• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2004-10-11 16:32:31    
लू दींग पुल की यात्रा(एक)

cri

यचीन के दक्षिण-पश्चिमी सी छ्वान प्रांत की राजधानी छन तु के पश्चिम में चार किलोमीटर दूर चीन की सब से लम्बी पठारी सुरंग अर लांग शेन स्थित है। इसे पार कर हम हाल में गेन जी तिब्बती प्रिफेक्चर की लू दींग काउंटी के लू दींग पुल पहुंचे। प्राचीन लू दींग पुल सी छ्वान प्रांत से चीन के तिब्बत्त स्वायत प्रदेश को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण रास्ता है। वर्ष 1935 की 29 मई को चीनी लाल सेना की यहां चांग च्ये शी की सेना के साथ घमासान लड़ाई हुई।

लू दींग पुल सी छवान प्रांत की लू दींग काउंटी की दा दु नामक नदी पर स्थित है, जो चीन की राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित ऐतिहासिक अवशेषों वाली एक इकाई है। इस पुल का निर्माण वर्ष 1706 में चीन के छिंग राजवंश के खांग शी राजा के कार्यकाल के दौरान हुआ। राजा खांग शी ने खुद ही पुल को लू दींग नाम दिया और उनके द्वारा लिखा गया एक स्मारक इस पुल के किनारे आज भी खड़ा है, जिस पर इसके नाम के लू दींग शब्द अंकित हैं। इस पुल के निर्माण के प्राथमिक लक्ष्य की चर्चा में लू दींग काउंटी के प्रचार-प्रसार मंत्री श्री हू लिन ने कहा, राजा खांग शी ने चीन के तिब्बती बहुल क्षेत्रों की स्थिरता और जातीय एकता के लिए इस पुल का निर्माण कराया। पर राजा खांग शी तब भूल से दा दु नदी को लू श्वये नदी समझ बैठे थे इसीलिए, उन्होंने इस पुल को नाम दिया लू दींग। इससे यह अर्थ निकाला गया कि लू दींग काउंटी के आसपास की जनता शांत व सुखमय जीवन बिताएगी।

लू दींग पुल की लम्बाई 103 मीटर है और चौड़ाई है तीन मीटर। पुल पर कुल 13 जंजीरें हैं और नौ जंजीरें नीचे हैं। इसके चार हत्थे और दो पाये हैं। पूरे पुल का भार 40 टन से ज्यादा है। पुल के दोनों किनारे लकड़ी से बनी चौकियां हैं।

हम 13 जंजीरों वाले इस पुल पर नीचे बहती दा दु नदी की आवाज सुनते हुए बहुत कठिनाई से आगे चल पा रहे थे और हमारे कानों में चीन के स्वर्गीय नेता माओ ज तुंग की लंबा अभियान नामक कविता गूंज रही थी। इस कविता का भावार्थ है, हजारों पहाड़ों व नदियों को पार करती लाल सेना लंबे अभियान से नहीं डरती। इस अभियान के रास्ते में लाल सेना को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, फिर भी उसके सैनिकों ने साहस से दा दु नदी का जंजीरों का पुल पार किया और मिंग शेन जैसे बर्फीले पहाड़ पर चढ़ाई की। अभियान समाप्त कर लाल सेना ने जो विजय प्राप्त की उससे उसके हर सैनिक के मुख पर मुस्कराहट थी। चीनी लोग लू दींग पुल की लड़ाई नामक एक पुरानी फिल्म को भी नहीं भुला सकते। आज कोई तीस वर्ष हो गये हैं, फिर भी चीनी लाल सेना द्वारा दा दु नदी के इस जंजीर पुल पर लड़ी गई लड़ाई लोगों के दिमाग में बनी हुई है। इस फिल्म के एक दृश्य में लाल सेना को नदी के इस छोर से दूसरी ओर जाना है। दसियों सैनिक शत्रुओं की गोलियों के बीच कठिनाई से पुल पार कर रहे हैं। कुछ सैनिक गोलियों के शिकार बन कर नदी में गिर रहे हैं। तो भी पीछे चलते सैनिक आगे चलने की कोशिश जारी रखे हुए हैं। और अंत में चीन की लाल सेना शत्रुओं के हाथों से इस पुल को अपने नियंत्रण में ले लेती है। दा दु नदी की इस लड़ाई ने लाल सेना के लंबे अभियान की अंतिम विजय का आधार तैयार किया।

यहां हमारी चीन के दक्षिणी शहर शन चंग से आये पर्यटक स्वन यांग से भेंट हुई। उन्होंने कहा, जब मैं छोटा था तो मैंने लू दींग पुल की लड़ाई वाली फिल्म देखी थी। फिल्म के कुछ दृश्यों ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी। चीनी लाल सेना के 22 सैनिक कठिनाई से इस पुल को अपने नियंत्रण में ले सके थे। आज मैं पुल पर खड़ा महसूस करता हूं कि दा दु की लहरें कितनी तेज हैं और पुल पर चलना कितना कठिन है। ऐसे में मुझे उन वीरों की बड़ी याद आ रही है।