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(GMT+08:00) 2004-11-08 16:00:05    
चीनी कान  ऑपेरा के सुधार व विकास 

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गत शताब्दी के 90 वाले दशक में सामाजिक सुधार व सांस्कृतिक बहुतत्वीकरण विकसित होने के चलते चीनी परम्परागत ऑपेराओं को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा , जिस से प्रभावित हो कर बहुत से स्थानीय ऑपेरा धीरे धीरे खात्मासन्न होने लगे । लेकिन इधर के वर्षों में चीन सरकार ने चीनी परम्परागत ऑपेराओं के विकास व संरक्षण को बड़ा महत्व दिया , इसलिए स्थानीय ऑपेराओं को एक बार फिर जीवन शक्ति प्राप्त हुई । कुछ समय पूर्व ज च्यांग प्रांत की राजधानी हांग चो में आयोजित सातवें चीनी कला उत्सव में चीनी लोगों में सुपरिचित ऑपोरा पेइचिंग ऑपेरा, य्वे ऑपेरा और आन ह्वेई प्रांत का ह्वांग मेई ऑपोरा उत्सव में मंचित किए जाने के अलावा, अन्य बहुत से छोटे स्थानीय ऑपेराओं ने भी अपनी अनोखी कला का प्रदर्शन किया । इस लिए सातवां चीनी कला उत्सव चीनी ऑपेरा जगत में प्राप्त उपलब्बधियां दिखाने वाला मंच बन गया ।

कान ऑपेरा चीनी परम्परागत स्थानीय ऑपेराओं में से एक है । कान ऑपोरा मुख्य तौर पर चीन के च्यांग शी प्रांत में लोकप्रिय है । इस ओपेरा की मशहूर कला मंडली बोयांग कान आपेरा मंडली की स्थापना वर्ष 1951 में हुई , और वह च्यांग शी प्रांत के बो यांग कांउटी के एक मछुवा गांव की गैर सरकारी मंडली का विकसित रूप है । किसानों की मंडली कहलाने वाली यह मंडली अब अच्छे विकास के रास्ते पर आगे चली है । सातवें चीनी कला उत्सव में बो यांग कान ऑपेरा मंडली ने अपना नया नाटक " रेल इंजिनियर जान थ्येन यो" लेकर भाग लिया । यह नाकट चीनी रेल मार्ग के संस्थापक जान थ्येन यो की कहानी पर आधारित है । इस कार्यक्रम में अभिनेता और अभिनेत्री के श्रेष्ठ अभिनय को दर्शकों की वाहवाही हासिल हुई । इस नाटक के निर्देशक श्योंग ल्यांग ह्वा ने जानकारी देते हुए कहा कि कान ऑपेरा मुख्य तौर पर च्यांग शी प्रांत के उत्तर पूर्वी भाग में प्रचलित है । नाटक "जान थ्येन यो" की प्रस्तुति कान ऑपेरा के लिए एक बड़ी सफलता मानी जाती है । उन्होंने कहा

" कान ऑपेरा का संगीत अन्य स्थानीय ऑपेराओं की तरह बहुत मधुर नहीं है ।इसलिए कान ऑपेरा के नाटक "जान थ्येन यो" प्रस्तुत करने के दौरान हम ने अपने ऑपेरा की परम्परागत श्रेष्ठता बनाए रखने के आधार पर आधुनिक कला शैली व आधुनिक संगीतों को इस में शामिल किया ,जिस से यह नाटक देखने में सुन्दर लगने के साथ साथ गीत संगीत भी मधुर लगता है । इस के मंचन के समय ग्रामीण दर्शकों या शहरी दर्शकों सभी ने इस की खूब तारीफ की । मेरा विचार है कि इसी तरह के सुधारने से हमारा कान ऑरपेरा आधुनिक दर्शकों की मान्यता भी प्राप्त कर सकता है ।"

इस के अलावा, श्री श्योंग ल्यांग ह्वा ने बड़े उत्साह के साथ संवाददाता से कहा कि कान ऑपेरा के संरक्षण व विकास के लिए उस मंडली ने अधिक युवा अभिनेताओं व अभिनेत्रियों को इक्ट्ठे कर मंडली के श्रेष्ठ कलाकारों के ज़रिए कला सीखाना शुरू किया , और स्थानीय तकनीक अकादमी में विशेष तार पर एक कला कक्षा भी खोली , जिस में मुख्य तौर पर कान ऑपेरा सीखाया जाता है । उन्होंने कहा

"हम ने कान ऑपेरा को एक महत्वपूर्ण विषय बनाकर यह विशेष कक्षा खोली है , जिस से युवा अभिनेताओं को प्रशिक्षण देकर हर वर्ष कान ऑपेरा मंडलियों को श्रेष्ठ कलाकार मुहैया किये जा सकते हैं , ताकि इस परम्परागत ऑपेरा का संरक्षण व विकास किया जा सके ।"

हमें उम्मीद है कि चीनी परम्परागत ऑपेरा का भविष्य और उज्ज्वल होगा , और हमें विश्वास भी है कि चीनी परम्परागत ऑपेरा जरूर और अधिक फुलता फलता होगा