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(GMT+08:00) 2004-09-20 13:51:16    
पेइचिंग का प्राचीन शाही प्रासाद

cri
चीनी राजधानी पेइचिंग के केंद्र में एक भव्य व रहस्यमय प्राचीन महल खड़ा है । यह विश्वविख्यात निषिद्ध नगर यानी प्राचीन शाही प्रासाद है ।

पेइचिंग का प्राचीन शाही प्रासाद चीन के सुरक्षित प्राचीन राज महलों में सब से शानदार ही नहीं, बल्कि वर्तमान विश्व में सुरक्षित सब से बड़े पैमाने वाला काष्ठ वास्तुसमूह भी है । पेइचिंग का प्राचीन शाही प्रासाद वर्ष 1406 में यानी चीन के मिन राजवंश के दूसरे सम्राट जु डी के आज्ञा पर निर्मित किया गया था, इस के निर्माण में कुल 14 साल लगा । वर्ष 1911 में चीन के अंतिम राजवंश छिंग की समाप्ति तक कुल 24 सम्राट यहां रहते और शासन करते रहे थे।

प्राचीन शाही प्रासाद का क्षेत्रफल 7 लाख 20 हज़ार वर्गमिटर है, उस के दक्षिण से उत्तर तक की लम्बाई लगभग 1000 मीटर है, जबकि पूर्व से पश्चिम के बीच चौड़ाई करीब आठ सौ मीटर । महल की चारों ओर 10 मीटर से ज़्यादा उंची दीवार खड़ी है और दीवार के बाहर 50 मीटर चौड़ी नदी चारों ओर महल की रक्षा करती है। प्राचीन शाही प्रासाद सामंतवादी राजवंश के मानसिक व राजनीतिक व्यवस्था के अनुरूप बनाया गया है, उस की शैली, रंग, आकार और महलों की सजावट सभी सम्राट के अद्वीतीय अधिकार का प्रतिबिंब करते थे । प्राचीन शाही प्रासाद में तीन प्रमुख महल सब से उल्लेखनीय हैं, उन के नाम है थाई होत्येन महल, जोंग होत्येन महल और बाओ होत्येन महल । ये सम्राटों के शासन और महत्वपूर्ण रस्मों के आयोजन के मुख्य स्थान थे ।

 

थाई होत्येन महल प्राचीन शाही प्रासाद का केंद्र है, सम्राट का सिंहासन इसी महल में रखा गया है, यह महल प्राचीन शाही प्रासाद के सभी मकानों में सब से शानदार है । 30 हज़ार वर्गमीटर वाले चौक के सामने खड़ा थाई होत्येन महल आठ मीटर उंचे संगमरमर के शिलाधार पर बड़ा आलीशान नज़र आता है । महल की लम्बाई 40 मीटर है, वह प्राचीन शाही प्रासाद के सब से उंच्चा महल भी है । चीनी संस्कृति में ड्रेगन सम्राट का प्रतीक माना जाता था और सम्राट को ड्रेगन का अवतार कहा जाता था, इस लिए थाई होत्येन महल की सजावट में ड्रेगन के चित्र और मुर्तियाँ बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं, जिन की संख्या कुल मिलाकर 13 हज़ार है ।

पेइचिंग के प्राचीन शाही प्रासाद में मकानों की संख्या अनगिनत है, अनुमान है कि यहां कुल 9999 कमरें हैं । प्राचीन समय में लोगों की मान्यता थी कि स्वर्ग लोक में कुल दस हज़ार मकान है , सम्राट को स्वर्ग राजा के पुत्र के कारण अपनी हैसियत से दस हज़ार ज़्यादा मकानों में नहीं रहना चाहिए, इस लिए प्राचीन शाही प्रासाद के मकान स्वर्ग लोक के मकानों से एक मकान कम बनाए गए । प्राचीन शाही प्रासाद के मकान अधिकतर लकड़ी से बनाए गए हैं, इस लिए यहां अग्नि की रोकथाम ज्यादा महत्वपूर्ण है । चीनी प्राचीन वास्तुकारों ने इस समस्या पर बड़ा ध्यान दिया । इस विशाल महल समूह के विभिन्न कोनों में कुल 308 बड़े बड़े कांस्य कुंड रखे गए थे, जिन में वर्ष का पानी भरा हुआ था, जो अग्नि के शमन के लिए काम आता था । पेइचिंग का प्राचीन शाही प्रासाद वर्तमान विश्व में सुरक्षित प्राचीन महलों में सब से बड़ा और पूर्ण काष्ठ वास्तु निर्माण समूह है ।

ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार इस महल के निर्माण में मिन राजवंश ने कुल एक लाख मज़दूरों और दस लाख गुलामों की शक्ति लगाई थी और महल के लिए सभी सामग्री देश की विभिन्न जगहों से लायी गई, यहां तक कि राजधानी पेइचिंग से हज़ारों किलोमीटर दूर सीमांत क्षेत्र यून नान प्रांत से भी लकड़ी लायी गई थी । प्राचीन शाही प्रासाद के बाओ होत्येन महल के पीछे के भाग में 50 से ज्यादा वर्ग मीटर क्षेत्रफल और 300 टन भारी एक विशाल पत्थर जड़ित है, जिस पर पहाड़, समुद्री लहरें, बादल और नौ ड्रेगन खोदे गए हैं । यह प्राचीन शाही प्रासाद के पत्थर तराश का सब से बड़ा काम है । पत्थर पेइचिंग से 100 किलोमीटर दूर फ़ान शान में मिला था, प्राचीन समय में आधुनिक मशीनों के बिना इसे स्थानांतत्रित करना बहुत मुश्किल था । गुलामों ने सर्दियों के दिनों में इस की ढुलाई के रास्ते में हर दर्जनों मीटर की दूरी पर एक कुआँ खोदा और उस के पानी को रास्ते पर फेंक कर बर्फिला रास्ता बनाया, इस के बाद वे नाव खींचने की तरह पत्थर को बर्फ़ पर नगर की ओर खींचते रहे । हज़ारों गुलामों और एक हज़ार से ज्यादा घोड़ों द्वारा एक महीने के समय लगा कर इस विशाल पत्थर को प्राचीन शाही प्रासाद तक पहुंचाया गया ।

देश विदेश के वास्तु विशेषज्ञों का माना है कि पेइचिंग का प्राचीन शाही प्रासाद एक आशचर्य है और वह विश्व में बेज़ोड निर्माण है । अब यह शानदार महल चीनी परम्परागत संस्कृति का प्रतीक बन गया है ।