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(GMT+08:00) 2004-12-01 14:01:57    
विकास की राह पर तिब्बत स्वायत प्रदेश

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पहले हम ने मेरा चुमूरामा नामक तिब्बती गीत के रचक श्री मंग वेइतुंग की जानकारी दी ।  हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी का हमेशा आप की रुचि पर ध्यान रहा है। उन्हों ने यह खबर सुनते ही इस गायन दल के निर्देशक से फोन पर बातचीत की। हाल में हम अपने नियमित रेडियो  कार्यक्रम आज का तिब्बत  में आप को अनेक सुन्दर व मधुर तिब्बती गीत सुनवा चुके हैं। यहां बता दें कि कुछ समय पहले पेइचिंग में आयोजित एक गायन प्रतियोगिता में चीन के केन्द्रीय टेलीविजन स्टेशन यानी सी सी टी वी  के गायन दल ने एक तिब्बती गीत गा कर दूसरा पुरस्कार जीता। हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं और सुन्दर हाता अर्पित करना चाहते हैं। आशा है कि श्रोता दोस्त यह कार्यक्रम पसंद आएगा ।

इधर के वर्ष विश्व की छत पर स्थित तिब्बत स्वायत प्रदेश का विकास हुआ है ।स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार आया है और समाज का विकास भी हुआ है । हमें विश्वास है कि तिब्बत स्वायत प्रदेश का भविष्य और अधिक सुन्दर होगा । मित्रो , हाल ही में हमें विश्व की छत पर स्थित तिब्बत स्वायत प्रदेश से एक के बाद एक अनेक खहरियां मिलीं ।उनमें से एक के अनुसार ल्हासा में निजी गाड़ियों की संख्या बढ़ गयी ।संबंधित आंकड़ों के अनुसार, हाल में चीन की निजी गाड़ियों की संख्या एक करोड़ तक पहुंची है, जबकि चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश के ल्हासा शहर में प्रति 23 व्यक्तियों के हिस्सा में एक निजी गाड़ी आती है, जो देश में प्रति 130 व्यक्तियों के एक गाड़ी की औसत दर के 5.6 गुणी है।आंकड़े बताते हैं कि अब तक 4 लाख 20 हजार आबादी वाले ल्हासा शहर में निजी गाड़ियों की संख्या लगभग 18 हजार तक पहुंची है। अब 30 से ज्यादा मोटर गाड़ी बिक्री कंपनियों ने ल्हासा में अपनी शाखाएं खोली हैं।

मित्रो हमें तिब्बत स्वायत प्रदेश से मिली एक अन्य खबर के अनुसार चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के मौसम ब्यूरो के विशेषज्ञों के अनुसंधान व विश्लेषण से पता चला है कि इधर के सालों में तिब्बत में हर साल रेतीली आंधी के दिनों की संख्या उल्लेखनीय रूप से कम हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि विशाल कृत्रिम वन निर्माण तथा रेतीलीकृत भूमि में सुधार का काम तिब्बत में रेतीली आंधी के कम होने का मुख्य कारण है।

संबंधित मौसम विशेषज्ञों ने यह भी पता लगाया कि पिछली शताब्दी के 50 वाले दशक में ल्हासा में हर साल 53 रेतीली आंधी के दिन होते थे, जब कि आज यह संख्या कम कर केवल 6 दिन रह गई है। आंकड़ों के अनुसार, ल्हासा शहर की वायु गुणवत्ता की बेहतरीन दर 98 प्रतिशत जा पहुंची है। तिब्बत में आज तक तेजाबी वर्षा का लक्षण नहीं पाया गया है।