इधर के वर्षों में चीन की केंद्रीय सरकार के समर्थन व समूचे देश की जनता की सहायता से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का शिक्षा कार्य ज़ोरों पर विकसित हो रहा । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य पा चुका है । तिब्बत की यात्रा के दौरान मैं ने देखा कि इधर के बाल किशोर बड़ी खुशी के साथ स्कूल जाते हैं, पढ़ते हैं और ज्ञान हासित करते हैं ।
ल्हासा सातवां मिडिल स्कूल एक जूनियर मिडिल स्कूल है , जो विश्व विख्यात पवित्र स्थल पोताला महल से कोई दो किलोमीटर दूर है, और मशहूर पर्यटन स्थल लो बु लिंग खा उद्यान के पास स्थित है । हर रोज़ स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ने, हंसने और खेलने की आवाज़ लोबु लिंग खा और पोताला महल के आसपास हवा में गुंजती है । इस स्कूल में सिर्फ़ 76 अध्यापक अध्यापिकाएं हैं और 768 विद्यार्थी । स्कूल में तिब्बती भाषा कक्षा के अलावा, हान भाषा , अंग्रेज़ी , गणित शास्त्र , रसायन शास्त्र आदि 13 विषयों के पाठ्यक्रम होते हैं । दूर शिक्षा के लिए स्कूल में 71 कंप्युटर लगाए गए है, और पुस्तकालय में 3600 किताबें संगृहित हैं ।
ल्हासा सातवां मिडिल स्कूल के प्रभारी ल्यु सोंग छन ने मुझे बताया कि हालांकि स्कूल का बुनियादी संस्थापन पर्याप्त नहीं है, फिर भी इधर के वर्षों में स्कूल ने सिलसिलेवार शिक्षा सुधार किया। स्कूल वैज्ञानिक ढंग से पढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता उन्नत करने की कोशिश करता है । वर्ष 2004 में यहां की हाई स्कूली दाखिला दर सौ फिसदी प्राप्त हुई, और स्थानीय हाई स्कूल में दाखिला परीक्षा में इस मिडिल स्कूल के तिब्बती भाषा परीक्षा की उपलब्धि ल्हासा में प्रथम स्थान पर थी। ज्यादा से ज्यादा स्कूली उम्र वाले बच्चों को स्कूल में दाखिला कराने के लिए ल्हासा सातवां मिडिल स्कूल ने सिलसिलेवार कदम उठाये , जिन में गरीब परिवार के विद्यार्थियों के लिए उदार नीति शामिल है । प्रभारी ल्यु सोंग छन ने कहाः
"विद्यार्थियों को पढ़ाई से वंचित होने से रोकने और स्कूली उम्र वाले बच्चों की अनिवार्य शिक्षा पूरा करने देने के लिए हमारे स्कूल ने सिलसिलेवार कदम उठाये । हम विद्यार्थियों की आर्थिक बौझ और मानसिक बौझ को कम करने की कोशिश करतें हैं । हम विद्यार्थियों से ज्यादा फ़ीस नहीं लेते हैं । उल्लेखनीय है कि हम ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बाल कल्याण सदन के 14 बेघरवार बच्चों को मुफ़्त में पढ़ने के लिए स्कूल में दाखिला कर दिया । हम उन 14 बच्चों को मुफ़्त युनीफर्म भी प्रदान करते हैं । गरीब छात्रों का हम ज्यादा ख्याल करते हैं, हमारे स्कूल के अध्यापक अध्यपिका ,जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हो, कभी कभार चंदा दे कर गरीब विद्यार्थियों को सहायता देते हैं । हम गरीब छात्रों को अपना प्यार देते हैं और इस तरह उन्हें मेहनत से पढ़ने की प्रेरणा देते हैं ।"
वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद पिछले 50 से ज्यादा सालों में तिब्बती किसानों व चरवाहों में शिक्षा के प्रति विचारधारा भी धीरे धीरे परिवर्तित हुई । अधिकांश तिब्बती लोगों ने यह देखा कि शिक्षा से तिब्बत में अच्छी प्रगति मिली और यहां भारी विकास हो रहा है , इसलिए आज तिब्बती किसान व चरवाह अपने बच्चों के स्कूल जाने का समर्थन करते हैं ।
सो लांगत्ची तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफ़ैकचर के च्यांग ची कांऊटी के दूसरे मिडिल स्कूल की विद्यार्थी है । जूनियर स्कूल के तीसरे क्लास में पढ़ने वाली सो लांगत्ची ने मुझे बताया कि उसे स्कूल जाना पसंद है । उस के स्कूल में पाठ्यक्रम विविध है, और कंप्युटर कक्षा और भीतरी इलाके से आए अध्यापकों की हान भाषा कक्षा व अंग्रेज़ी कक्षा को उस की सब से पसंदीदा कक्षा हैं । अब सो लांगत्ची अंग्रेज़ी से च्यांग ची कांऊटी की यात्रा पर आने वाले विदेशी पर्यटकों के साथ आसानी से बातचीत कर सकती है । सो लांगत्ची एक मेहनती छात्रा है , अवकाश के समय वह अपने माता पीता की मदद के लिए दो साल की छोटी बहन की देखभाल करती है । सोलांगत्ची के माता पीता तिब्बती चरवाहे हैं , और कालीन का व्यापार भी करते हैं ।सो लांगत्ची ने मुझे बताया कि उस के माता पीता उस की पढ़ाई का भरसक समर्थन करते हैं और भविषय में छोटी बहन को भी स्कूल भेजेंगे । इस वर्ष सो लांगत्ची अपने क्लास की नम्बर तालिका में दूसरे स्थान पर आई , उस की आशा है कि भविष्य में एक अच्छा हाई स्कूल में दाखिला मिलेगा और विश्वविद्यालय में भी दाखिला कर सकेगी । सो लांगत्ची ने कहाः
"अब हमारे स्कूल की स्थिति बहुत अच्छी है । स्कूल में कंप्युटर की व्यवस्था हैं, हम हान भाषा व अंग्रेज़ी सीखते हैं और सब कुछ सीखते हैं । मैं भविष्य में विश्वविद्यालय में पढ़ने जाऊंगी ।"
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