इधर के वर्षों में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का शिक्षा कार्य चीनी केंद्रीय सरकार के समर्थन व समूचे देश की जनता की सहायता से ज़ोरों पर विकसित हो रहा ।
वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद पिछले 50 से ज्यादा सालों में तिब्बती किसानों व चरवाहों में शिक्षा के प्रति विचारधारा भी धीरे धीरे परिवर्तित हुई । अधिकांश तिब्बती लोगों ने यह देखा कि शिक्षा से तिब्बत में अच्छी प्रगति मिली और यहां भारी विकास हो रहा है , इसलिए आज तिब्बती किसान व चरवाह अपने बच्चों के स्कूल जाने का समर्थन करते हैं ।
वर्तमान में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में शिक्षा कार्य का विकास ज़ोरों पर है । तिब्बत में शिक्षा कार्य न के बराबर होने से विकसित हो कर अब अच्छे पैमाने पर जा पहुंचा है ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिन ची प्रिफ़ैक्चर में स्थित लुलांग नाम का कस्बा एक हजार एक सौ 63 जन संख्या वाला छोटा सा कस्बा है । कस्बे में एक मात्र स्कूल---लुलांग
स्कूल की स्थापना वर्ष 1973 में हुई थी । लुलांग स्कूल में अब एक सौ 63 छात्र पढ़ते हैं , वे सभी तिब्बती हैं , जिन में से एक सौ 39 बोर्डिंग छात्र हैं । पहले इस स्कूल का बुनियादी संस्थापन अच्छा नहीं था । वर्ष 2003 में तिब्ब्त स्वायत्त प्रदेश ने स्कूल के सुधार के लिए दस लाख य्वान की राशि का अनुदान किया और भीतरी इलाके के सङजन शहर के फुत्यान डिस्ट्रिक्ट से भी सहायता की पांच लाख य्वान की राशि मिली , जिस से स्कूल के बुनियादी संस्थापनों का निर्माण किया गया , साथ ही दूर शिक्षा की कक्षा भी खोली गई , जिस में कम्प्युटर सेट , टीवी सेट और डि वि डी की सुविधा मिलती है । स्कूल दूर शिक्षा के माध्यम से छात्रों की जिज्ञासा और आवश्यकता को पूरा करता है।
लुलांग स्कूल के कुलपति कुंगा एक तीस वर्षीय युवा अध्यापक हैं । तिब्बत की राजधानी ल्हासा के नार्मल कालेज से स्नातक हुए कुलपति कुंगा लुलांग स्कूल में सभी प्रशासनिक कामों की जिम्मेदारी उठाने के अलावा स्कूल की छै कक्षाओं की गणित शास्त्र और वैचारिक शिक्षा पढाने का काम भी करते हैं । श्री कुंगा ने बताया कि लुलांग स्कूल के 15 अध्यापक प्रायः एक से अधिक पाठ पढ़ाते हैं , वे बहुत मेहनती हैं , उन का काम कुछ भारी तो सही , पर बच्चों को अच्छी तरह पढ़ाने और उन के स्वस्थ विकास की गांरटी देने के लिए वे अपनी मेहनत को बड़ा मुल्यवान समझते हैं ।
मेरे साथ बातचीत के समय श्री कुंगा ने गर्व के साथ बताया कि उन के स्कूल का एक स्नातक छात्र इस साल लिनची प्रिफैक्चर की परीक्षा में श्रेष्ठत्म अंक पा कर पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल में दाखिल हो गया है । श्री कुंगा कहते हैः
वर्ष 2000 से अब तक हमारे स्कूल के कुछ छात्र देश के भीतरी इलाके के श्रेष्ठ स्कूलों में पढ़ने के लिए दाखिला हो गए हैं , इस साल पेइचिंग के तिब्बती मिडिल स्कूल ने हमारे एक छात्र को दाखिला दिया है , वह निश्चय ही एक बड़ा श्रेष्ठ छात्र है।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिक्षा कार्य के विकास को स्वायत्त प्रदेश की सरकार द्वारा बहुत महत्व देने के अलावा देश की विभिन्न जातियों की जनता के समर्थन से भी अलग नहीं किया जा सकता । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफ़ैक्चर की च्यांग ची कांऊटी की कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी के उप सचिव श्री ल्यु तुंगछांग शांगहाई शहर से तिब्बत की सहायता के लिए आए भीतरी इलाके के कर्मचारी हैं । तिब्बत आने के बाद उन्होंने यहां के शिक्षा कार्य पर ज्यादा ध्यान दिया । उन का विचार है कि शिक्षा तिब्बत के विकास को आगे बढाने की प्रेरक शक्ति है । तिब्बत में काम करने के दौरान उन्होंने च्यांग ची कांऊटी के अधिकांश कस्बों व गांवों में स्कूलों का निरीक्षण दौरा किया । तिब्बती स्कूलों में मौजूद नीच स्तर के बुनियादा संस्थापनों को देखते हुए श्री ल्यु तुंगछांग ने भावविभोर हो कर कहाः
"मेरा विचार है कि शिक्षा तिब्बत के विकास का बुनियाद है । मुझे लगता है कि किसी भी कठिनाइयों में भी हमारे बच्चों को कठिनाई पहुंचाने नहीं दी जानी चाहिए और किसी गरीब स्थिति में भी शिक्षा को महत्व देना चाहिए । इस लिए हम भीतरी इलाके से तिब्बत की सहायता करने आए कर्मचारी यहां की शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देंगे ।"
श्री ल्यु तुंगछांग तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बच्चों की सेवा में ज्यादा ठोस काम करने की कोशिश करते हैं । तिब्बत आने के पहले तीन महिनों में उन्होंने अपनी कोशिशों के जरिए च्यांग ची कांऊटी के कई स्कूलों के बुनियादी संस्थापनों को सुधारने के लिए भीतरी इलाके से 18 लाख य्वान का चंदा प्राप्त किया , साथ ही च्यांग ची में तिब्बत की सहायता करने आए भीतरी इलाके के हरेक कर्मचारी से कम से कम दो तिब्बती छात्रों की मदद देने का आह्वान किया ।
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