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(GMT+08:00) 2004-11-05 18:11:51    
पोताला महल आप को कुछ बताना चाहता है

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पोताला महल तिब्बती इतिहास व संस्कृति का प्रतिनिधित्व है और मानव संस्कृति के इतिहास का एक महत्वपूर्ण संपत्ति भी है ।वर्ष 1994 में पोताला महल युनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कराया गया ।इस से साबित हुआ है कि तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से अब तक पोताला महल की रक्षा के लिये चीन सरकार की कोशिश सफल रही है ।

मित्रो, हाल ही में पेइचिग में आयोजित एक प्रदर्शनी में प्रदर्शित 2 कालीन इतने सुन्दर थे कि उन्होंने कितने ही दर्शकों का मन मोह लिया। यहां बता दें कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित कालीन मिल के मजदूरों ने थेनएनमन भवन और पोताला महल के चित्र इन कालीनों में शामिल किये। ये 2 सुन्दर कालीन चीन लोक गणराज्य की 55 वीं वर्षगांठ की खुशी मनाने पर पेइचिग में भेजा गया तिब्बत स्वायत प्रदेश का उपहार है ।

इन 2 सुन्दर कालीनों को देख कर हमें बहुत कुछ याद आया। तिब्बत स्वायत प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग के उप प्रभारी श्री कोके अनुसार तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित कालीन मिल के मजदूरों ने थेनएनमन भवन और पोताला महल के चित्र इन कालीनों में शामिल किये। यहां बता दें कि विश्व की छत पर स्थित पोताला महल का इतिहास 1300 वर्ष पुराना है और वह तिब्बत का चिन्ह है और वह तिब्बती जाति और हां जाति के बीच एकता का प्रतीक भी माना जाता है । कहानी इस प्रकार है कि आज से 1300 वर्ष पहले तिब्बती राजा सुनचेकांपू की शादी चीन केथान राजवंश की राजकुमारी वन छन से हुई तब राजा सुनचेकांपूके आदेशानुसार ल्हासा में राजकुमारी वन छन के लिये एक सुन्दर भवन की स्थापना की गयी । इस सुन्दर भवन का नाम है पोताला महल । तब से तक 1300 वर्ष बित चुके हैं पर वह वैसा ही वैसा सुन्दर रहा है ।इस वर्ष के अगस्त में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित कालीन मिल के मजदूरों ने थेनएनमन भवन और पोताला महल के चित्र इन कालीनों में शामिल किये।इस के लिये 20 से अधिक मजदूरों ने दिन रात कोशिश की और उन की कोशिश सफल रही । उन का का कहना है कि हम ने पोताला महल और थेनएनमन भवन के पवित्र चित्र इन कालीनों में शामिल करने की सफल कोशिश की ।इस से जाहिर हुआ है कि हम चीनी राष्ट्र के परिवार से प्यार करते हैं और तिब्बती जाति व हां जाति के बीच की एकता की रक्षा करते हैं ।यहां बता दें कि इन कालीनों में में से हरेक की लम्बाई 5 मीटर और उन्चाई 3 मीटर है । इन 2 कालीनों का कुल क्षेत्रफल 30 वर्ग मीटर है । ये 2 सुन्दर कालीन चीन लोक गणराज्य की 55 वीं वर्षगांठ की खुशी मनाने पर पेइचिग में भेजा गया तिब्बत स्वायत प्रदेश का उपहार है ।

मित्रों यहां बता दें कि हाल ही में हमें खबरी मिली कि पोताला महलकी महानता व सुन्दरता को पर्याप्त रूप से दिखाने औरनागरिकों व पर्यटकों को दर्शन व आराम का केन्द्रीय स्थल प्रदान करने के लिये चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश की सरकार ने राजधानी ल्हासा में स्थित पोताला महल के चौक का विस्तार करने का फैसला कर लिया ।सूत्रों के अनुसार तिब्बत स्वायत प्रदेश देशभर के चोटी स्तर वाली डिजाइन कंपनी चुनेगा और परियोजना के बारे में विभिन्न सामाजिक जगतों व तबकों के व्यक्तियों से राय सुनेगा ।पोताला महल तिब्बती इतिहास व संस्कृति का प्रतिनिधित्व है और मानव संस्कृति के इतिहास का एक महत्वपूर्ण संपत्ति भी है ।यहां बता दें कि वर्ष 1994 में पोताला महल युनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कराया गया ।इस से साबित हुआ है कि तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से अब तक पोताला महल की रक्षा के लिये चीन सरकार की कोशिश सफल रही है ।