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(GMT+08:00) 2004-11-01 12:49:40    
समृद्ध विकसित हुए चीनी परम्परागत ऑपेरा का दूसरा भाग

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दक्षिण चीन क्षेत्र में लोकप्रिय रहा य्वे च्यू ऑपोरा भी व्यापक दर्शकों की पसंदीदा ऑपेराओं में से एक है । उन का उद्गम दक्षिण चीन के ज च्यांग व च्यांग सू प्रांतों में हुआ । और उस का इतिहास अब तक कोई 80 वर्ष पुराना है । ज च्यांग प्रांत की राजधानी हांग चो की य्वे ऑपेरा मंडली एक बहुत लोगप्रिय और श्रेष्ठ कला मंडली है । गत शताब्दी के अंत में चीनी परम्परागत ऑपेराओं का विकास मंदी में पड़ गया था, लेकिन हांग चो य्वेच्यू ऑपेरा मंडली ने अपनी असाधारण कोशिशों के जरिए य्वे च्यू के आगे विकास का एक नया रास्ता खोज निकाला , जिस से य्वे च्यू की कला में नए जीवन का संचार हो गया । हांग चो की य्वे च्यू मंडली के निदेशक श्री हो च्युन ने कहा कि उस की मंडली आम नागरिकों के समर्थन पर निर्भर रहती है । मंडली कला का आनंद उठाने में दर्शकों की आदत का सम्मान करने के साथ साथ य्वे च्यू ऑपेरा की पुरानी विशेषता को बनाए रखते हुए उस के विभिन्न कार्यक्रमों में निरंतर नयी विषय मिला कर नवनीकरण की कोशिश करती रही है । श्री हो च्युन ने कहा

"हम हांग चो य्वे च्यू ऑपेरा मंडली ने इधर के वर्षों में लगातार नए नए नाटक प्रस्तुत किए हैं । हमारी मंडली आम नागरिकों की मांग के मुद्देनज़र आम दर्शकों की सेवा में कार्यक्रम पेश करती है , और दर्शकों को अच्छे से अच्छा नाटक दिखाती है । हम ने ऐसा कलात्मक रास्ता चुन लिया , जो विभिन्न स्तरीय दर्शकों की मांग के पूरा करते हैं । बुढ़े दर्शकों की पसंद का सम्मान करने के साथ साथ युवा दर्शकों को आकृष्ट करने की कोशिश भी करते हैं । हम अपने ऑपेरा के नाटकों के गीत संगीत को और मधुर बनाने तथा मंच का दृश्य सुन्दर प्रदर्शित करने की कोशिश करते रहे हैं , जिस में आधुनिक सांस्कृतिक कला सृजन मिश्रित होने के फलस्वरूप उच्च कलात्मक गुणवत्ता अभिव्यक्त होती है । "

य्वे ऑपेरा का एक अँश

अब आप सुन रहे हैं, य्वे च्यू ऑपेरा के कार्यक्रम "ल्यु ह्वा झरना "का एक अंश । इस ऑपेरा में छिंग राजवंश के अंत में दक्षिण चीन के यांगत्सी नदी क्षेत्र में एक बड़े सामंती खानदान में चार पीढ़ियों की महिलाओं की खटा दुखी कहानी प्रस्तुत है । नाटक में अभिनेत्रियों के श्रेष्ठ कला प्रदर्शन से दर्शकों को भी उस जमाने के महिला जीवन की अनुभूति हुई है । य्वे च्यू ऑपेरा की परम्परागत शैली का संगीत आधुनिक वाद्य यंत्रों पर यो बजाया जाता है, जिस से दर्शक एकदम मनमुग्ध हो जाते हैं ।कला प्रदर्शन के दौरान इस नाटक के निर्देशक ने परम्परागत य्वे च्यू के अनुभवों के आधार पर टी.वी. धारावाहिक की तरह सारी कहानी दर्शकों के सामने ऐसी दिखायी है, जिस में पुराने जमाने के जीवन का जीताजागता प्रदर्शन होने के साथ युग की जबरदस्त भावना भी महसूस की जा सकती है ।