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(GMT+08:00) 2004-11-29 10:31:06    
चीनी मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन केन्द्र--चिंग द चन

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दक्षिण चीन के च्यांग शी प्रांत स्थित चिंग द चन कस्बा चीनी मिट्टी के बर्तनों के उत्पादन से विश्वविख्यात है ।

चिंग द चन कस्बा का इतिहास काई 1600 वर्ष पूराना है । वह च्यांग शी प्रांत के दक्षिण भाग में स्थित है और उस का पुराना नाम था छांग नान ।

आज से 2000 वर्ष पहले चिंग द चन में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाना शुरू हुआ था । लेकिन 10 वीं शताब्बदी से पहले यहां के चीनी मिट्टी के बर्तन उत्पादन का चीन में कोई विशेष स्थान नहीं था । चिंग द चन को चीनी मिट्टी के बर्तन उत्पादन की राजधानी का नाम वर्ष 960 से 1279 के बीच चीन के सोंग राजवंश में मिला था ।

सोंग राजवंश के शुरूआती काल में चीन के उत्तर भाग में मुख्य तौर पर सफ़ेद मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन किया जाता था, जबकि दक्षिण भाग में नीले रंग की मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन किया जाता था । चिंग द चन ने इस दौरान जो नीले व सफ़ेद मिश्रित रंग के बर्तन बनाये थे , वह देखने में जेड सरीखा होता है , इस लिए इसे नकली जेड से भी कहा जाता था । 11वीं शताब्दी में चिंग द चन में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारगरों ने नकली जेड के आधार पर हल्के नीले रंग के चीनी मिट्टी के बर्तनों का आविष्कार किया गया । इसी प्रकार के मिट्टी के बर्तन में नीले रंग में सफेद रंग मिश्रित हुआ है, और सफ़ेद रंग के पृष्ठभाग में हल्का नीला रंग दिखता है । इसतरह हल्के नीले रंग के चीनी मिट्टी के बर्तन निकल आने पर ही चीन में मशहूर हो गये ।

हल्के नीले रंग के चीनी मिट्टी के बर्तनों को सोंग राजवंश के तत्कालीन सम्राट चन चोंग ने बेहद पसंद किया, उस ने चिंग द चन के चीनी मिट्टी के बर्तन को शाही बर्तन घोषित किया , और इस किस्म के बर्तनों के निचले तल में अपने शासन काल का नाम यानी चिंग द शब्द अंकित करने का आदेश दिया, और साथ ही छांग नान कस्बे का नाम बदल कर चिंग द चन कस्बा रखा गया , तभी से चिंग दे चन का नाम भी देश में मशहूर हो गया । सोंग राजवंश के चिंग द शासन काल की शुरूआत वर्ष 1004 में हुई, उसी साल से आज तक पूरे 1000 वर्ष हो गए हैं ।

शाही परिवार द्वारा चिंग द चन के चीनी मिट्टी के बर्तनों को महत्व देने के कारण, चिंग द चन में उत्पादित चीनी मिट्टी के बर्तन शीघ्र ही चीनी मिट्टी के बर्तन बाज़ार पर हावी हो गए , और वह जापान, कोरिया, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व तथा अफ़्रिकी देशों में भी पहुंचे । धीरे धीरे चिंग द चन चीन में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने का केंद्र बन गया ।

13 वीं शताब्दी के अंत में य्वान राजवंश ने चिंग द चन में चीन के इतिहास में प्रथम सरकारी चीनी मिट्टी बर्तन उत्पादन संस्था की स्थापना की । इस से चिंग द चन के बर्तन बनाने की कला के विकास को और आगे बढ़ाया गया । इसी समय बड़ी मात्रा में श्रेष्ठ चीनी मिट्टी के बर्तन बनाये गए , जिन में नीले रंग की पृष्ठभूमि में रंगीन फुल के चित्रों वाले चीनी मिट्टी के बर्तन सब से मशहूर थे ।

14 वीं शताब्दी से 19 वीं शताब्दी तक चीन के मिंग व छिंग राजवंश में चिंग द चन के चीनी मिट्टी के बर्तन उद्योग के विकास का सुनहरा काल था । मिंग राजवंश ने पहले की सरकारी बर्तन उत्पादन संस्था के आधार पर विशेष तौर पर शाही प्रयोग के लिए चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने वाली संस्था की भी स्थापना की, जिस से चिंग द चन के चीनी मिट्टी के बर्तन का विकास अभूतपूर्व शानदार समय में प्रवेश गया । इसी समय चिंग द चन में बनाए गए चीनी मिट्टी के बर्तन एशिया, अफ्रीका, यूरोप तथा अमरीका चार महाद्विपों में मशहूर हो गए थे, और शाही प्रयोग के चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने वाली संस्था पश्चिमी देशों के विशेष ओर्टर के अनुसार चीनी मिट्टी के बर्तन भी बनाती थी । चिंग द चन के नीले रंग में रंगीन फुल चित्र वाले चीनी मिट्टी के बर्तन की संबंधित तकनीक भी कोरिया, जापान, ईरान व वियतनाम में परिचित की गयी थी, और बाद में सीरिया, मिस्र तथा इटली आदि देशों में भी पहुंचायी गई ।

आज चिंग द चन के चीनी मिट्टी के बर्तन चीनी राष्ट्र के कला खजानों में से एक माना जाता है और वह विश्व भर में मशहूर है । चिंग द चन में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने के परम्परागत व अनूठी तकनीक पीढ़ी दर पीढ़ी विकसित हो रही है ।