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(GMT+08:00) 2004-10-29 16:50:29    
चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्राप्त शामदार उपलब्धियों का श्रेय किस को जाता है

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हाल ही में हम ने आप को बताया कि चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 55 वीं वर्षगांठ पर राजधानी पेइचिंग में एक सुन्दर प्रदर्शनी आयोजित की गयी जिसे नाम दिया गया तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की उपलब्धियां। हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी को यह प्रदर्शनी देखने का मौका मिला। प्रदर्शनी हाल में उन की मुलाकात उसके प्रबंधकों में से एक श्री को लिनशिन से हुई। श्री को लिनशिन तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग के उप प्रभारी हैं। श्री को लिनशिन के अनुसार चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 55 वीं वर्षगांठ पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार ने राजधानी पेइचिंग में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास की एक प्रदर्शनी आयोजित करने का फैसला किया तो उसका तिब्बती बंधुओं ने पूरा समर्थन किया। इस प्रदर्शनी में 2 सौ से अधिक चित्र प्रदर्शित किये गये जो हजारों चित्रों से चुने गये। प्रदर्शनी 5 भागों में बंटी थी । इस से दर्शकों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास की जानकारी प्राप्त की। प्रदर्शनी की शुरुआत 4 बड़े छायाचित्रों से हुई। श्री को लिनशिन ने हमारे संवाददाता को हर फोटो की कहानी सुनायी।मित्रो जैसा कि आप जानते हैं कि बड़ी कोशिशों से 1951 की 23 मई को चीन के तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति का समझौता पेइचिग में सम्पन्न हुआ। तब से अब तक आधी सदी बित हो चुकी है और तिब्बत में भारी परिवर्तन आया है ।इस का श्रेय किस को जाता है । आज हम आप के साथ इसबात की चर्चा करना चाहते हैं ।हाल ही में हमारी संवाददाता सुश्री ल्यू हवी को पेइचिग में सुश्री पूपचोमा के साथ बातचीत करने का मौका मिला । सुश्री पूपचोमा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रदर्शनी विभाग की प्रभारी हैं और इस प्रदर्शनी की प्रमुख प्रबंधक भी हैं ।सुश्री पूपचोमा के अनुसार उन्हें इस पद पर काम करते हुए अनेक वर्ष हो चुके हैं । बातचीत में सुश्री पूपचोमा ने बड़ी खुशी के साथ बताया कि पहली अक्तुबर को चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चीनथो हमारी प्रदर्शनी को देखने केलिये विशेष रूप से पधारे । श्री हू चीनथो ने प्रदर्शनी को देख कर कहा कि तिब्बत स्वायत प्रदेश में भारी परिवर्तन हुआ है । इधर के वर्ष तिब्बत स्वायत प्रदेश ने जो शानदार उपलब्धियां प्रप्त की है उस का श्रेय चीन की केन्द्र सरकार के समर्थन चीनी राष्ट्र के परिवार की विभिन्न जातियों की मदद और तिब्बतीबंधुओं की भरपूर कोशिशों को जाता है ।चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चीनथो ने जो कहा वह बहुत सही और ठीक है ।वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्तचीनी राष्ट्र के परिवार की एकता की विजय मानी जाती है। तिब्बत चीन का एक अभिन्न अंग है । मित्रो ,इधर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का जैसा विकास हुआ है,उसका श्रेय चीन की केन्द्र सरकार के समर्थन ,चीनी राष्ट्र के परिवार की विभिन्न जातियों की मदद और तिब्बतीबंधुओं की भरपूर कोशिशों को जाता है । मिसाल के लिये इस प्रदर्शनी से दर्शकों को तिब्बत में कायम 105बड़ी बड़ी परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त हुईं। यहां बचा दें कि पेइचिग की मदद से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में रेडियो व टेलिविजन स्टेशन ही नहीं स्कूल भी कायम हुए। उन के सुन्दर फोटो इस प्रदर्शनी में लोगों ने देखे । पेइचिंगवासियों की मदद से राजधानी ल्हासा में एक सुन्दर सड़क कायम हुई है। पेइचिंग वासियों की मदद की याद के लिए स्थानीय लोगों ने इस सड़क का नाम पेइचिंग सड़क रखा है। राजधानी ल्हासा में पेइचिंग सड़क ही नहीं चेनसू नामक सड़क भी मिलती है।पूर्वी चीन के चेनसू प्रांत की मदद से यह सड़क कायम करने में उपलब्धियां प्राप्त की गयी हैं। ये सड़कें तिब्बती और हान जातियों की एकता की प्रतीक हैं ।मित्रो,यहां बता दें कि इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित 2 कालीन इतने सुन्दर थे कि उन्होंने कितने ही दर्शकों का मन मोह लिया। सुश्री पूपचोमा ने हमें इन दो कालीनों की कहानी भी सुनायी । अगर आप यह कहानी सुनना चाहते हैं तो हमारा नियमित कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) सुनते रहिए। हम आप को यह कहानी जरूर सुनाएंगे । इसके साथ हम आप को यह भी बतायेंगे कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित कालीन मिल के मजदूरों ने क्यों थेनएनमन भवन और पोताला महल के चित्र इन कालीनों में शामिल किये। यह कहानी सुन कर आप और भी जानकारी पा सकेंगे। आप का हमारे कार्यक्रम के सुनने पर हार्दिक स्वागत है ।