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(GMT+08:00) 2004-09-03 18:19:20    
चीन में बाल बच्चों की गुणवता की बढ़ोतरी

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एक ताजा सर्वेक्षण कहता है कि चीन के 3 से 18 वर्ष की उम्र वाले बच्चों में से आधे , या तो दूसरों के साथ सहयोग करने में असमर्थ हैं , या श्रम से प्रेम नहीं करते हैं , या मनोवैज्ञानिक तौर पर हद से ज्यादा कमजोर हैं । इसी स्थिति को देखते हुए चीन के राष्टीय महिला संघ और चीनी शिक्षा मंत्रालय ने देश के बच्चों के नैतिक बल को उन्नत करने के लिये गत फरवरी से चीनी लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना शुरू की ।

चीन की कोई 30 करोड़ आबादी ऐसी हैं , जिस की औसत उम्र 18 साल के नीचे है । चीन सरकार ने 1970 में परिवार नियोजन का जो राष्टीय सिद्धांत लागू किया , उस के तहत एक परिवार में एक ही बच्चा होने की व्यवस्था है । इसलिये वर्तमान में भी चीनी शहरों के अधिकांश परिवार इकलौती संतान वाले नजर आते हैं । ऐसे इक्लौते बच्चों को अपने माता पिता के अतिरिक्त , दादा दादी , नाना नानी भी हैं , यानी सब परिवार के सभी सदस्य इस अकेले बच्चे को प्रेम करते हैं । लेकिन हद से ज्यादा प्रेम से बच्चों के प्रशिक्षण के लिये बाथक बन जाता है , कारण यह है कि वे ये स्वयं को दुनिया का केंद्र मानने लगते हैं , और दूसरों पर ध्यान नहीं देते ।

इस नैतिक मनोवैज्ञानिक समस्या के समाधान के लिये चीन के प्राइमरी स्कूलों में नैतिक कक्षाएं खोली गयीं , और अब लघु नागरिक नैतिकता निर्माण जैसी योजना लागू की गयी । इन सब का लक्ष्य चीनी बच्चों को बुनियादी सामाजिक मल्यों में दीक्षित करना व जिम्मेदारी का भाव पैदा करना है । चीनी महिला संघ की उपाध्यक्षा सुश्री गू श्यू ल्यैन ने कहा कि चीन की लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना का देश जनता से बहुत लोकप्रिय है , और इस का लक्ष्य चीनी बच्चों की नैतिक गुणवता को उन्नत करना और उन्हें उदार विचारधारा कायम करना है । इस योजना का नारा है - घर में माता पिता के लघु सहायक बनें , स्कूल में सहपाठियों के मित्र बनें , समाज में दूसरों की मदद करने वाले हों तथा जीवन में पर्यावरण के लघु रक्षक ।

चीनी बच्चों में नैतिकता निर्माण की गतिविधियों का देश के कोने कोने में स्वागत हुआ है । पश्चिमी चीन के शानशी प्रांत में इस के तहत बच्चों की विचार गोष्ठी तथा निबंध प्रतियोगिता आदि आयोजित रही , और दक्षिणी चीन के क्वांगतूंग प्रांत में मैं माता पिता के साथ शीर्षक मंच रखा गया है ।

सुश्री पाई श्वे ल्यैन पेइजिंग शहर के गू-छंग प्राइमी स्कूल में चीनी भाषा पढाती हैं । इस स्कूल में भी लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना लागू है । इस योजना से स्कूल के बच्चों को पहुंचने वाले लाभ की चर्चा करते हुए सुश्री पाई ने कहा कि लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना के अंतरगत चलने वाली गतिविधियों से अनेक चीनी बच्चों के नैतिक गुण को उन्नत करने में मदद मिली है । उदाहरण के लिये उत्तरी चीन के थिएनचिन शहर के एक दस वर्षीय लड़के ने अपने कपड़ों पर बटन टांकना सीखा । चीन के सब से बड़े शहर शांघाई की 11 वर्षीया लड़की लीन शींग को खाना बनाना आ गया । पेइजिंग के हो क्वांग पींग प्राइमरी स्कूल के 12 वर्षीय लड़के फंग इंग पो ने स्वयं में आये परिवर्तन की बात इस तरह बतायी कि अब मैं पहले से ज्यादा मेहनती हो गया हूं । पहले मैं अपने बिस्तर तक भी नहीं लगा पाता था , पर अब मैं यही नहीं , रोज़ फर्श की सफाई करने के साथ साथ घर केर दूसरे काम भी करता हूं , और प्याले पयालियां भी मांचता ।

चीन की लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना ने अनेक बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के विचार को भी जन्म दिया है । और अब वे अपने आप पास के बूजुर्गों तक यह विचार पहुंचा रहे हैं । 10 वर्षीय ली छंग युवन इस से ही अपने पिता को यह सुझा पाया कि वे अपने रेस्ट्रां के ग्राहकों को एक बार इस्तेमाल लाये जा चुके चोप्सटिक्स का प्रयोग न करने दें ।

इस साल 1 जून को अंतर्राष्टीय बाल दिवस पर पेइजिंग के प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों ने सड़कों पर 100 से अधिक स्टेशन रखे और लोगों को लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना का प्रसार किया ।