चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी लाहस्सा के मशहूर पर्यटन स्थल नोर्बुलिंगा के पास एक मिडिल स्कूल स्थित है । यह लाहस्सा के सातवें मिडिल स्कूल के नाम से जाना जाता है। हर रोज़ इस स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ने की आवाज़ इस सुन्दर स्थल की चारों ओर गुंजती है । नोर्बुलिंगा की सुन्दरता और विद्यार्थियों की सुरीली आवाज़ लोगों को आकृष्ट करती हैं । आज के इस कार्यक्रम में मैं आप को इस मिडिल स्कूल के दौरे पर ले जाऊंगी और हम देखेंगे तिब्बती छात्रों का स्कूली जीवन।
विद्यार्थी गाने की आवाज़
अब आप जो सुन रहे हैं , वह लाहस्सा के सातवें मिडिल स्कूल के एक क्लासरुम में कक्षा से पहले विद्यार्थियों की गाना गाने की आवाज़ ही है । हालांकि इस स्कूल में अधिकांश छात्र तिब्बती जाति के हैं, फिर भी उन के द्वारा चीनी भाषा में गाया गया गीत बहुत मधुर लगता है।
लाहस्सा का सातवां मिडिल स्कूल एक जूनियर हाई स्कूल है । यहां विश्व विख्यात पवित्र स्थल पोताला महल से कोई दो किलोमीटर दूर है , और मशहूर पर्यटन स्थल नोर्बुलिंगा के पास स्थित है । हर रोज़ स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ने ,हंसने और खेलने की आवाज़ नोर्बूलिंगा और पोताला महल के आसपास सुनाई पड़ती है।
इस स्कूल में कुल 76 अध्यापक व अध्यापिका कार्यरत हैं , और 768 विद्यार्थी पढ़ते हैं । स्कूल में तिब्बती भाषा कक्षा के अलावा, चीनी भाषा , अंग्रेज़ी , गणित , रासायन आदि 13 विषयों की पढ़ाई जाती है । साथ ही अब इस स्कूल में 71 कंप्युटर भी उपलब्ध हैं, और पुस्तकालय में 3600 किताबें सुरक्षित हैं । यहां के अध्यापक जीजान से पढ़ाई का काम करते हैं और विद्यार्थी मेहनत से पढ़ते हैं । साहस्सा के सातवें मिडिल स्कूल के प्रभारी ल्यु सोंग छन ने मुझे बताया कि हालांकि स्कूल का बुनियादी संस्थापन पर्याप्त नहीं है, फिर भी इधर के वर्षों में स्कूल ने सिलसिलेवार शिक्षा सुधार किया । स्कूल वैज्ञानिक ढंग से पढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता को उन्नत करने की कोशिश करता है । श्री ल्यु सोंग छन के अनुसार, वर्तमान में लाहस्सा के सातवें मिडिल स्कूल में स्नातकों की दर शत प्रतिशत हो गयी , और हाई स्कूली दाखिला दर 95 प्रतिशत तक बनी रही है , विशेष कर वर्ष 2004 में यहां की हाई स्कूली दाखिला दर सौ फीसदी हुई । उल्लेखनीय बात यह है कि यह मिडिल स्कूल स्थानीय हाई स्कूल में तिब्बती भाषा की प्रवेश की परीक्षा में प्रथम स्थान पर रहा , और चीनी भाषा की परीक्षा में तीसरे स्थान पर । लाहस्सा के सातवें मिडिल स्कूल के प्रभारी ल्यु सोंग छन ने कहा कि और ज्यादा स्कूली उम्र वाले बच्चों को स्कूल में पढ़ने देने के लिए इस मिडिल स्कूल ने अनेक कारगर कदम उठाये हैं , जिन में गरीबी विद्यार्थियों को मुफ्त में पढ़ने देने जैसी उदार नीति अपनाना शामिल है । उन्होंने कहा
"विद्यार्थियों को पढ़ाई से वंचित रहने से बचाने और स्कूली उम्र वाले बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रणाली तले पूरी पढ़ाई दिलाने के लिए हमारे स्कूल ने सिलसिलेवार ठोस कदम उठाये । हम विद्यार्थियों की आर्थिक और मानसिक बौझ को कम करने की कोशिश करते हैं । हम विद्यार्थियों से पढ़ाई में अतिरिक्त फ़ीस नहीं मंगाते हैं । उल्लेखनीय है कि हम ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वेलफ़ार फ़ांत संस्थान के 14 अनाथ बच्चों को मुफ़्त में पढ़ने दिया और स्कूली वर्दी भी दे दिया । गरीबी छात्रों पर हम ज्यादा ध्यान देते हैं, हमारे स्कूल के वे अध्यापक व अध्यपिका, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं, कभी कभार चंदा दे कर गरीबी विद्यार्थियों को सहायता देते हैं और इस से उन्हें मेहनत से पढ़ने की प्रेरणा देते हैं ।"
इस मिडिल स्कूल के प्रभारी के कार्यालय में श्री ल्यु सोंग छन के साथ बातचीत के समय कक्षा खत्म होने की घंटी बजी। मैं ने खिड़की से बाहर देखा, तो शांत वातावरण से प्याप्त स्कूली परिसर एकदम ज़ोर मशोर मच गया । विद्यार्थी हंसते खेलते हुए कक्षा रूम से बाहर निकलकर स्कूल के मैदान की ओर दौड़ पड़े । व्यायाम के धुन के ताल में विद्यार्थी कसरत करते हैं । छात्रों की सुन्दर छवियां और संजीदगी के साथ कसरत करने की भावना से मैं बहुत प्रभिवित हुई, और अपने स्कूली जीवन की याद एकदम दिमाग में ताजा हो उठी ।
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