 कपास कन्या बहुत रूपवान और चंचल थी , लेकिन इधर के दिनों उस का मुखड़ा उतर गया दिख रहा था , हां , निश्चय ही वह किस रोग से पीड़ित हरी हो ।
मधुमक्खी ने कपास कन्या का रंग देख कर कहा , कपास कन्या , तुम बीमार पड़ी हो , डाक्टर को दिखाने जाए ।
शुक्रिया , मधुमक्खी भाई , कपास कन्या ने माना ।
मधुमक्खी ने जीव जंतुओं के डाक्टर ड्रैगनफलाई को बुलाया । ड्रैगन फलाई ने बहुत ध्यान से कपास कन्या की जांच की , उस ने लाचार प्रकट करते हुए कहा , कपास के शरीर पर एफिड लगे है , मैं इस बीमारी का उपचार नहीं जानता हूं ।
कौन एफिड का विनाश कर सकता है . मधुमक्खी ने किसी से सुना था कि प्याज ने गैहूं की बीमारी का सफल इलाज किया था , तो वह प्याज से मिलने गया ।
बड़े मुश्किल से प्याज का पता लगाया , लेकिन प्याज ने कहा कि कपास की बीमारी की चिकित्सा के लिए लहसुन विशेषज्ञ है ।
तो मधुमक्खी फिर डाक्टर लहसुन के पास गया , लहसुन ने कहा कि मैं कोशिश करूंगा ।
लहसुन कपास कन्या के पास आया , उस ने एक शब्द भी नहीं कहा , बस एफिडों पर लम्बी लम्बी सांस में हवा फूंकी , लहसुन का गंध लगने पर एफिड जो भागा वह सब का सब भाग गए ।
कपास कन्या सहेतमंद हो गई , लेकिन उसे डर थी कि कहीं एफिड फिर तो नहीं आ सके , उस की चिंता मिटाने के लिए लहसुन ने कहा , चिंता की कोई जरूरत नहीं है , मैं तुम्हारे साथ रहूंगा।
तभी से कपास कन्या दिनों दिन खूबसूरत होती चली गई और मधुमक्खी भी उस से मिलने आया करता था ।

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