तिब्बती चरवाहे चाह्वाचा चीन की दक्षिण-पश्चिमी जातीय अकादमी के स्नातक हैं। स्नातक होने के बाद उन्होंने घर वापस लौटकर चरवाहा बस्ती में तिब्बती पर्यटन व्यवसाय शुरू किया।
जब हम चाह्वाचा के घर पहुंचे तब उन के घर गर्मियों की पूजा चल रही थी। आंगन में एक बड़ा तम्बू लगा था, जिस में कई लामा और चाह्वाचा के रिश्तेदार बैठे हुए पूजा कर रहे थे। चाह्वाचा ने बताया कि यह उन का घरेलू रिवाज है। इस पूजा का लक्ष्य घर में समृद्धि व सुख की कामना करना है।
चाह्वाचा का घर एक दोमंजिला इमारत है, जिस का क्षेत्रफल 240 वर्गमीटर है। यहां चाह्वाचा के माता-पिता और बड़े भाई व भाभी रहते हैं। श्री चाह्वाचा का परिवार वर्ष 2002 में यहां स्थानांतरित हुआ। उस वक्त सरकार ने उन्हें दस हजार य्वान का मुफ्त भत्ता दिया और उन्होंने 1 लाख20 हजार य्वान की लागत से इस इमारत का निर्माण कराया। चाह्वाचा के पास चार हजार मू या लगभग 266 हेक्टर का घास मैदान और 200 से ज्यादा नीलगायें हैं। उन के भाई चरवाही करते हैं, जबकि वे घर में होटल चलाते हैं। इस वर्ष के अगस्त तक उन के परिवार की कुल आमदनी 40 हजार य्वान को पार कर गई थी। अपने जीवन के बारे में चाह्वाचा ने कहा, पहले वर्ष की चारों ऋतुओं में हम इधर से उधर घूमते रहते थे। तब हमें तम्बुओं में रहना पड़ता था और हममें से किसी के भी पास अपना मकान नहीं था । पर अब हमारे जीवन में भारी परिवर्तन आ चुका है। मुझे यह जीवन बहुत पसंद है।
श्री चाह्वाचा ने बताया कि वे चीन के छंग तु, लेन च्ओ और ल्हासा जैसे बड़े शहरों की यात्रा कर चुके हैं। उन्हें शहरवासियों के साथ बातचीत करना पसंद है। उन की नजर में शहरवासियों की गुणवत्ता अपेक्षाकृत ऊंची है और उन की जानकारी भी व्यापक होती है। श्री चाह्वाचा दिन भर काम में व्यस्त रहते हैं। रात में वे फुरसत के समय वे घर में टी वी देखते हैं। यदि होटल में पर्यटक ज्यादा हुए, तो वे उन्हें इकट्ठा कर तिब्बत का पम्परागत नृत्य क्वो च्वांग करते हैं और गीत गाते हैं। अपने जीवन से वे बहुत संतुष्ट हैं।
श्री चाह्वाची की नयी बस्ती में किन्डरगार्टन, स्कूल ,बस्ती कमेटी और केबल टी वी भी उपलब्ध है। वह संस्कृति, शिक्षा , चिकित्सा व स्वास्थ्य आदि की सेवा से लैस नयी बस्ती है।
हुंग व्येन काउंटी की सूचना अधिकारी सुश्री यांग फांग ने कहा, इन बस्तियों में चरवाहे बुहत खुश हैं। बस्तियों में वे पर्यटन जैसे व्यवसाय का विकास भी कर सकेंगे। वा छे गांव की ऐसी नयी बस्ती के 118 परिवारों की सफलता से प्रेरित होकर अब हुंग व्येन काउंटी की एन छ्वु और छार्माश्यांग जैसी काउंटियों में भी इस तरह की बस्तियों का निर्माण हो रहा है।
काउंटियों तक सड़कें बिछाने से हुंग व्येन का द्वार खुला है और वह चारों ओर के पर्यटकों को आकृष्ट कर रहा है। नयी बस्ती में कुछ चरवाहे पर्यटन के व्यवसाय में लगे हैं । उन्होंने अपने जीवन को इस तरह धनी बनाया है और स्थानीय पर्यटन का विकास किया है। हमें विश्वास है कि हुंग व्येन का भविष्य और सुन्दर होगा और उसके चरवाहों का जीवन और समृद्ध।
|