इधर के कुछ वर्षो में वृक्षारोपण पर जोर दिये जाने से चीन के कुछ क्षेत्रों में पारिस्थितिकी में उल्लेखनीय सुधार आया है। चीन वन व वृक्ष पर केंद्रित राष्ट्रीय भू पारिस्थितिकी सुरक्षित व्यवस्था स्थापित करेगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए चीन वृक्षारोपण को गति देगा। चीन भूमि के कटाव व उसके रेगिस्तान में बदलने की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। प्रति वर्ष चीन में पांच अरब टन भूमि का कटाव होता है और रेगिस्तानी भूमि देश की कुल भूमि का दस प्रतिशत है। पारिस्थितिकी में आने वाले बिगाड़ की रोकथाम के लिए चीन सरकार ने पिछली सदी के अंत में वृक्षारोपण में भारी पूंजी लगानी शुरू की और वन उद्योग संबंधी छै बड़ी परियोजनाएं भी चलाईं।
हाल ही में पेइचिंग में हुई वन उद्योग संबंधी एक बैठक में श्री ह्वी ल्यांग यू ने बताया कि इधर के कुछ वर्षों में चीन के प्रभावी कदमों से देश के कुछ क्षेत्रों में पारिस्थितिकी में सुधार आया। वे कहते हैं कि नयी सदी से चीन में वनरोपण की गति तेज हुई और वनरोपण की गुणवत्ता में उल्लेखनीय रूप से उन्नत हुई। पिछले तीन सालों में प्रति वर्ष देश के वनरोपण का कुल क्षेत्रफल साठ लाख हैक्टर से अधिक रहा। खेतों को जंगल का उनका पुराना रूप लौटाने,प्राकृतिक वनों की सुरक्षा करने व सुरक्षित वन व्यवस्था की स्थापना जैसी 6 बड़ी परियोजनाओं के कार्यान्वयन से महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त हुईं। अब चीन के कुछ इलाकों में पारिस्थितिकी में बड़ा सुधार आ चुका है और कुछ क्षेत्रों में पहले के बंजर पहाड़ हरियाली से भर गये हैं।
हालांकि देश के कई क्षेत्रों में पारिस्थितिकी अच्छी स्थिति में है, फिर भी आम तौर पर चीन में पर्यावरण में सुधार लाने का काम बहुत कठिन है। सूत्रों के अनुसार चीन में वन संसाधन पर्याप्त न होने के साथ असंतुलित रूप से फैले हुए हैं। वर्तमान में चीन का वनरोपण सोलह प्रतिशत है, जो विश्व के निम्न स्तर से कम है। यहां तक कि चीन के कई प्रांतों में वृक्षारोपण दस प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाया है। इन क्षेत्रों में पानी के अभाव के कारण भविष्य में वनरोपण कठिन होगा । आर्थिक विकास और जनता के जीवन स्तर के उन्नत होने के चलते चीन में लकड़ी की मांग तेजी से बढ़ी है और लकड़ी की मांग सप्लाई से अधिक होने के कारण वन संसाधनों की रक्षा पर दबाव पहले से ज्यादा बढ़ गया है।
चीनी उप प्रधानमंत्री ह्वेइ ल्यांग यू ने कहा कि वर्तमान में चीन में अनवरत विकास की रणनीति लागू की जा रही है। इसलिए पारिस्थितिकी निर्माण की रणनीति और ज्यादा महत्व रखती है। भविष्य में चीन में पारिस्थितिकी सुरक्षा व्यवस्था की स्थापना की जाएगी, ताकि पारिस्थितिकी में कारगर सुधार किया जा सके। उन्होंने कहा कि पारिस्तितिकी सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण अंग ही नहीं है, अनवरत विकास की रणनीति के कार्यान्वयन का महत्वपूर्ण आधार भी है। हम ने पारिस्थितिकी निर्माण की प्रधानता वाले वनरोपण के अनवरत विकास का रास्ता तय किया है औऱ भविष्य में हम चीन में वृक्षारोपण को प्रधानता देकर जंगलों व घासमैदानों के मेल वाली राष्ट्रीय पारिस्थितिकी सुरक्षा व्यवस्था की स्थापना करेंगे। इस के लिए वनरोपण की गति दी जाएगी और वन संसाधनों की पूरी रक्षा की जाएगी, ताकि एक कठोर पारिस्थितिकी बांध तैयार हो सके।
हाल में आयोजित चीनी वन उद्योग के सुयोग्य व्यक्तियों के सम्मेलन में चीनी राष्ट्रीय वन ब्यूरो ने 20 से ज्यादा वैज्ञानिकों को पुरस्कारों से संमाननित किया। ये वैज्ञानिक चीन के कई वन उद्योग अनुसंधान केंद्रों व संबंधित कॉलेजों से हैं। इन्होंने चीनी वन उद्योग के अनुसंधान व तकनीकी विकास तथा वन उद्योग विज्ञान व तकनीक के प्रसार आदि क्षेत्रों में बड़े कारगर काम किए हैं और चीनी वन उद्योग के विकास में भारी योगदान किया है।
पारिस्थितिकी का सुधार कृषि के उत्पादन से भी जोड़ा हुआ है। लेकिन कृषि उत्पादन की वृद्धि तकनीकी प्रगतियों पर निर्भर है। चीनी कृषि वैज्ञानिक ज्यादा पैदावार वाले संकर धान के बीजों के संवर्द्धन में जुटे हुए हैं। स वर्ष इस कार्य में उल्लेखनीय कामयाबी हासिल हुई। ज्यादा पैदावार वाले धान के कुछ बीजों को बड़े रकबे में उगाए जाने पर उनका प्रति हेक्टर उत्पादन 12 टन रहा। चीनी कृषि मंत्रालय के संबंधित अधिकारी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि चीन भविष्य में अनाज के मुख्य उत्पादन क्षेत्रों में धान के नये बीजों को लोकप्रिय बना कर धान की फ़ी इकाई पैदावार में भारी वृद्धि करेगा। वर्तमान में जनसंख्या में दिन प्रति दिन वृद्धि होने और खेतों के रकबे में वृद्धि में मुश्किल होने की हालत में ज्य़ादा पैदावार वाले संकर धान को विकसित करना तथा धान की फ़ी इकाई पैदावार में तेज़ वृद्धि लाने का लक्ष्य पाना, विश्व में अनाज की मांग व सप्लाई की स्थिति सुधारने पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों पर जनसंख्या वृद्धि से हुए तनाव को कम करने तथा चीन के अनाज की सुरक्षा की गारंटी का एक महत्वपूर्ण रास्ता है। खबर है कि चीन की ज्य़ादा पैदावार वाले धान की तैयारी का लक्ष्य आगामी दो हजार पंद्रह तक प्रति हेक्टर तेरह टन पैदावार देने वाले धान के बीजों की तैयारी करना है। इससे चीनी किसानों की अनाज से होने वाली वार्षिक आय में 1 अरब पचास करोड़ य्वान की वृद्धि होगी। तब अनाज उत्पादन चीन की अनाज की मांग को बिल्कुल पूरा कर सकेगा।
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