई. और चीन स्थित भारतीय दूतावास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी चीन में यह दूसरी बार लगी है । वर्ष 2003 के जून माह में पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चीन की सफल यात्रा की । इस के बाद चीन और भारत के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आदान प्रदान की तेज बढ़ोत्तरी हो रही । भारत में बनी वस्तुओं की प्रथम प्रदर्शनी गत वर्ष के अक्तुबर में पूर्व चीन के शांगहाई शहर और राजधानी पेइचिंग में अलग अलग तौर पर आयोजित की यगी। लगभग एक सौ से ज्यादा भारतीय कंपनियां अपने उत्पादों के साथ उस प्रदर्शनी में भाग लिया ।

दूसरी भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी इस साल दिसम्बर की पहली तारीख से चार तारीख तक पेइचिंग में आयोजित हो रही है । पहली दिसम्बर को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन समारोह धुमधाम से पेइचिंग स्थित राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी हॉल में आयोजित हुआ । भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष श्री सुनिल कांत मुंजाल, चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन संघ के उप निदेशक श्री चांग वेई, चीन स्थित भारतीय राजदूत नलिन सुरी तथा भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक श्री एन. श्रीनिवासन आदि इस प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में उपस्थित हुए ।

भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सी.आई.आई के अध्यक्ष श्री सुनिल कांत मुंजाल ने उद्घाटन समारोह में दिए अपने भाषण में कहा कि भारत और चीन विश्व में सब से बड़ी जन संख्या वाले और सब से बड़े विकासशील देश हैं । इधर के वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही बढ़ती जा रही है । इस वर्ष के पहले पांच महीनों में भारतीय कंपनियों ने चीन में 49 पूंजी निवेश मुद्दे शुरू किए , और इस के साथ चीनी उद्योगों ने इस वर्ष के पहले तीन महीनों में ही भारत के साथ 17 नए सहयोग मुद्दों पर हस्ताक्षेर किए , जिस का कुल मुल्य 50 करोड़ अमरीकी डालर है । यह स्थिति अभूतपूर्व है और दोनों देशों के बीच सहयोग का उज्ज्वल भविष्य दिखाई देता है । श्री सुनिल कांत मुंजाल ने कहा,"चीन और भारत को आर्थिक विकास की समान चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । दोनों देशों के सामने क्षेत्रीय व सामाजिक असंतुलन तथा संसाधनों की कमी तथा पर्यावरण आदि सवाल खड़े हैं । इस लिए हमें हाथ में हाथ डाल कर विकास करना चाहिए, और पूंजी व व्यापार समेत विभिन्न क्षेत्रों में आदान प्रदान को आगे बढ़ाना चाहिए । "

चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन संघ के उप निदेशक श्री चांग वेई ने भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा कि वर्ष 2004 में चीन और भारत के बीच राजनीतिक आर्थिक व सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में आवाजाही व्यापक रूप से बढ़ रही है । चीन भारत संबंध एक नए मंजिल पर पहुंच गया है । इस वर्ष के पहले दस महीनों में चीन और भारत के बीच व्यापारिक रक्म दस अरब 80 करोड़ अमरीकी डालर तक जा पहुंच गयी , और अनुमान है कि वर्ष 2004 में दोनों देशों की कुल व्यापारिक रक्म 12 अरब अमरीकी डालर तक जा पहुंचेगी । उन का कहना है,"चीन और भारत वर्तमान विश्व में सब से तेज़ी से विकसित हो रहे देश हैं , दोनों देशों में भारी निहित शक्ति व व्यापारिक मौका मौजूद है । इस लिए दोनों देशों के बीच विभिन्न रूपों में आर्थिक व व्यापारिक सहयोग करने की विशेष अनूकूल स्थिति मौजूद है । द्विपक्षीय व्यापार में एक दूसरे का पूरक होना दोनों देशों के बीच व्यापारिक रक्म की निरंतर वृद्धि का कूंजीभूत कारक है ।"

दूसली भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी के उद्घाटन से पहले चीन भारत की व्यापार व पूंजी निवेश सहयोग संबंधी संगोष्ठी भी आयोजित की गई । चीन स्थित भारतीय राजदूत नलिन सुरी ने इस में बोलते हुए कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत ने सिलसिलेवार कदम उठाया, भारत और भारतीय उद्योग जगत की आशा है कि उन्हें चीन में अपने सहयोग साझेदार मिलेंगे । मौजूदा प्रदर्शनी की चर्चा में श्री नलिन सुरी ने कहा,"दूसरी भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी का आयोजन हमारा उस लक्ष्य को साकार करने में मददगार सिद्ध होगा , जिस से चीन और भारत के बीच आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्रों में तरह तरह रूपों में व तेज़ गति से विकास व सहयोग बढ़ाया जाएगा।"

दोस्तो, श्री सुनिल मिश्रा चीन स्थित भारतीय उद्योग परिसंघ के मुख्य प्रतिनिधि हैं । उन्होंने कहा कि चीन में ऐसी प्रदर्शनी के आजोयन से चीन और भारत के उद्योगों को एक दूसरे के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सकती है ।

60 से ज्यादा उद्योग, एक सौ से ज्यादा भारतीय बड़े व मझौले कंपनियों के निदेशक, संबंधित प्रतिनिधि तथा विभिन्न जगतों के विशेषज्ञ दूसरी भारत में बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं ।

मौजूदा प्रदर्शनी में भारत में उत्पादित जो सोफ़्ट वैयर, तेल व रासायन, कृषि उत्पाद, स्वास्थ्य पदार्थ,वाहनों के कलपुर्ज़े तथा बिजली उपकरण प्रदर्शित है , वे भारतीय कंपनियों तथा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में नामी ट्रेड मार्कों वाले उत्पाद हैं ।