लाहस्सा के सातवां मिडिल स्कूल चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी लाहस्सा के मशहूर पर्यटन स्थल नोर्बुलिंगा के पास एक मिडिल स्कूल स्थित है। हर रोज़ इस स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ने की आवाज़ इस सुन्दर स्थल की चारों ओर गुंजती है ।
इस मिडिल स्कूल के प्रभारी ल्यु सोंग छन ने मुझ से कहा कि इधर के वर्षों में चीन के भीतरी इलाके ने तिब्बत में सहायता पर जोर दिया , इस से उन के मीडिल स्कूल को भी लाभ मिला । इस मिडिल स्कूल का पेइचिंग के यू छाई मिडिल स्कूल और च्यांग सू प्रांत के सू चो शहर स्थित चिंग फ़ान मिडिल स्कूल के साथ घनिष्ठ संबंध कायम है । भीतरी इलाके के स्कूलों ने कभी कभार इस मिडिल स्कूल को सहायता देते हैं । श्री ल्यु सोंग छन ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भीतरी इलाके के स्कूलों के प्रगतिशील तरीकों से सीखने और उन के साथ शिक्षा की आवाजाही करने से इस मिडिल स्कूल के विकास को भारी सहायता मिली ।
अपने स्कूल को अच्छी तरह चलाने के साथ साथ यह मिडिल स्कूल तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अन्य पिछड़े स्कूलों को भी मदद देता है । वर्ष 1997 से ही यह मिडिल स्कूल हर वर्ष तीन श्रेष्ठ अध्यापकों को पासपड़ोस के कांउटियों के मिडिल स्कूलों की मदद के लिये दो वर्ष के लिए भेजता है । अब इस मिडिल स्कूल ने तिब्बत के मो जी कूंग खा प्राइमरी स्कूल और छ्वी श्वे मिडिल स्कूल के साथ घनिष्ठ संबंध कायम किया । उन का विचार है कि अपने श्रेष्ठ अध्यापक आदान प्रदान के जरिए अपने अच्छे अनुभव पिछड़े स्कूलों को बता सकते हैं । इस की चर्चा में प्रभारी ल्यु सोंग छन ने कहा
"वर्ष 1997 से अब तक हमारे यहां के एक से तिन अध्यापक हर साल कांउटी के दूसरे मिडिल स्कूलों में आदान प्रदान के लिए दो साल जाते हैं । वे पढ़ाई से प्राप्त अपने अच्छे अनुभवों व तरीकों से वहां की पढाई में लाते हैं, ताकि उन स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ सके । हम अपने स्कूल के अच्छी तरह प्रबंध करने के साथ साथ दूसरे स्कूलों की मदद देने से तिब्बत की शिक्षा कार्य के विकास के लिए अपना योगदान करना चाहते हैं।"
छात्रा श्यांग श्यु यिंग लाहस्सा के सातवे मिडिल स्कूल की एक साधारण विद्यार्थी है । मेरे साथ बात करने से उसे शर्म आयी । लेकिन जब उस ने अपने स्कूली जीवन की चर्चा की , तो उस की आंखों में गर्व की भावना नजर आयी और अपने स्कूल से बेहद प्यार करने को बताया । लड़की श्यांग श्यु यिंग प्राइनरी स्कूल से अभी अभी मिडिल स्कूल में दाखिला हुई , अपनी भावी जीवन के प्रति वह बहुत आशावान है । उस ने कहा
"हमारा स्कूल बहुत अच्छा ही नही सुन्दर भी है, यहां जीवन बिताना मुझे आनंद लगता है। भविष्य में मैं लाहस्सा हाई स्कूल में पढ़ने के लिए कोशिश करूंगी, ताकि भविष्य में एक अच्छे विश्वविद्यालय में दाखिल हो सकूं ।"
कक्षा की घंटी बज रही है । इस मिडिल स्कूल में इलेक्ट्रोनिक घंटी नहीं है, और एक छोटा सा लोहे वाला घंटा अध्यापकों के कार्यालय के सामने पड़े एक पेड़ पर लगा हुआ है। कक्षा की घंटी बजने के साथ साथ विद्यार्थी जल्द ही क्लास रूमों में वापस लौ गये हैं । बड़ा सा परिसर फिर एकदम शांत हो पड़ा । इस के दो तिन मिनट बाद क्लास रूमों में बच्चों के पढ़ने और गीत गाने की आवाज़ सुनने को मिली ।
विद्यार्थी पढ़ने की आवाज़
विद्यार्थियों के पढ़ने और गीत गाने की सुरीली आवाज़ में मैं ने लाहस्सा सातवे मिडिल स्कूल से विदा ले ली । स्कूल से बाहर निकलते वक्त प्रभारी ल्यु सोगं छन ने मुझे स्कूल के द्वार तक छोड़ दिया । स्कूल के द्वार के सामने मैं ने देखा कि पोताला मेहल दूर से शांत रूप से नजर आ रहा है, मानो ध्यान से बच्चों की पढ़ने की आवाज़ भी सुन रहा हो ।
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