चीन की ई जाति ने इंटरनेट पर अपने वेब साइट का भी विकास किया है , तो आप को जिज्ञासा हुई होगी कि ई जाति का यह वेब साइट किस ने खोला और उस का हालत कैसा है , ई जाति के वेब साइट की संस्थापक हुगं फिन शान और उन की वेब साइट की कहानी । वेब साइट खोलने का हुंग फिन शान का उद्देश्य ई जाति की संस्कृति को लोकप्रिय बनाना है , उस का जन साधारण में प्रसार प्रचार करना है और सर्वस्वीकृत बनाना है।
अपने अथक प्रयास का रंग आया , ई जाति वेबसाइट मशहूर हो गया , हुगं फिन शान को बहुत से समर्थन उपलब्ध हो गया । इस प्रकार वह ई जाति के एक युवक से परिचित भी हो गया , मोसेलारो नाम का यह ई युवक हुंग का दोस्त बन गया । उस ने हमें बतायाः
मैं ने अनजान से ई जाति वेब साइट पाया , मुझे बड़ी खुशी हुई कि ई जाति का वेबसाइट भी खुला है । उसे सुधारने के लिए मैं ने श्री हुंग के नाम ई-मैल भेजा और अपना विचार बताया ।
बालक की भांति हुंग का ई जाति वेब साइट परिपक्व होता गया , साइट पर अचल पेज होने के अलावा मूविंग पेज भी खोले गए , वहां लिखित लेख है , चित्र तस्वीरें हैं और गीत संगीत भी है , जिसे डाउन लॉड किया जा सकता है । वेब साइट पर लोग 60 लाख जन संख्या वाली ई जाति के इतिहास , रिति रिवाज और संस्कृति की जानकारी पा सकते हैं , साथ ही इस के माध्यम से ई जाति की संस्कृति के प्रेमी लोगों के साथ विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं ।
हमें बताया गया है कि अब रोज दस हजार से अधिक लोग ई जाति वेब साइट पर क्लिक करते हैं ,साइट मंच के लिए दो हजार से ज्यादा लोगों ने औपचारिक रूप से पंजीकृत किया है , वे मंच पर रायें देते हैं और राय मशविरा करते हैं । इन लोगों में छात्र भी है , विद्वान भी है , ई जाति के लोग भी तथा देश की अन्य जातियों के लोग भी है । समाज विज्ञान के विद्वान ,ई जाति के प्रोफेसर श्री फु छि ता लिगं उन में से एक हैं , उन्हें मित्रों की बैठक से पता चला कि ई जाति वेब साइट कोई ई जाति की जानकारी देने वाली साइट इंटरनेट पर है , तो वे साइट का मित्र हो गया ।वे समय समय पर वेब साइट के मंच पर अपना अकादमिक लेख प्रकाशित करते हैं और मंच के अन्य लोगों के साथ अकादमिक दृष्टिकोण का आदान प्रदान करते हैं । वे कहते हैः
इधर के सालों में मैं ने ई जाति वेब साइट पर अपने अनेक लेख और विभिन्न विषयों पर अपनी रायें प्रस्तुत किए, वेब साइट पर मित्रों के साथ बहस भी हुई , जिस से अकादमिक अनुसंधान में मुझे काफी लाभ मिला और वेब साइट से मैं ने बहुत कुछ भी सीखे , मेरे विचार में अधिक से अधिक लोग इस वेब साइट का समर्थन करेंगे और यह साइट लगातार सुधर भी जाएगा और लोकप्रिय भी ज्यादा होगा ।
यो ई जाति के लोग तथा ई जातीय संस्कृति के प्रेमी लोग ई जाति वेब साइट का स्वागत करते हैं और अकसर साइट का दौरा करते हैं , साथ ही ई जाति की संस्कृति में लगाव रखने वाले बहुत से विदेशी लोगों ने भी ई जाति वेब साइट के साथ नियमित संपर्क कायम किया है । अमरीका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री स्टेवन हरेल्ल ने इंटरनेट पर अपना वेब साइट कायम किया और उसे ई जाति वेब साइट के साथ जोड़ भी दिया, जब ई जाति वेब साइट यानी www.yizuren.com खोला गया , तो उस में स्टेवन हरेल्ल का वेब पेज भी देखने को मिलता है ।
ई जाति वेब साइट का निरंतर विस्तार हो रहा है , वेब साइट में व्यापार सेवा मंच भी खोला गया , जिस में ई जाति के परम्परागत शिल्प कला के प्रेमी लोग ई जातीय शिल्प वस्तुओं का व्यापार करने का मौका पाएंगे , वेब साइट में ई भाषा के अलावा हान भाषा और अंग्रेजी के संस्करण भी उपलब्ध है । इस तरह और अधिक लोगों को ई जाति वेब साइट देखने की सुविधा मिल सकती है ।
ई जाति के अलावा चीन की अन्य अल्प संख्यक जाति च्वांग , म्यो और मान आदि जातियों ने अपनी अपनी भाषा या हान भाषा में अपनी जाति के वेब साइट खोले हैं । चीन की अल्प जातियों के बारे में दिलचस्पी लेने वाले मित्र इन वेब साइटों को देख सकते हैं और चीन की अल्प संख्यक जातियों की ज्यादा जानकारी प्राप्त होगी ।
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