|
आइए अब रोहतास, बिहार के सुनील केशरी व सीताराम केशरी औऱ बिहार के ही कोआथ के हाशिम आज़ाद, ख़ैरून निसा, रज़ोमा खातुन व बाबू अकरम और बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल मासूम का पत्र लें। इन सब श्रोताओं ने चीन की गुफ़ाओं के बारे में विस्तार से जानकारी चाही है। उन की यह मांग पूरी करने का हम प्रयास कर भी रहे हैं।
मित्रो, तीसरी सदी में चीन में बौद्धमत का प्रचार शुरू हुआ और इसी के साथ गुफाओं का निर्माण भी शुरू हुआ। बाद में यह रुझान देश भर में फैल गया। इन गुफ़ाओं में मूर्ति कला और चित्र कला के नमूने मिलते हैं । इस समय चीन की ऐसी 19 गुफ़ाएं राज्य परिषद की संरक्षण सूची में शामिल हैं।
सबसे अधिक कलाकृतियों या मूर्तियों वाली गुफाएं दक्षिण- पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत में हैं। इस प्रांत में ऐसी पांच चट्टानों का पता लगाया गया है जिन पर मूर्तियां गढ़ी गई हैं। इन में से दो ताजू शहर में स्थित पेईशान और बाउतिंगशान पर अंकित हैं। लहशान शहर में बुद्ध की भीमकाय मूर्ति का पता लगाया जा चुका है और जबकि दो मूर्तियां क्वांगयुवान शहर की छ्यानफ़ोया नामक चट्टान और ह्वांगजेमठ की चट्टान पर स्थित हैं।
उत्तर-पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत में ऐसी 4 गुफाओं का पता लगा है। उन में से मकाओ गुफ़ा विश्वविख्यात है, जो तुनह्वांग शहर में है। इस के अतिरिक्त आनशी शहर की यूलीन गुफ़ा, युंगजिंग की बिंगलिंग गुफ़ा और थ्येनशुई की मेजीशान गुफ़ा भी मशहूर है।
उत्तर-पश्चिमी चीन के सिंच्यांग उइगुर स्वायत प्रदेश में भी तीन गुफाएं हैं। ये हैं बाईछंग शहर की केजर गुफ़ा, कुजे की कुमदुर गुफ़ा और तुरुफ़ान जिले की बुद्ध मूर्तियों वाली गुफ़ा।
मध्य चीन के हनान प्रांत में दो गुफ़ाओं का पता लगाया गया है। इन में से ल्वोयांग शहर की लूंगमन गुफा विश्वविख्यात है और कुंगश्येन जिले की कुंगश्येन गुफ़ा भी काफी मशहूर है।
उत्तरी चीन के शानशी प्रांत के ताथुंग शहर में युनकांग गुफ़ा स्थित है, तो उत्तरी चीन के ही हपेई प्रांत के हानतान शहर में श्यांगथांगशान गुफ़ा।
उत्तर-पश्चिमी चीन के निंगश्या ह्वेई स्वायत्त प्रदेश के कूय्वान जिले में सुमेरु गुफ़ा है जबकि दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत के ज्येनछ्वान जिले की शीजुंगशान गुफ़ा भी बड़ी मशहूर है और पूर्वी चीन के जच्यांग प्रांत की राजधानी हांगचओ में स्थित फ़ेईलाई चोटी की मूर्तियां भी। इन गुफ़ाओं या मूर्तियों का निर्माण चौथी सदी से 14वीं सदी के बीच 1000 वर्षों में हुआ।
इन 19 गुफ़ाओं में से मकाओ गुफ़ा, लूंगमन गुफ़ा, युनकांग गुफ़ा और मेजीशान गुफ़ा सब से मशहूर हैं। आइए इन की संक्षिप्त जानकारी लें।
मकाओ गुफ़ा में बौद्धमत की हजारों मूर्तियां गढ़ी गई हैं। यह गुफ़ा कांसू प्रांत के तुनह्वांग शहर से दक्षिण-पूर्व में 25 किलोमीटर दूर खड़ी एक पहाड़ी चट्टान पर स्थित है। इसमें कुल 5 मंजिलें हैं औऱ दक्षिण से उत्तर तक इस की लम्बाई करीब 1600 मीटर है।इस गुफ़ा का निर्माण वर्ष 366 में शुरू हुआ और 1368 में पूरा हुआ। इस दौरान दसेक राजवंश आये-गये।
मकाओ गुफ़ा में कुल 492 गुफाएं हैं। इन के भित्ति चित्रों का क्षेत्र 45000 वर्गमीटर है और रंगीन मूर्तियों की संख्या 2400 और उड़न परियों के चित्र 4000 से अधिक हैं। गुफ़ा में थांग और सुंग राजवंश काल के पांच काष्ठवास्तु हैं। हजारों पद्मस्तंभ और फूलदार ईंटें भी हैं। मकाओ गुफ़ा विश्व में बौद्धमत कलाकृति का सब से बड़ा और दुर्लभ खजाना माना जाता है। गुफ़ा की दीवारों पर बने उड़नपरियों के चित्र चीन में काफी लोकप्रिय हैं।
वीं सदी के शुरू में मकाओ की एक गुफ़ा में चौथी से दसवीं सदी के अनेक बौद्ध सूत्र, कागजात और सांस्कृतिक अवशेष बरामद हुए। इन के अध्ययन से एक नये शास्त्र का आरम्भ हुआ। दिसंबर 1987 में मकाओ गुफ़ा का नाम विश्व विरासतों की सूची में दर्ज किया गया।
लूंगमन गुफ़ा मध्य चीन के हनान प्रांत के ल्वोयांग शहर के दक्षिण में 13 किलोमीटर दूर एक नदी के तट पर खड़ी चट्टान पर स्थित है। इस का निर्माण वर्ष 494 में शुरू हुआ और 1127 में पूरा हुआ। वर्तमान में गुफ़ा में एक लाख से अधिक मूर्तियां हैं और 2300 आले हैं।
इन में पिनयांग गुफ़ा सब से शानदार है। इस गुफ़ा के निर्माण में 24 वर्ष का समय लगा। गुफ़ा में बुद्ध की 11 बड़ी मूर्तियां हैं। गुफ़ा की दीवार पर दो दुर्लभ चित्र अंकित थे, 1940 वाले दशक के अंत में अमेरिकी उन की तस्करी कर अमेरिका ले गये। अब ये दो भित्ति चित्र अमेरिका के कंसास सिटी और न्यूयार्क के संग्रहालय में रखे गये हैं। एक अन्य गुफ़ा की दीवार पर 40 नुस्ख़े लिखे हैं जो प्राचीन चीन में विकसित उपचार पद्धति के प्रतीक हैं।
युनकांग गुफ़ा ताथुंग शहर के पश्चिम में 16 किलोमीटर दूर उचओ पहाड़ की घाटी में स्थित है। इस का निर्माण वर्ष 406 में शुरू हुआ और 524 में पूरा हुआ। इस की लम्बाई एक किलोमीटर है। गुफ़ा का पैमाना बहुत बड़ा है। यहां की 45 गुफ़ाओं में 51000 मूर्तियां और 1100 से अधिक आले हैं।
गुफ़ा की सब से छोटी मूर्ति की लम्बाई मात्र 2 सेंटीमीटर है जबकि सब से बड़ी मूर्ति की लम्बाई 17 किलोमीटर है। गुफ़ा नं 20 में पद्मासन में बैठे बुद्ध की मूर्ति की लम्बाई 13.75 मीटर है। यह मूर्ति युन्कांग गुफ़ा की प्रतीक मानी जाती है।
मेजीशान गुफ़ा उत्तर-पश्चिमी चीन के कांसू प्रांत के थ्येनश्वेई शहर के दक्षिण-पूर्व में 45 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी इलाके में स्थित है। गुफ़ा की खुदाई 1500 वर्ष पहले एक चट्टान पर की गई। गुफ़ाओं के बीच चट्टान पर सीढ़ियां बनाई गई हैं। गुफ़ाओं में मिट्टी से रंगीन मूर्तियां बनाई गई हैं।करीब 200 गुफ़ाओं में मिट्टी व पत्थर की 7000 मूर्तियां हैं। भित्ति चित्रों का क्षेत्रफल 1000 वर्गमीटर है।
|