आज के इस कार्यक्रम में हम बरेली, उत्तर प्रदेश के आबिद अली देशप्रेमी, विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश की सुश्री रहमतुन्निसा,मऊ, उत्तर प्रदेश के अनुराग दीप, दीपा यादव, ऊषा देवी, राथिका देवी,कोआथ के हाशिम आज़ाद, ख़ैरून निसा, रज़ोमा खातुन बाबू अकरम,बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल मासूम,कलेर, बिहार के मोहम्मद असिफ खान, बेगम निकहत प्रवीन, सदफ आरजून, अजफर अकेला, तहमीना मशकुर, आजमगढ़ यू पी के काएम महदी, जावेद हैदर मजीद और भागलपुर, बिहार की नाजनी हसन, तामन्ना हसन, हमीदा हसन, शबीना हसन, सुलताना खातून, नाजमा खानम के पत्र शामिल कर रहे हैं। इन सभी श्रोताओं ने चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बारे में विस्तृत जानकारी चाही है।
केन्द्र सरकार का तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास पर पूरा ध्यान है। वर्ष 1984 से 1994 के बीच केन्द्र सरकार और भीतरी इलाके के 9 प्रांतों ने तिब्बत को 43 परियोजनाओं में सहायता दी, इन में कुल 48 करोड़ य्वान की पूंजी लगाई गई।
वर्ष 1994 से 2001 के बीच केन्द्र सरकार ने तिब्बत की 62 परियोजनाओं में पूंजी लगाई। इन की कुल रकम 4 अरब, 86 करोड़ य्वान रही। इस के अतिरिक्त भीतरी इलाके और राज्य परिषद के विभागों ने तिब्बत की 716 परियोजनाओं को सहायता दी। इन में लगाई गई पूंजी 3 अरब 16 करोड़ य्वान रही।
वर्ष 2001 में केन्द्र सरकार ने तिब्बत को सहायता प्रदान करने के चौथे कार्य सम्मेलन में तिब्बत को प्रदत्त सहायता बढ़ाने का निर्णय लिया। देश की दसवीं पांचसाला योजना में केन्द्र सरकार तिब्बत में 117 परियोजनाओं का निर्माण करेगी, उसे 31 अरब 20 करोड़ य्वान का अनुदान देगी साथ ही 37 अरब 90 करोड़ य्वान की वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। इस बीच भीतरी इलाके तिब्बत को 71 परियोजनाओं के निर्माण में सहायता प्रदान करेंगे और इसके लिए 1 अरब 6 करोड़ य्वान का अनुदान करेंगे।
आंकड़ों के अनुसार, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना के बाद के करीब 40 वर्षों में उसका संपूर्ण वित्तीय व्यय 87 अरब 57 करोड़ 60 लाख य्वान रहा, जिसका 94.9 प्रतिशत केन्द्र सरकार का अनुदान था।
पिछले करीब 40 वर्षों में तिब्बत की अर्थव्यवस्था, आर्थिक ढांचे और कुल उत्पादन मूल्य में भारी परिवर्तन हुआ।
वर्ष 2003 में तिब्बत का कुल उत्पादन मूल्य 18 अरब 45 करोड़ 90 लाख य्वान रहा, जबकि वर्ष 1965 में यह मात्र 32 करोड़ 70 लाख था। प्रति व्यक्ति औसत आय वर्ष 1965 के 241 य्वान से बढ़ कर 2003 में 6874 हो गई।
पहले तिब्बत में उद्योग नहीं के बराबर थे पर अब वहां आधुनिक उद्योग व्यवस्था की स्थापना हो चुकी है। साथ ही व्यापार, पर्यटन, डाक-तार, रेस्तरां, मनोरंजन और आई टी जैसे व्यवसायों में भी बड़ा इजाफा हुआ है।
वर्तमान में तिब्बत में राजमार्ग का जाल फैला हुआ है। राजमार्गों की कुल लम्बाई 41 हजार 300 किलोमीटर से अधिक है। वर्ष 2001 में छिंगहै-तिब्बत रेल मार्ग का निर्माण शुरू हुआ। 2005 में इस परियोजना का निर्माण पूरा हो जायेगा।
गत वर्ष स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन उद्योग की आय उसके कुल उत्पादन मूल्य की 5.6 प्रतिशत रही। हर सौ व्यक्तियों में से 22 को फोन की सेवा हासिल थी और टेलिफोन या मोबाइल फोनों की कुल संख्या 6 लाख 2 हजार रही।
पहले तिब्बत में आधुनिक स्कूल नहीं थे। स्कूली आयु के बच्चों का सिर्फ 2 प्रतिशत ही तब स्कूल जा पाते थे। उस समय तिब्बत में निरक्षरता दर 95 प्रतिशत थी। वर्ष 2003 के अंत तक, स्वायत्त प्रदेश में 1011 स्कूल खुल गये। इस के अतिरिक्त 2020 कक्षाएं भी चल रही हैं। स्कूलों में 4 लाख 53 हजार 400 छात्र पढ़ते हैं, साक्षरता दर 70 प्रतिशत है। वर्ष 1985 में केन्द्र सरकार ने भीतरी इलाके के 21 प्रांतों या शहरों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिए विशेष स्कूलों या कक्षाओं की स्थापना शुरू की। तब से तिब्बत के लिए विश्वविद्यालयों या तकनीकी स्कूलों ने करीब दस हजार स्नातक तैयार किए।
तिब्बत में चिकित्सा व स्वास्थ्य की स्थिति में भी काफी सुधार आया है । वर्तमान में स्वायत्त प्रदेश में चिकित्सा संस्थाओं की कुल संख्या 1305 है, इन में 6216 बिस्तर हैं और 8287 चिकित्सक कार्यरत हैं। प्रतिहजार व्यक्तियों पर बिस्तरों और चिकित्सकों की संख्या चीन की औसत मात्रा से अधिक है।
तिब्बत में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर वर्ष 1959 की 43 प्रतिशत से घट कर 3.1 प्रतिशत रह गई है। इस के विपरीत नागरिकों की औसत आयु 35.5 साल से 67 साल तक बढ़ी है। साथ ही जनसंख्या वर्ष 1951 के 11 लाख 40 हजार 900 से 27 लाख 1 हजार 700 तक पहुंच गई।
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