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(GMT+08:00) 2004-10-29 16:37:49    
चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्राप्त उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी

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मित्रो, हाल ही में चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 55 वीं वर्षगांठ पर पेइचिंग में एक सुन्दर प्रदर्शनी आयोजित की गयी जिसे नाम दिया गया तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की उपलब्धियां। हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी को यह प्रदर्शनी देखने का मौका मिला। प्रदर्शनी हाल में उन की मुलाकात उसके प्रबंधक श्री को लिनशिन से हुई। श्री को लिनशिन तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग के उप प्रभारी हैं। श्री को लिनशिन के अनुसार चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 55 वीं वर्षगांठ पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार ने राजधानी पेइचिंग में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास की एक प्रदर्शनी आयोजित करने का फैसला किया तो उसका तिब्बती बंधुओं ने पूरा समर्थन किया। इस प्रदर्शनी में 2 सौ से अधिक चित्र प्रदर्शित किये गये जो हजारों चित्रों से चुने गये। प्रदर्शनी 5 भागों में बंटी थी । इस से दर्शकों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास की जानकारी प्राप्त की। प्रदर्शनी की शुरुआत 4 बड़े छायाचित्रों से हुई। श्री को लिनशिन ने हमारे संवाददाता को हर फोटो की कहानी सुनायी। इन में से एक में चीन लोक गणराज्य के संस्थापकों में से एक स्वर्गीय अध्यक्ष माओ तिब्बती बंधु श्री ओफे ओवानचीनमन के साथ हैं। वर्ष 1951 के मई माह में पेइचिंग में यह फोटो खींचा गया था । तब श्री ओफे ओवानचीनमन तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के लिए चीन की केन्द्र सरकार के साथ समझौता करने के लिए तिब्बत की स्थानीय सरकार के प्रतिनिधि की हैसियत से पेइचिंग आये थे। दोनों पक्षों की कोशिशों से 1951 की 23 मई को तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति का समझौता सम्पन्न हुआ। यह खुशखबरी सुनने के बाद अध्यक्ष माओ ने श्री ओफे ओवानचीनमन से भेंट की और उन के साथ स्नेहपूर्ण बातचीत की । तब यह सुन्दर फोटो खींचा गया। आज इस ऐतिहासिक फोटो को देख कर हमें उस दिन की याद हो आयी।

तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति चीनी राष्ट्र के परिवार की एकता की विजय मानी जाती है। चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 55 वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस ऐतिहासिक फोटो को देख कर हमें बहुत कुछ याद आया। तिब्बत चीन का एक अभिन्न अंग है । हम चीनी राष्ट्र की विभिन्न जातियों की एकता की रक्षा करते रहेंगे।

मित्रो ,इधर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का जैसा विकास हुआ है,उसका श्रेय चीनी राष्ट्र की विभिन्न जातियों के भरपूर समर्थन को जाता है। इस प्रदर्शनी से दर्शकों को तिब्बत में कायम अनेक परियोजनाओं की जानकारी भी प्राप्त हुई। पेइचिंग की मदद से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में रेडियो व टेलिविजन स्टेशन ही नहीं स्कूल भी कायम हुए। उन के सुन्दर फोटो इस प्रदर्शनी में लोगों ने देखे । श्री को लिनशिन ने एक फोटो की ओर इशारा करते हुए बताया कि पेइचिंगवासियों की मदद से राजधानी ल्हासा में एक सुन्दर सड़क कायम हुई है। पेइचिंग वासियों की मदद की याद के लिए स्थानीय लोगों ने इस सड़क का नाम पेइचिंग सड़क रखा है। पेइचिंग सड़क तिब्बती और हान जातियों की एकता की प्रतीक है।

मित्रो,यहां बता दें कि इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित 2 कालीन इतने सुन्दर थे कि उन्होंने कितने ही दर्शकों का मन मोह लिया। श्री को ने हमें इन दो कालीनों की कहानी भी सुनायी । अगर आप यह कहानी सुनना चाहते हैं तो हमारा नियमित कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) सुनते रहिए। हम आप को यह कहानी जरूर सुनाएंगे । इसके साथ हम आप को यह भी बतायेंगे कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित कालीन मिल के मजदूरों ने क्यों थेनएनमन भवन और पोताला महल के चित्र इन कालीनों में शामिल किये। यह कहानी सुन कर आप और भी जानकारी पा सकेंगे।