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(GMT+08:00) 2004-11-18 16:26:56    
चीन में स्वेच्छा से रक्तदान करने की व्यवस्था कायम हुई

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स्वेच्छा से रक्तदान करने की व्यवस्था बहुत से देशों में सभ्यता और प्रगति का प्रतीक मानी जाती है। बहुत से आधुनिक देशों में ऐसी व्यवस्था लागू भी है। चीन ने छै साल पहले ऐसी व्यवस्था कायम करनी शुरू की और इसमें उल्लेखनीय उपलब्धि भी हासिल की। दाम ले कर रक्त देने की तुलना में स्वेच्छा से रक्तदान करने की व्यवस्था लागू होने से चिकित्सा के लिए उपयोगी रक्त की सुरक्षा की गारंटी की जा सकती है। चीनियों की यह गलत धारणा रही है कि रक्तदान से शरीर को क्षति पहुंचती है, इसलिए चीनी लोग रक्तदान करने से डरते रहे हैं।1998 में चीन के सभी रक्तदाताओं के सिर्फ बीस प्रतिशत ने बिना धन लिये रक्तदान किया। इस का मतलब हुआ, अस्पतालों में उपयुक्त रक्त का अस्सी प्रतिशत , धन के बदले रक्त देने वालों या रक्त बेचने वालों पर निर्भर रहा। चीन में रक्त बेचने वाले ज्यादातर लोग किसान हैं या शहरों के कम आय वाले नागरिक। रक्त की बिक्री से मिला धन उन की प्रमुख आय है। इसमें अब तक यह समस्या रही कि कुछ रक्त बेचने वाले अपनी बीमारियां छिपाकर रक्त बेचते रहे। अब तक चीन में रक्त की जांच भी इतनी उन्नत नहीं थी , इसलिए चीन में रक्तदान से एड्स और पीलिया आदि बीमारियां होने की घटनाएं भी हुईं। 1998 से चीन ने चिकित्सा उपयोगी रक्त की सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठाये और रक्तदान कानून भी बनाया। इस कानून में अपनी इच्छा से रक्तदान करने का कानूनी स्थान भी निश्चित किया गया और पूरे समाज में इस तरह के रक्तदान का प्रचार किया जाने लगा। चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार चीन में रक्तदान व्यवस्था लागू करने का बहुत अच्छा प्रभाव रहा। उन्हों ने कहा कि चीन की स्वेच्छा से रक्तदान की व्यवस्था में भारी प्रगति हासिल हुई है। 2003 में इस तरह के रक्तदान का अनुपात 1998 की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक रहा, जो चिकित्सा उपयोगी रक्त की गारंटी में मददगार साबित हुआ। पता चला है कि 2003 तक चीन में चिकित्सा उपयोगी रक्त का 85 प्रतिशत भाग ऐसे रक्तदान से ङी आया। इसके लिए चीन सरकार और उसके संबंधित विभागों ने रक्तदान के बारे में नागरिकों की अंधविश्वास को दूर करने के लिए भिन्न-भिन्न माध्यमों से प्रचार किया। विज्ञान के अनुसार एक उचित सीमा तक रक्त दान करने से शरीर को कोई क्षति नहीं पहुंचती है। यह जानकारी लोगों को स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए प्रेरित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी । इधर चीन की स्थानीय सरकारों के कार्यकर्ताओं ने भी खुद रक्त दान कर आदर्श कायम किया और सरकार रेडियो और टी वी आदि के जरिये ऐसे रक्तदान का प्रचार करती रही। इस के अलावा चीन के मशहूर फिल्म सितारों आदि ने भी रक्तदान के प्रचार में भारी भूमिका अदा की। सरकार की इन कोशिशों ने नागरिकों को खासा प्रभावित किया है। समाज का रक्तदान कार्य को समर्थन दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। इस क्षेत्र में बहुत से आदर्श व्यक्ति भी उभरे हैं। मिसाल के लिए दक्षिणी चीन के फूचओ शहर के किसान, 50 वर्षीय श्री कौ यूंग ह्वा ने इधर के दस सालों में कुल तीस मिलीलीटर रक्त दान किया है । उन्हों ने अपने साइकिल से देश की अनेक जगहों में जाकर स्वेच्छा से रक्त दान करने का प्रचार भी किया। उन के काम की प्रशंसा करते हुए चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन्हें विशेष पुरस्कार दिया। रक्तदान की चर्चा में श्री कौ का कहना है कि रक्तदान किसी व्यक्ति की जरूरतमंद के प्रति सद्भावना साबित करता है। इने गिने व्यक्तियों के रक्तदान से समाज की रक्त की भारी आवश्यकता को पूरा नहीं किया जा सकता। इसलिए मैं साइकिल से देश की जगह-जगह जाकर लोगों को अपनी इच्छा से रक्तदान करने को प्रेरित करता आ रहा हूं । मैं लोगों को यह बताना चाहता हूं कि रक्तदान से शरीर को कोई क्षति नहीं पहुंचती। श्री कौ से देश के दूसरे क्षेत्रों के लोग भी प्रोत्साहित हुए हैं । क्वांगतुंग प्रांत में छै सौ नागरिकों ने स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए एक विशेष स्वयंसेवक दल स्थापित किया। वे खुद रक्तदान करने के अतिरिक्त अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में रक्तदान का प्रचार करते हैं। मध्य चीन के हनान प्रांत के कुछ कालेज छात्रों ने भी एक रक्तदान सोसाइटी स्थापित की है। उन के प्रयास से कुल दो हजार छै सौ छात्र अपनी इच्छा से रक्त दान करने वालों की पंक्ति में शामिल हुए। चीन के सभी क्षेत्रों में से हनान प्रांत की रक्तदान की घटना लोगों का विशेष ध्यान आकर्षित कर चुकी है । इस प्रांत की इस घटना में कुछ किसानों के बेचे गये रक्त से एड्स का फैलाव हुआ। सौभाग्यवश सरकार ने इस की जानकारी के तुरंत बाद इस क्षेत्र में रक्त की बिक्री बन्द कर दी और एड्स से पीड़ित किसानों को राहत देनी शुरू की। प्रांत में स्वेच्छा से रक्तदान करने को प्रेरिक करने वाले एक जिम्मेदार अधिकारी के अनुसार अब इस प्रांत की सरकार ने इस तरह के रक्तदान की व्यवस्था लागू कर दी है और प्रांत में रक्त बेचना पूरी तरह खत्म कर दिया गया है । पिछले छै सालों में हनान प्रांत में चिकित्सा उपयोगी रक्त शत प्रतिशत स्वेच्छा से किये रक्त दान के माध्यम से आया है। अस्पतालों में उपयोग में लाया जाने वाला रक्त बिल्कुल सुरक्षित है और रक्त की बिक्री से एड्स के प्रसार की स्थिति खत्म हो चुकी है। चिकित्सा उपयोगी रक्त को सुरक्षित बनाये रखने के लिए चीन सरकार ने एक अरब य्वान की पूंजी से देश में अनेक आधुनिक रक्त भंडार स्थापित किये हैं और रक्त की वैज्ञानिक जांच से भी रक्त की सुरक्षा की गारंटी की जा रही है। स्वेच्छा से रक्तदान करने की व्यवस्था के भारी प्रगति प्राप्त करने के बावजूद आज भी चीन में पंद्रह प्रतिशत चिकित्सा उपयोगी रक्त के लिए रक्त बेचने वालों का सहारा लिया जा रहा है । देश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को स्वेच्छा से रक्तदान करने की योजना की काफी जानकारी नहीं है। इस पर चीनी रेड क्रोस सोसाइटी की प्रधान सुश्री फंग पेइयुवन का कहना है कि चीन भविष्य में स्वेच्छा से रक्तदान की व्यवस्था को शतप्रतिशत पूर्ण बनायेगा । इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए चीन सरकार अभी और कुछ वर्षों तक कोशिश करेगी और रक्त की बिक्री से एड्स और पीलिया आदि बीमारियों के प्रसार को रोकेगी। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए चीन सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में स्वेच्छा से रक्तदान करने को बढ़ावा देने का जोर-शोर से प्रचार करने की अपील की है। चीन के शिक्षा विभागों ने भी स्कूलों में ऐसी रक्तदान योजना की जानकारी के प्रसार का अभियान चलाया है, ताकि इस संदर्भ में नयी पीढ़ी की जानकारी बढ़ाई जा सके ।
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