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(GMT+08:00) 2004-11-05 15:15:07    
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग की प्रभारी सुश्री पूपचोमा के साथ बातचीत

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मित्रो, हाल ही में हम ने आप को बताया कि चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 55 वीं वर्षगांठ पर राजधानी पेइचिंग में एक सुन्दर प्रदर्शनी आयोजित की गयी जिसे नाम दिया गया तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की उपलब्धियां। हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी को यह प्रदर्शनी देखने का मौका मिला। प्रदर्शनी हाल में उन की मुलाकात सुश्री पूपचोमा से हुई । सुश्री पूपचोमा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग की प्रभारी हैं और इस प्रदर्शनी की प्रमुख प्रबंधक भी हैं ।सुश्री पूपचोमा के अनुसार उन्हें इस पद पर काम करते हुए अनेक वर्ष हो चुके हैं । बातचीत में सुश्री पूपचोमा ने बड़ी खुशी के साथ बताया कि पहली अक्तुबर को चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चीनथो हमारी प्रदर्शनी को देखने केलिये विशेष रूप से पधारे । श्री हू चीनथो ने प्रदर्शनी को देख कर कहा कि तिब्बत स्वायत प्रदेश में भारी परिवर्तन हुआ है ।

इधर के वर्ष तिब्बत स्वायत प्रदेश ने जो शानदार उपलब्धियां प्रप्त की है उस का श्रेय चीन की केन्द्र सरकार के समर्थन चीनी राष्ट्र के परिवार की विभिन्न जातियों की मदद और तिब्बतीबंधुओं की भरपूर कोशिशों को जाता है ।चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चीनथो ने जो कहा वह बहुत सही और ठीक है ।वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्तचीनी राष्ट्र के परिवार की एकता की विजय मानी जाती है। तिब्बत चीन का एक अभिन्न अंग है । मित्रो ,इधर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का जैसा विकास हुआ है,उसका श्रेय चीन की केन्द्र सरकार के समर्थन ,चीनी राष्ट्र के परिवार की विभिन्न जातियों की मदद और तिब्बतीबंधुओं की भरपूर कोशिशों को जाता है । मिसाल के लिये इस प्रदर्शनी से दर्शकों को तिब्बत में कायम 105बड़ी बड़ी परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त हुईं। यहां बचा दें कि पेइचिग की मदद से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में रेडियो व टेलिविजन स्टेशन ही नहीं स्कूल भी कायम हुए। उन के सुन्दर फोटो इस प्रदर्शनी में लोगों ने देखे ।पेइचिंगवासियों की मदद से तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी ल्हासा में सुन्दर सड़क और स्कूल कायम हुए हैं। पेइचिंग वासियों की मदद की याद के लिए स्थानीय लोगों ने उन में से हरेक का नाम पेइचिंग रखा है। राजधानी ल्हासा में पेइचिंग सड़क ही नहीं चेनसू नामक सड़क भी मिलती है।पूर्वी चीन के चेनसू प्रांत की मदद से यह सड़क कायम करने में उपलब्धियां प्राप्त की गयी हैं।

ये सब तिब्बती और हान जातियों की एकता का चिन्ह हैं ।मित्रो,यहां बता दें कि बातचीत में सुश्री पूपचोमा ने अपनी कहानी भी सुनायी ।सुश्री पूपचोमा के अनुसार उन का जन्म तिब्बत के लोका प्रिफेकचर में हुआ। वे तिब्बती किसान परिवार की बेटी हैं । वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति हुई इस से उन के परिवार का अच्छा दिन आया ।उन्हें अच्छी शिक्षा मिली । कालेज से निकलने के बाद उन्हें सरकारी नौकरी मिली ।वर्ष 2002 में उन्हें तिब्बत स्वायत प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग की प्रभारी नियुक्त की गयी जबकि पहले वे तिब्बत स्वायत प्रदेश की जन सरकार के संस्कृति ब्यूरो के संस्कृति विभाग की उप प्रभारी के पद पर काम करती रही थी । सुश्री पूपचोमा का कहना है कि उन्हें अपना काम बहुत पसंद है ।इधर के वर्ष उन की कोशिशों से अनेक प्रदर्शनियां आयोजित की जा चुकी हैं । हजारों हजार दर्शकों का कहना है कि प्रदर्शनी से उन की आंखें खुल गयी हैं ।इधर के वर्ष विश्व की छत पर तिब्बत का बड़ा विकास हुआ है । सुश्री पूपचोमा के अनुसार वर्ष 1965 में तिब्बत स्वायत प्रदेश की स्थापनाकी गयी । थोड़ी देर के बाद तिब्बत स्वायत प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग की स्थापना की गयी ।वर्ष 2005 में तिब्बत स्वायत प्रदेश की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ की खुशी मनाने पर एक शानदार प्रदर्शनी आयोजित करने की योजना तैयार की जा रही है ।प्रदर्शनी सब से सुन्दर होगी ।मित्रों हम समय समय पर आप को इस प्रदर्शनी के बारे में जानकारी देने को तैयार हैं ।यहां बता दें कि सुश्री पूपचोमा ने आप केलिये एक सुन्दर तिब्बती गीत प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है । हम ने उन के अनुरोध पर इस गीत को हमारे नियमित कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) में शामिल किया है ।गीत का नाम है कि विश्व की छत पर स्थित तिब्बत । आप का हमारे कार्यक्रम के सुनने पर हार्दिक स्वागत है ।