दस साल पहले हान जाति की लए च्वी फांग नाम की एक महिला अकेले अपने गृहस्थान कानसू प्रांत से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश जा बसी । तिब्बत के शानदार बर्फीले पहाड़ों, घास मैदानों के साथ साथ रहने व भरपूर रहस्मय अनूठी तिब्बती संस्कृति के साथ घुल मिल जाने से , इस जवान महिला का मन ने जाने कैसे इन रहस्मय तिब्बती जड़ी बूटियों ने मोह लिया। आज हमे यह जानकर ताजुब हुआ कि इसी मामूली महिला ने तिब्बत आदि जगहों में फिलहाल वार्षिक आमदनी 20 करोड़ य्वेन का सबसे बड़ा तिब्बती औषधि उद्योग की स्थापना कर ली है। तो लीजिए सुनते है उनकी रोचक जीवन कहानी।
सुश्री लए च्वी फांग का कद भला इतना उंचा तो नहीं है और त्वचा का रंग भी हल्का काला है, उनकी अवाज सुनने में धीमी हल्की है पर उनका कहा गया एक एक वाक्य आपको माने बिना नहीं छोड़ेगा। हालांकि आज वह एक जानी मानी उद्योगपति हैं तो भी उन्होने खुशी खुशी हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार लिया।
तिब्बती औषधि चीन की परम्परागत चिकित्सा औषधि भंडारण का एक महत्वपूर्ण भाग है बताया जाता है इस का इतिहास 1300 साल पुराना है। तिब्बती औषधि में चीनी तिब्बती जनता के लम्बे समय से रोगों से निपटने के संघर्ष का मूल्यवान अनुभव भरा हुआ है ।
तिब्बत के जाने माने ब्रांड छी चन तिब्बती औषधि समूह की बोर्ड मेनेजर , जिस ने एक हजार से ज्यादा लोगों से गठित दल का नेतृत्व कर तिब्बत , कानसू प्रांत और पेइचिंग आदि जगहों में तिब्बत औषधि भंडारण , औषधि उत्पादन केन्द्र, तिब्बती औषधि अनुसंधान व विकास केन्द्र तथा सेल मुख्यालय की स्थापना कर एक असाधारण करिश्मा दिखाया है।
सुश्री लए च्वी फांग ने बताया कि काफी लम्बे समय से बहुत से लोग तिब्बती औषधि से बिल्कुल ही अनजान थे , उन्हे सिर्फ यही मालूम था कि तिब्बती औषधि एक रहस्मय वस्तु है लेकिन इस रहस्मय पृष्ठभूमि के पीछे उसकी प्रचुर एतिहासिक सांस्कृतिक मायने व उसका जादू भरा इलाज पर तो उन्हे बहुत ही कम जानकारी ही थी। शायद इसी रहस्य को खोलने के लिए तकदीर उन्हे तिब्बत में खींच लाई है और आखिर आज उन्होने चीन के मशहूर तिब्बत औषधि उद्योग की स्थापना कर ली है।
तिब्बत औषधि दुनिया के लिए अनजान है, लेकिन उसकी स्वंय श्रेष्ठता व उसके विकास का भविष्य कहीं ज्यादा उज्जवल है, उसके औषधि पद्धति का वर्णन और भी विस्तृत तौर से देखा जा सकता है , उसके उपचार का अनुभव भी बहुत प्रचुर हैं। छी चन तिब्बत औषधि तो इन सभी मूल्यवान भंडारण का सुफल मिसाल है।
तिब्बत वनस्पति अधिकतर समुद्र सतह से 4000 से 5000 मीटर से उंची कड़ी ठंडी जगह में उगती हैं, बहुत सी जड़ी बूटियां कई सालों के बाद केवल एक या तीन सेन्टीमीटर उंची उगती हैं। इस लिए ग्रीष्म स्थानों में पलने वाली जड़ी बूटियों की तुलना में तिब्बत की जड़ी बूटियों की औषधि शक्ति तीव्र व प्रभावशाली होती है। इस के अलावा, तिब्बत औषधि में ताजा जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है और तो औऱ तिब्बती औषधियों को उबालने की जरूरत नहीं पड़ती है, तिस पर भी उसकी औषधि प्रभाव फिर भी उंची बनी रहती है।
तिब्बत औषधि के निर्मित दौर में सुश्री लए च्वी फांग ने वैज्ञानिक तरीकों व कला का भरपूर प्रयोग किया। इस के साथ तिब्बत औषधि के विकास को सरकार के विभिन्न विभागों का भारी समर्थन भी प्राप्त रहा है। इस पर बोलते हुए उन्होने कहा 1995 में तिब्बत के निरीक्षण के समय सरकारी विभागों ने तिब्बत औषधि को कुंजी उद्योग की संज्ञा नहीं दी थी।2000 में मैने पाया कि तिब्बत के अलावा चीन के छिंगहाए, कानसू , सछवान व युननान प्रांतो में भी बहुत से तिब्बत जाति के लोग बसे हुए हैं और वहां तिब्बती औषधि की संस्कृति का संचार भी बहुत अच्छा है और वहां की सरकारों ने तिब्बती औषधि को हमेशा से भारी महत्व दिया है।
जब से मुझे सरकार का समर्थन प्राप्त हुआ है मेरे उद्योग की वार्षिक आमदनी 20 प्रतिशत की तेज वृद्धि से बढ़ने लगी है। वर्ष 2003 में मेरी समूह की बिक्री रकम 25 करोड़ य्वेन जा पहुंची, इस साल 30 करोड़ य्वेन बिक्री का लक्ष्य पूरा कर लेना की पूरी उम्मीद है। वर्तमान हमारे छी चन तिब्बती औषधि समूह ने 50 से अधिक नई औषधियों का अविष्कार किया है।
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