आज के इस कार्यक्रम में हम बरेली, उत्तर प्रदेश के आबिद अली देशप्रेमी, विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश की सुश्री रहमतुन्निसा,मऊ, उत्तर प्रदेश के अनुराग दीप, दीपा यादव, ऊषा देवी, राथिका देवी,कोआथ के हाशिम आज़ाद, ख़ैरून निसा, रज़ोमा खातुन बाबू अकरम,बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल मासूम,कलेर, बिहार के मोहम्मद असिफ खान, बेगम निकहत प्रवीन, सदफ आरजून, अजफर अकेला, तहमीना मशकुर, आजमगढ़ यू पी के काएम महदी, जावेद हैदर मजीद और भागलपुर, बिहार की नाजनी हसन, तामन्ना हसन, हमीदा हसन, शबीना हसन, सुलताना खातून, नाजमा खानम के पत्र शामिल कर रहे हैं। इन सभी श्रोताओं ने चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बारे में विस्तृत जानकारी चाही है।
दोस्तो, तिब्बत दक्षिण-पश्चिमी चीन में स्थित है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना पहली सितंबर 1965 को हुई। प्रदेश उत्तर में सिंच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश से जुड़ा है। इसके पूर्व में सच्वान प्रांत है तो उत्तर-पूर्व में छिंगहै प्रांत और दक्षिण-पश्चिम में युन्नान प्रांत। प्रदेश दक्षिण व पश्चिम में म्यांमार, भारत, भूटान और नेपाल की सीमा से सटा है। प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 12 लाख वर्ग किलोमीटर है, जो चीन के कुल क्षेत्रफल का एक बटे आठ है।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश 7 प्रिफेक्चरों और 77 जिलों में बंटा है। इस की राजधानी ल्हासा है। ल्हासा की जनसंख्या 1 लाख 10 हजार है। ल्हासा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक केन्द्र है। शहर के पोताला महल, ग्रीष्म महल लोबूलिनका, जेबान मठ, सेला मठ, कानतान मठ और जूलाखान मठ जैसे वास्तु बहुत मशहूर हैं और यह एक रमणीक पर्यटन स्थल भी है।
स्वायत्त प्रदेश का दूसरा सब से बड़ा शहर शीकाजे है। यह जाशलुनबू मठ के लिए मशहूर है। इस के अलावा झांगतू, जेतांग, नाछ्वी, शीछ्वानहो और च्यांगजी भी स्वायत्त प्रदेश के प्रमुख नगर हैं।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश छिंगहै-तिब्बत पठार पर स्थित है। यह विश्व का सब से विशाल पठार है और इस की औसत ऊंचाई समुद्र की सतह से 4000 मीटर है। इसलिए तिब्बत को विश्व की छत और पृथ्वी का तीसरा ध्रुव भी कहा जाता है। प्रदेश में हिमालय, खुनलुन, कोकोशीली, थांगकुला और हंगत्वान जैसी पर्वतमालाएं स्थित हैं।
प्रदेश से जीनशा, नू, लानझांग और यालूजांगबू जैसे बड़ी नदियां बहती हैं, नूचांग और यालूजांगबू नदियों का संगम हिंद महासागर में जाकर होता है। भारत में चालूजांगबू को ब्रह्मपुत्र कहते हैं। इस की कुल लम्बाई 2900 किलोमीटर है और क्षेत्रफल है 9 लाख, 35 हजार वर्गकिलोमीटर। चीन में इस की लम्बाई 2057 किलोमीटर है और यहां यह 2 लाख, 40 हजार वर्गकिलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली है।
तिब्बत में 1500 से अधिक झीलें हैं। इन का कुल क्षेत्रफल चीन की तमाम झीलों के क्षेत्रफल का एक तिहाई हैं। तिब्बत की नामूझो , माफांगयोंझो और यांगजोयोंझो झीलें तीर्थ स्थल मानी जाती हैं।
नामूझो झील तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सब से बड़ी झील है। तिब्बती भाषा में इस का मतलब है स्वर्गिक झील।
माफांगयोंझो झील एशिया ही नहीं विश्व भर में मशहूर है। तिब्बती भाषा में इस का अर्थ है अपराजेय। विश्व की यह सब से ऊंची मीठे पानी की झील है।
बौद्ध अनुयाइयों का विचार है कि इस झील में स्नान करने से आत्मा स्वच्छ हो जाती है, पाप दूर हो जाते हैं तथा इसका पानी शरीर को स्वस्थ बनाता है। झील की तीर्थयात्रा को बौद्ध अनुयाई अपना कर्तव्य मानते हैं।
किंवदंती है कि हिंदू देव शिव और उनकी पत्नी हिमालय की बेटी उमा यहां स्नान करते थे।
इस झील में महात्मा गांधी की भस्म भी डाली गयी।
हर वर्ष ग्रीष्म में लोग तिब्बत की विभिन्न जगहों और भारत व नेपाल से तीर्थयात्रा के लिए यहां आते हैं। वे झील का पानी लेकर वापस लौटते हैं। स्नान के लिए झील में चार बड़े घाट हैं।
गंगा, सतलज,सिंधु और ब्रह्मपुत्र का उद्गम इसी झील से हुआ है।
13 वीं सदी में तिब्बत चीन की रियासत में आया। 20 वीं सदी के पूर्वार्द्ध तक तिब्बत में सामंती भूदास व्यवस्था जारी रही। मई, 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति हुई। अप्रैल, 1956 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तैयारी समिति की स्थापना हुई, जिस के अध्यक्ष 14 वें दलाई लामा और प्रथम उपाध्यक्ष 10 वें पंचन लामा थे।
तब के तिब्बत के ऊपरी शासक गुट के अनेक व्यक्तियों ने साम्राज्यवादी बल के समर्थन से भूदासत्व को बरकरार रखने और तिब्बत को चीन से अलग करने के दुराशय से 10 मार्च 1959 को चौतरफा सशस्त्र विद्रोह छेड़ा।
28 मार्च को चीनी राज्य परिषद ने तत्कालीन तिब्बत सरकार को भंग करने और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तैयारी समिति के उसका का कार्यभार संभालने की घोषणा की। दसवें पंचन लामा ने समिति के अध्यक्ष का पद संभाला।
केन्द्र सरकार और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तैयारी समिति ने तिब्बती जनता को नेतृत्व देकर जल्द ही इस विद्रोह को नाकाम कर दिया और सामंतवादी भूदासत्व की जड़ काट कर तिब्बत में लोकतांत्रिक सुधार शुरू किया।
|