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(GMT+08:00) 2004-10-22 14:18:21    
विज्ञान व तकनीक से पश्चिमी चीन का विकास करना

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पश्चिमी चीन स्थित छींगहाई प्रांत चीन का महत्वपूर्ण पशुपालन क्षेत्र है । नीचे इस प्रांत के विज्ञान व तकनीक के जरिये कृषि व पशुपालन का संवर्द्धन करने की कुछ जानकारी हैं । छींगहाई प्रांत अपेक्षाकृत अविकसित क्षेत्र है । इधर के वर्षों में पश्चिमी चीन के तीव्र विकास की योजना लागू होने से छींगहाई प्रांत को मूल्यवान अवसर आया है । प्रांतीय सरकार ने विज्ञान व तकनीक के जरिये अपने कृषि व पशुपालन उद्योगों का उद्धार करने की जो रणीति तय की है , उस में उन्नत बीज़ों का विकास , उच्च तकनीक का आयात , पारिस्थितिकी का सुधार , उच्च तकनीक उद्यान का निर्माण आदि शामिल हैं । किसानों और चरवाहों में तकनीक के जरिये उत्पादन के रुपांतरण का विचार उभरा है । प्रांत की मंगोल जाति की लड़की छ्सै त्संगमा ने बताया , उच्च तकनीक सीखने के लिये मैं सिछ्वान प्रांत गयी । वहां मैं ने सात कारखानों का दौरा किया और शूकर पालन तकनीक , चारा उत्पादन तकनीक तथा पशु चिकित्सा आदि सीखी । इस के बाद वर्ष दौ हजार एक में मैं शूकर पालन तकनीक की जानकारी पाने के लिये भीतरी मंगोलिया भी गयी । कुमारी छ्सै त्संगमा छींगहाई प्रांत की आदर्श पशुपालक हैं । वे खुद सीखी तकनीकों का दूसरे पशुपालकों में भी प्रसार करने की कोशिश कर रही हैं । छींगहाई प्रांत चीन का एक प्रमुख चरगाह है , वहां तीन करोड़ हेक्टर भूमि पर घासमैदान फैला हुआ है । पहले स्थानीय चरवाहे मुख्य तौर पर परंपरागत तरीके से अपने पशुओं के साथ इस घासमैदान पर चरवाही करते थे । पर इधर के वर्षों में उन्हों ने विज्ञान व तकनीक के जरिये उत्पादन में सुधार को महत्व देना शुरू किया है । अब छींगहाई के पश्चिम में स्थित गोलमुद शहर का आदर्श उच्च तकनीक उद्यान सर्दी के मौसम में तरबूज़ बोने की तकनीक का प्रचार करता है , जिस में बहुत से किसानों की दिलचस्पी जगी है । इस उच्च तकनीक उद्यान के प्रबंधक श्री क्वान ने कहा , हम ने पिछले साल से सर्दियों में तरबूज़ बोना शुरू किया । इस से पहले हमारे यहां गर्मी के मौसम तक में तरबूज़ उगाना मुश्किल था । सर्दी में तरबूज़ बोने के लिये उच्च तकनीक की बड़ी आवश्यकता होती है । इस तकनीक उद्यान में अमेरिका , ओस्ट्रेलिया और इजराइल आदि से आयातित बढ़िया बीज़ों की उपज दिखाई पड़ती है । उद्यान के तकनीशियन श्री त्सेई ने कहा , देशी बीज़ों की तुलना में आयातित बीज़ों की गुणवत्ता बढ़िया है । बढ़िया विदेशी बीज़ पानी , प्रकाश और पोषक तत्वों के मौजूद होने पर निरंतर उग सकते हैं , इन बीज़ों की सर्दी में गर्मघर में बोवाई की जा सकती है । आदर्श उच्च तकनीक उद्यान मुनाफे के लिये काम नहीं करता , वह मुख्य तौर पर किसानों में उच्च तकनीकों का प्रचार करता है । और उस ने इस क्षेत्र में बहुत सी उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं । पहले किसान प्रकृति की शर्तों पर खेती करते थे , पर आज वे अधिकाधिक उच्च तकनीकों का प्रयोग करने लगे हैं । आंकड़े बताते हैं कि इधर के वर्षों में छींगहाई प्रांत के किसानों की आय की वार्षिक वृद्धि दर छै प्रतिशत बनी रही है ।कुछ समय पूर्व हमारे एक संवाददाता को पश्चिमी चीन के शानशी प्रांत के किसान श्री चांग के अतिथि बनने का मौका मिला । श्री चांग ने मिर्च उगाकर अपने परिवार को खासा नाम दिलाया है । हाल ही में उन का नया मकान भी बनकर खड़ा हुआ है , और उन का बेटा भी कालेज में दाखिल हुआ है । वे कहते हैं , मुझे मिर्च उगाते दसेक साल हो गये हैं । नयी किस्मों की मिर्चों का उत्पादन उन्नत हुआ है , और इस से मेरी आय पहले के मुकाबले 50 प्रतिशत बढ़ी है । श्री चांग , इन सब का श्रेय प्रोफेसर च्वांग द्वारा अर्जित तकनीक को देते हैं । प्रोफेसर च्वांग शानशी प्रांत के शी-आन शहर के उत्तर-पश्चिमी कृषि विश्वविद्यालय के बीज-संवर्द्धन विशेषज्ञ हैं । वे विश्वविद्यालय में अनुसंधान करने के साथ साथ अक्सर देहातों में स्वविकसित बढ़िया बीज़ों का प्रचार करने भी जाते हैं । प्रोफेसर च्वांग जैसे कृषि विशेषज्ञों के समर्थन के लिये शानशी प्रांत की सरकार ने प्रांत के अनेक गांवों में ऐसे विशेष केंद्र बनाने के लिये पूंची खर्च की हैं , जो ऐसे विशेषज्ञों द्वारा गांवों में कृषि उपयोगी तकनीकों के प्रशिक्षण और प्रचार के स्थल माने जाने लगे हैं । इन केंद्रों में आम अनुसंधान के उपकरण तथा रहन-सहन की चीज़ें उपलब्ध हैं ।  प्रोफेसर च्वांग ने बताया कि उन का केंद्र मुख्य तौर पर मिर्च के नये बीज़ों व तकनीकों का अनुसंधान व प्रचार करता है । वे अपने काम की चर्चा में कहते हैं , मिर्च शानशी प्रांत की प्रमुख उपज़ों में से एक है । मैं इस की पांच नयी किस्मों का विकास करने में सफल रहा , और इन का देश में ही नहीं , देश के बाहर यानी दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ देशों में भी प्रचार किया जा चुका है । बिछले तीन  सालों में प्रोफेसर च्वांग ने अस्सी  हजार किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया , और वे किसानों के अमीर बनने में मददगार रहे । इन किसानों ने प्रोफेसर च्वांग से सीखी तकनीकों का अपने साथियों में भी प्रचार किया । शानशी प्रांत में मिर्च के अनुसंधान के विशेषज्ञ केंद्र के अतिरिक्त सेव , स्ट्रोबेरी जैसे फसलों तथा  जंगल और पशुओं आदि के अनुसंधान की विशेषज्ञ शालाएं भी स्थापित हैं । इन सभी में किसान देश विदेश की नवीनतम कृषि उपयोगी तकनीकें सीखते हैं । इस से शानशी प्रांत के पाओची इलाके के छै लाख किसानों को लाभ हुआ है , उन की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय में औसतन सौ यवान की वृद्धि हुई है । अब न सिर्फ शानशी प्रांत , बल्कि चीन के अन्य इराकों में भी इस तकनीक का प्रचार किया जा रहा है ।