|
|
(GMT+08:00)
2004-09-17 14:38:11
|
|
चीन और विदेशों के बीच जारी शिक्षा सहयोग संबंधी जानकारी
cri
पिछले के कार्यक्रमों में हम आप को चीनी छात्रों के विदेशों में अध्ययन के बारे में जानकारी दे चुके हैं , यहां प्रस्तुत हैं चीन और विदेशों के बीच जारी शिक्षा सहयोग संबंधी जानकारी हैं । वर्ष उन्नीस सौ अस्सी से चीन में खुलेपन की नीति लागू होने के बाद जहां हजारों लाखों चीनी छात्र विदेशों में पढ़ने गये । वहीं कुछ विदेशी कालेजों ने भी चीन के साथ शिक्षा सहयोग की शुरूआत की , और कुछ विदेशी अध्यापकों ने भी चीन में अध्यापन करना शुरू किया । चीनी राज्य परिषद की शिक्षा उपाधि मान्यता समिति के पदाधिकारी श्री शू पोल्यांग मानते हैं कि चीन और विदेशों के बीच शिक्षा सहयोग , देश के शिक्षा कार्य के विकास के लिये खासा लाभदायक है । और कहते हैं कि इसलिये चीन सरकार इस का समर्थन करती है । उन्हों ने कहा कि चीन सरकार, विदेशी शिक्षा संसाधनों तथा उन्नतिशील प्रबंध उपायों के आयात की पक्षधर है , क्योंकि इस से देश को आर्थिक निर्माण तथा सामाजिक विकास के लिये आवश्यक प्रतिभाओं के प्रशिक्षण में मदद मिली है । वे कहते हैं , चीन की आशा है कि उस के कालेज, सहयोग के जरिये विदेशी कालेजों से उन्नतिशील शिक्षण तकनीक तथा प्रबंध अनुभव सीखेंगे , और इस से चीनी अध्यापकों का स्तर भी उन्नत हो सकेगा । इस दौरान चीनी छात्र भी विदेशी कालेजों की उन्नत वैज्ञानिक व तकनीकी जानकारियां हासिल कर पाएंगे । इधर के सालों में चीनी-विदेशी शिक्षा सहयोग का तेजी से विकास हुआ है । चीनी शिक्षा मंत्रालय के चीन विदेश आदान प्रदान विभाग के पदाधिकारी श्री न्ये रेलीन ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन में चीन के प्रवेश के बाद चीन व विदेशों के बीच शिक्षा सहयोग बड़ी तेजी से विकसित हो रहा है । आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष के अन्त तक चीन व विदेशों के बीच कुल सात सौ सहयोग योजनाएं लागू हुई हैं । इन विदेशों में अमेरिका , ओस्ट्रेलिया , कनाडा , सिंगापुर , ब्रिटेन , फ्रांस और जर्मनी आदि विकसित देश शामिल हुए । और सहयोग के मुद्दों में मुख्य तौर पर वाणिज्य प्रबंध , भाषा , आर्थिक सूचना , कला आदि विषयों की उपाधियां शामिल हैं । इधर के वर्षों में पूर्वी चीन के पेइचिंग , शांघाई और शानतुंग जैसे स्थानों के अलावा पश्चिमी चीन की शिआन व छंगतु आदि जगहों के कालेजों ने भी विदेशों के साथ सहयोग करना शुरू कर दिया है । पेइजिंग कृषि विश्वविद्यालय ने वर्ष उन्नीस सौ चौरानवे में ही अमेरिका व ब्रिटेन के कालेजों की मदद से पशुपालन व अंतर्राष्टीय अर्थ-शास्त्र समेत अनेक उपाधियां खोल दी थीं । कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपत्ति श्री फू जेथिएन ने कहा कि विदेशी कालेजों के साथ सहयोग से विश्व की सब से उन्नतिशील जानकारियां हासिल हुईं , इस से हमारा विश्वविद्यालय नयी शताब्दी की जरूरत के लिये और अधिक उपयोगी बना है । पता चला है कि चीनी कृषि विश्वविद्यालय में जारी अंतर्राष्टीय सहयोग के तहत , कुछ उपाधियां चीन में प्रदान की जाएगी , जबकि कुछ अन्य उपाधियां विदेशों में ही । अध्यापकों और पाठ्यपुस्तकों का अधिकांश विदेशी हैं , और चीनी छात्रों , जिन्हों ने ये उपाधियां चुनी हैं , को विदेशी कालेजों की डिग्री प्राप्त हो सकेगी । इस में यह भी चर्चित है कि चीनी कृषि विश्वविद्यालय से विदेशी डिग्री हासिल करने वाले चीनी छात्र का , चार सालों के लिये पढ़ाई का खर्च आठ हजार अमेरिकी डालर रहेगा , जो विदेशों में समान डिग्री पढ़ने की फीस से बहुत सस्ता है । इसलिये चीनी छात्रों और उन के माता पिता ने शिक्षा सहयोग के ऐसे मुद्दों का स्वागत किया है । चीन सरकार द्वारा कुछ समय पहले प्रकाशित चीनी विदेशी शिक्षा सहयोग नियम ने विदेशी कालेजों के चीन से शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग का समर्थन किया है । पर यह सहयोग आम तौर पर व्यावसायिक व उच्च स्तरीय शिक्षा के दायरे तक में ही सीमित रखा गया है । प्राइमरी व मिडिल स्कूल तथा सेना , पुलिस तथा राजनीति आदि से संबंधित चीनी स्कूलों में ऐसा सहयोग नहीं हो जाएगा ।
|
|
|