हर साल के वसंत काल में चीनी अल्प संख्यक जाति ताई जाति में एक शानदार त्यौहार मनाया जाता है , जो जल छिड़काव त्यौहार के नाम के देश भर मशहूर है । इस लोकप्रिय त्यौहार मनाने के दौरान ताई लोग एक दूसरे पर भर मन से पानी छिड़काते नजर आते हैं , इस सुअवसर पर गांव गांव में पानी छिड़काने की आवाज , मधुर गाना तथा हर्षोल्लास का वातावरण छाया रहता है । त्यौहार की खुशी मनाने के लिए ताई युवतियां सब से अधिक नेत्रों को आकर्षित करती हैं , उन के बदन पर पहने रंगबिरंगे सुन्दर वस्त्र त्यौहार का एक विशेष अनूठा समां बन जाता है । आज के इस कार्यक्रम में आप सुनेंगे ताई जाति की युवतियों के खूबसूरत वस्त्र ।
ताई जाति के लोगों में मयूर के प्रति विशेष अनुरोग होता है । दंतकथा के अनुसार प्राचीन काल में एक बहादुर सुन्दर राजकुमार था , जिस की पत्नी बनने के लिए बड़ी संख्या में ताई युवतियां चाहती थी । एक दिन , किसी शिकारी ने राजकुमार को बताया कि दूसरे दिन, सात खूबसूरत मयूर युवतियां झील में नहाने आएंगी , जिन में से सब से छोटी उम्र की लड़की सब से सुन्दर भी है । अगर कोई उस के नहाने के दौरान उस का मयूर वाला वस्त्र छुपा लेगा , तो वह उस की पत्नी बनने को मंजूर होगी । राजकुमार को बड़ी कोतुहल हुई । दूसरे दिन वह झील के पास आया , तो पाया कि झील के स्वच्छ पानी में सात सुन्दर लड़कियां नहा रही थी , राजकुमार को पहली नजर में ही उन में से सब से खूबसूरत लड़की से प्रेम हो गया । तो उस ने चुपके से उस का मयूर वस्त्र की चोरी कर छुपा दिया । नहाने के बाद युवतियां अपना अपना वस्त्र पहने मौर्य के रूप में परिणत हो कर उड़ गईं , मात्र वह छोटी लकड़ी अपना वस्त्र नहीं मिल पाने के कारण वही रह गई । इसी वक्त राजकुमार उस का वस्त्र उठाए पास आया , तो बाद में वह सुन्दर मौर्य युवती राजकुमार की पत्नी बन गई और वे सुखमय जीवन बिताने लगे ।
यह कथा ताई जाति बहुल क्षेत्रों में पीढियों से चली आ रही है , आज भी ताई युवतियों के वस्त्र डिजाइन में मौर्य का चित्र देखने को मिलता है । ताई जाति की श्वी ताई नामक शाखा की युवतियों के आभूषण विशेष आकर्षक है ।
श्वी ताई ताई जाति की एक विशेष शाखा है , पानी के किनारे रहने के कारण इस शाखा का नाम श्वी जाति अर्थात जल वाला ताई कहलाता है । श्वी ताई की युवतियां नंगा पांव चलना और लम्बा व पतला बेलन नुमा स्कर्ट पहनना चाहती हैं । बेलन नुमा स्कर्ट सुन्दर कपड़े के एक लम्बे टुकड़े को जोड़ कर बनाया जाता है , स्कर्ट को तह किया जा सकता है , जो देखने में सुन्दर लगता है और चलने फिरने तथा श्रम करने में बाधा भी नहीं बनता है । रंगबिरंगे ऐसे स्कर्ट के साथ सादा रंग की चुस्त चोली पहनने पर हरछरी बदन वाली ताई युवती देखने में यो लगती है , मानो मयूर उपवन में विचलर रही हो , जो असाधारण लावण्य और आकर्षक हो रही हो ।
ताई जाति सुन्दर लड़की को स्वर्ण मयूर कहती है । हमारी मुलाकात यु मन नाम की एक सुन्दर लड़की से हुई , वह भी स्वर्ण मयूर मानी गई । बेलन नुमा ताई स्कर्ट की चर्चा करते हुए वह कहती हैः
रूढ़ नियम के अनुसार जब स्कर्ट पहना जाता है , वह सिर से ऊपर से नीचे की ओर पहनती है , नीचे से ऊपर की ओर पहनने की मनाही है । मजे की बात यह है कि जब ताई युवती झील नदी में नहाने जा रही है , तो वे धीरे धीरे पानी के भीतर कदम बढ़ रही है और आगे चलते हुए अपने स्कर्ट को नीचे से ऊपर की ओर तह करने जा रही है , जब वह पूरी तरह पानी में आई , तभी उस का स्कर्ट भी उतारा जा चुका है और वह स्कर्ट को अपने सिर पर बांध देती है । नहाने के बाद वह पानी से किनारे पर चढ़ने के साथ स्कर्ट को ऊपर से नीचे की ओर पहनने लगी , जब किनारे पर पहुंची ,तो स्कर्ट भी शरीर पर अच्छी तरह पहना जा चुका है ।
ताई जाति की दूसरी शाखा हान ताई कहलाती है , इस शाखा के लोग बहुधा पहाड़ों के पास घर बसाए रहते हैं , उन का अपना ढंग का परिधान होता है । श्वी ताई के वस्त्र हल्के और पानी की तरह लहरदार है , पर हान ताई के वस्त्र चमकीले और रंगीन होते हैं । हान ताई में रंगीन कमरबंद पहनने वाले ताई लोगों के वस्त्र और ज्यादा सुन्दर और अनोखे है । रंगीन कमरबंद वाले ताई लोगों के वस्त्रों के रंग प्रायः काला व लाल दो प्रकार के हैं । रंगीन कमरबंद वाले ताई लोग शरीर पर लघु कमीज पहनते हैं , जिस का ना बांह है न ही कालर । कपड़े पर कसीदारी के काम और बेलबूटे लगे हैं , कमर में अपने द्वारा बुना गया रंगीन कमरबंद बंधा हुआ है , कमरबंद पर चांदी की छोटी छोटी कलात्मक गेंद है और किनारों पर सुन्दर धागे के काम है और छोरों पर छोटी छोटी घंटियां लटकी हुई हैं । हान ताई की युवती तीन तहों का विशेष ढंग का स्कर्ट पहनती है , इन तीन तहों में से सब से अन्दर का तह टखनी तक आता है , दूसरा तह घुटनी तक तथा बाहर का तीसरा तह सब से छोटा है , जो केवल नितंब तक आता है ,जिस के दोनों छोरों पर छोटी छोटी घंटियां लटकी हुई हैं । उन के बेलननुमा स्कर्ट के निचले किनारों पर लम्बा चमकीला रेशमी झालर टंका है , उस का बाईं भाग दाईं भाग से ऊंचा है , जो देखने में बड़ा नटखट और चंचल नजर आती है ।
रंगीन कमरबंद वाली ताई जाति की युवती चांदी के आभूषण कंगन ,कनककली तथा गरेबान पसंद करती है , उन के वस्त्रों पर चांदी की छोटी छोटी गोलाकार गेंद तरह तरह की तस्वीरों के रूप में टंकी हुई हैं ।
सुश्री यांग युन अल्पसंख्यक जातियों के वस्त्र आभूषण के अनुसंधान में लगे एक प्रोफेसर है , उन्हों ने युन्नान प्रांत की अल्प संख्यक जातियों के वस्त्रों में टंकी इस प्रकार की चांदी की छोटी गेंद की व्याख्यान करते हुए कहाः
असल में इस प्रकार के आभूषण से पुराने समय में चांद तारा की भक्ति यानी लिंग पूजा की अभिव्यक्ति होती थी , उसे पहनने से देवता से यह प्रार्थना था कि परिवार में बच्चों का ज्यादा जन्म हो और वंश फलता फुलता हो । ताई जाति के लोगों में विश्वास है कि देवता चांद प्रजन्न शक्ति का देवता है , आकाश में जो बेशुमार तारे दिखते हैं , वे सभी चांद की संतानें हैं ।
रंगीन कमरबंद वस्त्र पहनने वाली ताई जाति की युवतियां बड़ी होने के बाद सड़कों पर सौंदर्य प्रतियोगिता करना पसंद करती हैं ।
इस प्रकार का सड़की प्रतियोगिता ताई जाति के युवाओं के आपस में मिलने का एक सुनहरा मौका है । मौके पर युवती पीठे पर खूबसूरत बनायी गई छोटी टोकरी लादे अपना मनपसंद वस्त्र पहनती है और गांव की किसी स्त्री की रहनुमाई में सड़कों से धीरे धीरे गुजरने जा रही हैं , सड़कों के दोनों किनारों पर खड़े युवक को जो युवति पसंद आई , वह उसी युवती के पीठे पर लदे टोकरी के अन्दर अपना पूर्व तैयार उपहार फेंक देता है , यदि युवति को वह युवक पसंद आया, तो वह उस का उपहार स्वीकार कर लेती है , अगर पसंद नहीं आया ,तो विनम्रता के साथ उपहार वापस लौटाती है और आगे अपनी राह चलती जा रही है । सुन्दर वस्त्रों से सुसज्जित ताई युवतियां एक से एक बढ़ कर खूबसूरत दिखती है , उन के छरहरे कमर में लटकी छोटी छोटी घंटियां उन के पदक्षेप के साथ स्वच्छंद आवाज देती हैं और सुनने में बड़ा आनंद मिलती है ।
सड़कों पर सौंदर्य प्रतियोगिता के दौरान आप को सब से सुन्दर ताई युवति तथा सब से सुन्दर ताई वस्त्र देखने को मिलती है , इस सुअवसर से बहुत से ताई युवा प्रेम और विवाह के सूत्र में बंध जाते हैं ।
किसी यात्री ने ताई युवतियों के मनमोहक वस्त्र देखने के बाद बड़ी भावविभोर हो कर कहा कि ये वस्त्र शरीर पर पहने गए संगीत लगते है , स्त्रियों को इस प्रकार के सुन्दर वस्त्र पहनने का जन्म सिद्ध हक होता है।
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